प्रश्न 18: तुम इसका प्रमाण देते हो कि अंतिम दिनों में परमेश्वर मनुष्य को पूरी तरह से शुद्ध करने और बचाने के लिए न्याय के अपने कार्य को करता है, परन्तु सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्त वचनों को पढ़ने के बाद, मुझे लगता है कि उनमें से कुछ मनुष्य की निंदा करते और उसे शाप देते हैं। यदि परमेश्वर मनुष्य को निन्दित और शापित करता है, तो क्या मनुष्य को सजा भुगतनी नहीं होगी? और तुम यह कैसे कह सकते हो कि इस तरह का न्याय मानव जाति को शुद्ध करता और बचाता है?
उत्तर:
अंत के दिनों में, परमेश्वर सत्य को व्यक्त करने और विजेताओं का एक समूह बनाने के लिए न्याय का कार्य करते हैं, ऐसे लोगों का एक समूह जो परमेश्वर के साथ एकमना और एकदिल हैं। यह तभी तय कर लिया गया था जब परमेश्वर ने दुनिया बनायी थी। तुम कह सकते हो कि परमेश्वर ने पहले से ही जीतने वालों का एक समूह बना लिया है, कि उन्हें परमेश्वर के न्याय और ताड़ना के माध्यम से सिद्ध बनाया जा चुका है, कि वे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के क्रूर उत्पीड़न के दारुण दुःख से बाहर आ गए हैं। यह एक तथ्य है कि परमेश्वर ने पहले से ही यह किया है, कोई भी इससे इनकार नहीं कर सकता है।