हर चीज़ पर जिसका प्रभुत्व है
चमकती पूर्वी बिजली,सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया -सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की भजन मंडली |
हम क्यों जीवित हैं? और हमें करना क्यों पडता है?
परमेश्वर कहते हैं: “जो लोग मर जाते हैं वे जीवितों की कहानियों को अपने साथ ले जाते हैं और जो जीवित हैं वे मरे हुओं के वही त्रासदीपूर्ण इतिहास को दोहराते रहते हैं। मानवजाति बेबसी में स्वयं से पूछती हैः हम क्यों जीवित हैं? और हमें करना क्यों पडता है? यह संसार किसके आदेश पर चलता है? मानवजाति को किसने रचा है? क्या वास्तव में मानवजाति प्रकृति के द्वारा ही रची गई है? क्या मानवजाति वास्तव में स्वयं के भाग्य के नियंत्रण में है?”जो जहाँ से आया है वहीं लौट जाएगा
युग-युगांतर से सभी लोग अस्तित्व के उन्हीं नियमों का पालन करते चले आ रहे हैं; इंसान तुतलाने से लेकर बाल सफ़ेद होने तक, जीवन की आपाधापी में लगा रहता है, जब तक कि वह ख़ाक में न मिल जाए...हम क्यों जीवित हैं? और हमें करना क्यों पडता है?
परमेश्वर कहते हैं: “जो लोग मर जाते हैं वे जीवितों की कहानियों को अपने साथ ले जाते हैं और जो जीवित हैं वे मरे हुओं के वही त्रासदीपूर्ण इतिहास को दोहराते रहते हैं।”ब्रह्माण्ड की हर चीज़ पर किसका प्रभुत्व है? परमेश्वर कहते हैं: “मनुष्य नहीं जानता कि ब्रह्मांड की सत्ता किसके पास है, मानवजाति की उत्पत्ति और भविष्य तो वह बिल्कुल नहीं जानता।”क्या मानवजाति वास्तव में स्वयं के भाग्य के नियंत्रण में है?
जब आपदाएं अनपेक्षित रूप से आती हैं, तो हमारा सारा ज्ञान, कौशल और योग्यता धरी की धरी रह जाती है ... बस हम विवशता, अनिश्चितता, सदमे और भय की स्थिति में होते हैं, हमें जीवन की क्षणभंगुरता का बोध होता है... बस अपने आपसे यहप्रश्न करते हैं: हमारे भाग्य का नियंता कौन है? हमारा उद्धार किसके हाथ में है?
परमेश्वर कहते हैं: “इन सबके मध्य और स्वर्ग में केवल एक ही शाश्वत सत्ता है जो सभी पर अपनी सम्प्रभुता रखती है।”
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