Hindi Gospel Movie "शहर परास्त किया जाएगा" क्लिप 4 - क्या बाइबल की व्याख्या करना परमेश्वर का गुणगान करने और उनके लिए गवाही देने के समान है?
सम्पूर्ण धार्मिक संसार के बहुत से लोग यह मानते हैं कि वे जो बाइबल की व्याख्या करने में ज्यादा सक्षम हैं, ऐसे लोग हैं जो परमेश्वर को जानते हैं, और यह कि अगर वे बाइबल की व्याख्या कर सकते हैं और भविष्यवाणियाँ भी समझा सकते हैं, तो वे ऐसे लोग हैं जो परमेश्वर की इच्छा के अनुरूप रहते हैं, और वे परमेश्वर की प्रशंसा करते और गवाही देते हैं। कई लोग, इसलिए, इस तरह के लोगों पर आँख मूंद कर विश्वास करते हैं और उनकी आराधना करते हैं। तो क्या पादरियों और एल्डर्स द्वारा बाइबल की व्याख्या करना वास्तव में परमेश्वर की प्रशंसा करना और उनकी गवाही देना है? सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "वे जो बड़ी-बड़ी कलीसियाओं में बाइबिल पढ़ते हैं, वे हर दिन बाइबिल पढ़ते हैं, फिर भी उनमें से एक भी परमेश्वर के काम के उद्देश्य को नहीं समझता है। एक भी परमेश्वर को नहीं जान पाता है; और यही नहीं, उनमें से एक भी परमेश्वर के हृदय के अनुरूप नहीं है। वे सबके सब व्यर्थ, अधम लोग हैं, जिनमें से प्रत्येक परमेश्वर को सिखाने के लिए ऊँचे पर खड़ा हैं। यद्यपि वे परमेश्वर के नाम पर धमकी देते हैं, किंतु वे जानबूझ कर उसका विरोध करते हैं" (वचन देह में प्रकट होता है)।
चमकती पूर्वी बिजली, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया का सृजन सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकट होने और उनका काम, परमेश्वर यीशु के दूसरे आगमन, अंतिम दिनों के मसीह की वजह से किया गया था। यह उन सभी लोगों से बना है जो अंतिम दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कार्य को स्वीकार करते हैं और उसके वचनों के द्वारा जीते और बचाए जाते हैं। यह पूरी तरह से सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्तिगत रूप से स्थापित किया गया था और चरवाहे के रूप में उन्हीं के द्वारा नेतृत्व किया जाता है। इसे निश्चित रूप से किसी मानव द्वारा नहीं बनाया गया था। मसीह ही सत्य, मार्ग और जीवन है। परमेश्वर की भेड़ परमेश्वर की आवाज़ सुनती है। जब तक आप सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, आप देखेंगे कि परमेश्वर प्रकट हो गए हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें