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बुधवार, 31 जुलाई 2019

Hindi Christian Video "साम्यवाद का झूठ" क्लिप 2 - विज्ञान मानवजाति के लिए वरदान रहा है या अभिशाप?


Hindi Christian Video "साम्यवाद का झूठ" क्लिप 2 - विज्ञान मानवजाति के लिए वरदान रहा है या अभिशाप?

भौतिकवाद और विकासवाद के सिद्धांत जैसे तर्कों का उपयोग करके, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी परमेश्वर के अस्तित्व और परमेश्वर के शासन को नकारने में कोई कसर नहीं छोड़ती। वे यह भी मानते हैं कि विज्ञान विकास ला सकता है और इंसान को सुख दे सकता है। क्या वाकई इसमें कोई सच्चाई है? क्या आज का वैज्ञानिक विकास आखिर मानवता के लिए वरदान लाया है या अभिशाप?

सोमवार, 24 जून 2019

क्या त्रित्व का अस्तित्व है? भाग दो



यह अधिकांश लोगों को उत्पत्ति से परमेश्वर के शब्दों को याद दिला सकता है: "हम मनुष्य को अपनी छवि में बनाएँ, हमारे समान।" यह देखते हुए कि परमेश्वर कहता है, "हम" मनुष्य को "अपनी" छवि में बनाएँ, तो "हम" इंगित करता है दो या अधिक; चूंकि उसने "हम" कहा, फिर सिर्फ एक ही परमेश्वर नहीं है। इस तरह, मनुष्य ने अलग व्यक्तियों की कल्पना पर विचार करना शुरू कर दिया, और इन शब्दों से पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा का विचार उभरा। तो फिर पिता कैसा है? पुत्र कैसा है? और पवित्र आत्मा कैसा है? क्या संभवत: यह हो सकता है कि आज की मानवजाति एक ऐसी छवि में बनाई गई थी, जो तीनों से मिलकर बनती है? तो मनुष्य की छवि क्या पिता की तरह है, या पुत्र की तरह या पवित्र आत्मा की तरह है? मनुष्य परमेश्वर के किस जन की छवि है? मनुष्य का यह विचार बस ग़लत और अतर्कसंगत है! यह केवल एक परमेश्वर को कई परमेश्वरों में विभाजित कर सकता है।

सोमवार, 22 अप्रैल 2019

देह की चिन्ता करने वालों में से कोई भी कोप के दिन से नहीं बच सकता है

आज, मैं तुम लोगों की उत्तरजीविता के वास्ते इस प्रकार से धिक्कारता हूँ, ताकि मेरा कार्य सुचारू रूप से प्रगति करे, और ताकि सम्पूर्ण जगत में मेरा आरंभिक कार्य, मेरे वचनों, अधिकार, प्रताप और मेरे न्याय को सभी देशों और राष्ट्रों के लोगों के लिए प्रकट करते हुए, और भी अधिक उचित ढंग से और उत्तम तरह से किया जा सके। जो कार्य मैं तुम लोगों के बीच करता हूँ वह सम्पूर्ण जगत में मेरे कार्य का आरम्भ है। यद्यपि अभी अंत के दिन चल रहे हैं, फिर भी ज्ञात रहे कि "अंत के दिन" केवल एक नए युग का नाम हैः ठीक व्यवस्था के युग और अनुग्रह के युग के समान, यह एक युग का संकेत है, और यह, अंतिम कुछ वर्षों या महीनों के बजाय, एक सम्पूर्ण युग को इंगित करता है।

मंगलवार, 16 अप्रैल 2019

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन-कितना नीच है तुम्हारा चरित्र !

तुम सभी अपनी शानदार कुर्सियों पर बैठे हो और उन बच्चों को अपने पास बैठाकर सिखा रहे हो जो तुम्हारी तरह हैं। तुम लोग यह कैसे नहीं जानते कि तुम लोगों के इन "बच्चों" में पहले ही सांस नहीं था, और बहुत पहले उनके पास मेरा कार्य नहीं था? मेरी महिमा पूरब की भूमि से लेकर पश्चिम की भूमि तक चमकती है, लेकिन जब मेरी महिमा पृथ्वी के अंत तक फैलेगी और जब यह जागृत होने और चमकने लगेगी, तो मैं पूरब की महिमा को लेकर उसे पश्चिम की ओर ले आऊँगा, ताकि पूरब में अंधेरे के ये लोग जो मुझे छोड़ चुके हैं, फिर से प्रकाश की चमक के बिना रहेंगे।

मंगलवार, 5 मार्च 2019

63. बाइबल कहती है कि पूरी बाइबल परमेश्वर की प्रेरणा से दी गयी है, फिर आप क्यों कहते हैं कि बाइबल में पूरी तरह से परमेश्वर के वचन नहीं हैं?

परमेश्वर के वचन से जवाब:
बाइबल की हर चीज़ परमेश्वर के द्वारा व्यक्तिगत रूप से बोले गए वचनों का लिखित दस्तावेज़ नहीं है। बाइबल सामान्यतः परमेश्वर के कार्य की पिछली दो अवस्थाओं का आलेख करती है, उसमें से एक भाग है जो पैग़म्बरों की भविष्यवाणियों का लिखित दस्तावेज़ है, और एक भाग वह अनुभव और ज्ञान है जिन्हें युगों के दौरान उन लोगों के द्वारा लिखा गया था जिन्हें परमेश्वर के द्वारा इस्तेमाल किया गया था। मानवीय अनुभवों को मानवीय अनुमानों और ज्ञान के साथ दूषित किया गया है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। बाइबल की बहुत सी पुस्तकों में मानवीय धारणाएँ, मानवीय पक्षपात, और मनुष्यों के बेतुके अनुवाद हैं। हाँ वास्तव में, बहुत सारे वचन पवित्र आत्मा के प्रकाशन और अलौकिक ज्ञान का परिणाम हैं और वे सही अनुवाद हैं - फिर भी यह अभी नहीं कहा जा सकता है कि वे पूरी तरह सत्य की सही अभिव्यक्ति हैं।

शुक्रवार, 30 नवंबर 2018

1. न्याय क्या है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
      न्याय का कार्य परमेश्वर का स्वयं का कार्य है, इसलिए प्राकृतिक रूप से इसे परमेश्वर के द्वारा किया जाना चाहिए; उसकी जगह इसे मनुष्य द्वारा नहीं किया जा सकता है। क्योंकि सत्य के माध्यम से मानवजाति को जीतना न्याय है, इसलिए यह निर्विवाद है कि तब भी परमेश्वर मनुष्यों के बीच इस कार्य को करने के लिए देहधारी छवि के रूप में प्रकट होता है। अर्थात्, अंत के दिनों में, मसीह पृथ्वी के चारों ओर मनुष्यों को सिखाने के लिए और सभी सत्यों को उन्हें ज्ञात करवाने के लिए सत्य का उपयोग करेगा। यह परमेश्वर के न्याय का कार्य है।

गुरुवार, 29 नवंबर 2018

प्रश्न 41: हमने चीनी कम्युनिस्ट सरकार और धार्मिक दुनिया के कई भाषण ऑनलाइन देखे हैं जो सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की बदनामी और झूठी निंदा करते हैं, उन पर आक्षेप और कलंक लगाते हैं (जैसे कि झाओयुआन, शेडोंग प्रांत की "5.28" वाली घटना)। हम यह भी जानते हैं कि सीसीपी लोगों से झूठ और गलत बातें कहने में, और तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर लोगों को धोखा देने में माहिर है, साथ ही साथ उन देशों का जिनके यह विरोध में है, अपमान करने, उन पर हमला करने और उन का न्याय करने में भी माहिर है, इसलिए सीसीपी के कहे गए किसी भी शब्द पर बिल्कुल विश्वास नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन धार्मिक पादरियों और प्राचीन लोगों के द्वारा कही गई कई बातें सीसीपी के शब्दों से मेल खाती हैं, इसलिए हमें सीपीपी और धार्मिक दुनिया से आने वाले निन्दापूर्ण, अपमानजनक शब्दों को कैसे परखना चाहिए?

उत्तर:
शैतान की बुरी ताकतें इस तरह परमेश्वर के कार्य पर हमला क्यों करती हैं, परमेश्वर के कार्य का आंकलन करते हुए? क्यों बड़े लाल अजगर की बुरी ताकतें उन्मत्त होकर परमेश्वर पर हमला और उसकी निंदा कर रही हैं, और परमेश्वर की कलीसिया को उत्पीडित कर रही हैं? क्यों शैतान की सभी बुरी ताकतें, धार्मिक मंडलियों के अंदर मसीह-विरोधी बिरादरी सहित, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की निंदा करती हैं? ऐसा इसलिए है क्योंकि शैतान जानता है कि इसका अंत निकट है, कि परमेश्वर पहले से ही अपने राज्य को सुरक्षित कर चुका है और वह आ गया है, और यह कि अगर शैतान परमेश्वर के साथ एक निर्णायक लड़ाई में नहीं जुटता है तो वह तुरंत नष्ट हो जाएगा।

रविवार, 25 नवंबर 2018

प्रश्न 35: धार्मिक दुनिया के अधिकांश लोग मानते हैं कि पादरियों और प्राचीन लोगों को परमेश्वर के द्वारा चुना और प्रतिष्ठित किया गया है, और यह कि वे सभी धार्मिक कलीसियाओं में परमेश्वर की सेवा करते हैं; अगर हम पादरियों और प्राचीन लोगों का अनुसरण और आज्ञा-पालन करते हैं, तो हम वास्तव में परमेश्वर का ही अनुसरण और आज्ञा-पालन करते हैं। यथार्थतः मनुष्य का अनुसरण और आज्ञा-पालन करने का क्या मतलब है, और वास्तव में परमेश्वर का अनुसरण और आज्ञा-पालन करने का क्या अर्थ है, ज्यादातर लोग सच्चाई के इस पहलू को नहीं समझते हैं, तो कृपया हमारे लिए यह सहभागिता करो।

उत्तर:
धर्म में, कुछ लोग सोचते हैं कि सभी धार्मिक पादरी और एल्डर्स प्रभु द्वारा चुने और प्रतिष्ठित किये जाते है। इसलिए लोगों को उनका आज्ञापालन करना चाहिए। क्या इस तरह की धारणा का बाइबल में कोई आधार है? क्या प्रभु के वचन में इसका कोई प्रमाण है? क्या इसमें पवित्र आत्मा की गवाही और पवित्र आत्मा के कार्य की स्वीकृति है? अगर सारे जवाब 'नहीं' हैं, तो क्या बहुमत का यह विश्वास कि सभी पादरी और एल्डर्स प्रभु द्वारा चुने और प्रतिष्ठित किए जाते हैं, लोगों की अवधारणाओं और कल्पनाओं से नहीं आया है? आइए इस बारे में विचार करें।

बुधवार, 14 नवंबर 2018

प्रश्न 22: प्रभु यीशु ने कहा: "परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूँगा, वह फिर अनन्तकाल तक प्यासा न होगा; वरन् जो जल मैं उसे दूँगा, वह उसमें एक सोता बन जाएगा जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा।" (यूहन्ना 4:14)। अधिकांश लोग सोचते हैं कि प्रभु यीशु ने हमें पहले से ही अनन्त जीवन का मार्ग प्रदान किया है, लेकिन मैंने सर्वशक्तिमान परमेश्वर के इन वचनों को पढ़ा है: "केवल अंतिम दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनन्त जीवन का मार्ग दे सकता है।" यह सब क्या है? यह क्यों कहता है कि आखिरी दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनन्त जीवन का मार्ग दे सकता है?

प्रश्न 22: प्रभु यीशु ने कहा: "परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूँगा, वह फिर अनन्तकाल तक प्यासा न होगा; वरन् जो जल मैं उसे दूँगा, वह उसमें एक सोता बन जाएगा जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा।" (यूहन्ना 4:14)। अधिकांश लोग सोचते हैं कि प्रभु यीशु ने हमें पहले से ही अनन्त जीवन का मार्ग प्रदान किया है, लेकिन मैंने सर्वशक्तिमान परमेश्वर के इन वचनों को पढ़ा है: "केवल अंतिम दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनन्त जीवन का मार्ग दे सकता है।" यह सब क्या है? यह क्यों कहता है कि आखिरी दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनन्त जीवन का मार्ग दे सकता है?

उत्तर:
देहधारी बने परमेश्वर ही प्रभु यीशु हैं, परमेश्‍वर का प्रकटन हैं। प्रभु यीशु ने कहा, "और जो कोई भी मुझमें जीता और विश्वास करता है, वह कभी नहीं मरता है।" "परंतु जो पानी मैं उसे दूँगा वह उसमें एक कुएं का निर्माण करेगी जिससे उसे चिरस्थायी जीवन प्राप्त होगा।" बाइबल कहती है, "वह जो पुत्र पर विश्वास करता है, वह शाश्वत जीवन प्राप्त करता है।" ये सभी वचन सत्य हैं, वे सभी तथ्य हैं! क्योंकि देहधारी बने परमेश्वर ही प्रभु यीशु हैं, उनमें परमेश्‍वर का सार और पहचान है। वे स्‍वयं चिरस्थायी जीवन का मार्ग हैं। वे जो कुछ भी कहते हैं और करते हैं वह परमेश्वर के जीवन की एक स्वाभाविक अभिव्यक्ति है। वह जो कुछ व्यक्त करते हैं वह सत्‍य है और वह है जो परमेश्‍वर के पास है और जो परमेश्‍वर है।

सोमवार, 12 नवंबर 2018

प्रश्न 18: तुम इसका प्रमाण देते हो कि अंतिम दिनों में परमेश्वर मनुष्य को पूरी तरह से शुद्ध करने और बचाने के लिए न्याय के अपने कार्य को करता है, परन्तु सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्त वचनों को पढ़ने के बाद, मुझे लगता है कि उनमें से कुछ मनुष्य की निंदा करते और उसे शाप देते हैं। यदि परमेश्वर मनुष्य को निन्दित और शापित करता है, तो क्या मनुष्य को सजा भुगतनी नहीं होगी? और तुम यह कैसे कह सकते हो कि इस तरह का न्याय मानव जाति को शुद्ध करता और बचाता है?

प्रश्न 18: तुम इसका प्रमाण देते हो कि अंतिम दिनों में परमेश्वर मनुष्य को पूरी तरह से शुद्ध करने और बचाने के लिए न्याय के अपने कार्य को करता है, परन्तु सर्वशक्तिमान परमेश्वर द्वारा व्यक्त वचनों को पढ़ने के बाद, मुझे लगता है कि उनमें से कुछ मनुष्य की निंदा करते और उसे शाप देते हैं। यदि परमेश्वर मनुष्य को निन्दित और शापित करता है, तो क्या मनुष्य को सजा भुगतनी नहीं होगी? और तुम यह कैसे कह सकते हो कि इस तरह का न्याय मानव जाति को शुद्ध करता और बचाता है?

उत्तर:
अंत के दिनों में, परमेश्‍वर सत्‍य को व्यक्त करने और विजेताओं का एक समूह बनाने के लिए न्याय का कार्य करते हैं, ऐसे लोगों का एक समूह जो परमेश्‍वर के साथ एकमना और एकदिल हैं। यह तभी तय कर लिया गया था जब परमेश्‍वर ने दुनिया बनायी थी। तुम कह सकते हो कि परमेश्वर ने पहले से ही जीतने वालों का एक समूह बना लिया है, कि उन्हें परमेश्वर के न्याय और ताड़ना के माध्यम से सिद्ध बनाया जा चुका है, कि वे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के क्रूर उत्पीड़न के दारुण दुःख से बाहर आ गए हैं। यह एक तथ्य है कि परमेश्वर ने पहले से ही यह किया है, कोई भी इससे इनकार नहीं कर सकता है।

रविवार, 11 नवंबर 2018

प्रश्न 16: तुम यह प्रमाण देते हो कि परमेश्वर ने सच्चाई को व्यक्त करने के लिए और आखिरी दिनों में मनुष्य के न्याय और शुद्धि के कार्य को करने के लिए वापस देह-धारण किया है, लेकिन धार्मिक पादरियों और प्राचीन लोगों का विश्वास है कि परमेश्वर बादलों के साथ वापस लौटेगा, और जो लोग प्रभु में विश्वास करते हैं, वे एक पल में रूपांतरित हो जाएँगे और बादलों में परमेश्वर के साथ मिलने के लिए स्वर्गारोहित होंगे, जैसा कि पौलुस ने कहा था: "पर हमारा स्वदेश स्वर्ग पर है; और हम एक उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह के वहाँ से आने की बाट जोह रहे हैं। वह अपनी शक्‍ति के उस प्रभाव के अनुसार जिसके द्वारा वह सब वस्तुओं को अपने वश में कर सकता है, हमारी दीन-हीन देह का रूप बदलकर, अपनी महिमा की देह के अनुकूल बना देगा" (फिली 3:20-21)। परमेश्वर सर्वशक्तिमान है और ऐसा कुछ भी नहीं है जो वह नहीं कर सकता है। परमेश्वर हमें बदल देगा और हमें पवित्र बना देगा, वह सिर्फ एक ही वचन के साथ इसे प्राप्त कर लेगा। तो फिर उसे सच्चाई व्यक्त करने और मनुष्य के न्याय और शुद्धि के कार्य के एक चरण को पूरा करने के लिए अब भी देह बनने की आवश्यकता क्यों है?

प्रश्न 16: तुम यह प्रमाण देते हो कि परमेश्वर ने सच्चाई को व्यक्त करने के लिए और आखिरी दिनों में मनुष्य के न्याय और शुद्धि के कार्य को करने के लिए वापस देह-धारण किया है, लेकिन धार्मिक पादरियों और प्राचीन लोगों का विश्वास है कि परमेश्वर बादलों के साथ वापस लौटेगा, और जो लोग प्रभु में विश्वास करते हैं, वे एक पल में रूपांतरित हो जाएँगे और बादलों में परमेश्वर के साथ मिलने के लिए स्वर्गारोहित होंगे, जैसा कि पौलुस ने कहा था: "पर हमारा स्वदेश स्वर्ग पर है; और हम एक उद्धारकर्ता प्रभु यीशु मसीह के वहाँ से आने की बाट जोह रहे हैं। वह अपनी शक्‍ति के उस प्रभाव के अनुसार जिसके द्वारा वह सब वस्तुओं को अपने वश में कर सकता है, हमारी दीन-हीन देह का रूप बदलकर, अपनी महिमा की देह के अनुकूल बना देगा" (फिली 3:20-21)। परमेश्वर सर्वशक्तिमान है और ऐसा कुछ भी नहीं है जो वह नहीं कर सकता है। परमेश्वर हमें बदल देगा और हमें पवित्र बना देगा, वह सिर्फ एक ही वचन के साथ इसे प्राप्त कर लेगा। तो फिर उसे सच्चाई व्यक्त करने और मनुष्य के न्याय और शुद्धि के कार्य के एक चरण को पूरा करने के लिए अब भी देह बनने की आवश्यकता क्यों है?

उत्तर:
परमेश्वर का कार्य सदा अथाह होता है। परमेश्वर की भविष्यवाणियों को कोई भी स्पष्टता से नहीं समझा सकता। मनुष्य साकार होने पर ही किसी भविष्यवाणी को समझ सकता है। इसका क्या अर्थ है? इसका अर्थ है कि कोई भी परमेश्वर की बुद्धिमत्ता और सर्वशक्तिमत्ता की थाह नहीं पा सकता। जब अनुग्रह के युग में कार्य करने के लिए प्रभु यीशु प्रकट हुए, कोई भी उनकी थाह नहीं पा सका। जब राज्य के युग में, सर्वशक्तिमान परमेश्वर अंत के दिनों का न्याय कार्य करते हैं, तो कोई भी पहले से उसको भी नहीं जान सकता। इसलिए, मानवजाति, परमेश्वर द्वारा अंत के दिनों में सत्य व्यक्त करने और न्याय कार्य के लिए देहधारण कर लेने की बात की कदापि कल्पना नहीं कर सकती।परंतु परमेश्वर का कार्य पूरा हो जाने पर महाविपत्ति आयेगी।

रविवार, 4 नवंबर 2018

प्रश्न 7: व्यवस्था के युग का कार्य करने के लिए परमेश्वर ने मूसा का उपयोग किया, तो अंतिम दिनों में परमेश्वर अपने न्याय के कार्य को करने के लिए लोगों का इस्तेमाल क्यों नहीं करता है, बल्कि इस कार्य को उसे खुद करने के लिए देह बनने की ज़रूरत क्यों है?

प्रश्न 7: व्यवस्था के युग का कार्य करने के लिए परमेश्वर ने मूसा का उपयोग किया, तो अंतिम दिनों में परमेश्वर अपने न्याय के कार्य को करने के लिए लोगों का इस्तेमाल क्यों नहीं करता है, बल्कि इस कार्य को उसे खुद करने के लिए देह बनने की ज़रूरत क्यों है?

उत्तर:
ऐसा क्यों है कि परमेश्वर को अंत के दिनों में न्याय का कार्य करने के लिए देहधारण करने की ज़रूरत है, जिनको सत्‍य को जानने की तीव्र अभिलाषा है और जो परमेश्वर के प्रकटन की खोज करना चाहते हैं, उनको इस प्रश्‍न में अत्‍यधिक दिलचस्‍पी है। यह एक ऐसा सवाल भी है जिसका संबंध इस बात से है कि क्या हमें स्वर्ग के राज्य में आरोहित किया जा सकता है या नहीं। इसलिए, सत्‍य के इस पहलू को समझना बहुत ज़रूरी है। ऐसा क्यों है कि परमेश्वर को अंत के दिनों में अपने न्याय के कार्य के लिए स्वयं देहधारण करना होगा, बजाय इसके कि वे अपना कार्य करने के लिए मनुष्य को इस्तेमाल करें? यह न्याय के कार्य के स्वभाव से तय होता है। क्योंकि न्याय का कार्य परमेश्वर द्वारा सत्‍य की अभिव्यक्ति है और यह मानवजाति को जीतने, शुद्ध करने और बचाने के लिए उनके धार्मिक स्वभाव की अभिव्यक्ति है। आइये सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों का एक अंश पढ़ें।

मंगलवार, 30 अक्तूबर 2018

75. जब यीशु लौटेगा तो वह वास्तव में क्या कार्य करेगा?

75. जब यीशु लौटेगा तो वह वास्तव में क्या कार्य करेगा?

उत्तर परमेश्वर के वचन से:
यद्यपि यीशु ने मनुष्यों के बीच अधिक कार्य किया है, उसने केवल समस्त मानवजाति के छुटकारे के कार्य को पूरा किया और वह मनुष्य की पाप-बलि बना, मनुष्य को उसके भ्रष्ट स्वभाव से छुटकारा नहीं दिलाया। शैतान के प्रभाव से मनुष्य को पूरी तरह बचाने के लिये यीशु को न केवल पाप-बलि के रूप में मनुष्यों के पापों को लेना आवश्यक था, बल्कि मनुष्य को उसके भ्रष्ट स्वभाव से पूरी तरह मुक्त करने के लिए परमेश्वर को और भी बड़े कार्य करने की आवश्यकता थी जिसे शैतान द्वारा भ्रष्ट कर दिया गया था।

सोमवार, 29 अक्तूबर 2018

74. अंत के दिनों में परमेश्वर का कार्य आत्मा के माध्यम से क्यों नहीं किया जाता है? परमेश्वर अपना कार्य करने के लिए देह में क्यों आ गया है?

74. अंत के दिनों में परमेश्वर का कार्य आत्मा के माध्यम से क्यों नहीं किया जाता है? परमेश्वर अपना कार्य करने के लिए देह में क्यों आ गया है?

उत्तर परमेश्वर के वचन से:
परमेश्वर के द्वारा मनुष्य को सीधे तौर पर पवित्रात्मा के साधनों के माध्यम से या आत्मा के रूप में बचाया नहीं जाता है, क्योंकि उसके आत्मा को मनुष्य के द्वारा न तो देखा जा सकता है और न ही स्पर्श किया जा सकता है, और मनुष्य के द्वारा उस तक पहुँचा नहीं जा सकता है। यदि उसने आत्मा के तरीके से सीधे तौर पर मनुष्य को बचाने का प्रयास किया होता, तो मनुष्य उसके उद्धार को प्राप्त करने में असमर्थ होता।

शनिवार, 20 अक्तूबर 2018

1. चीनी कम्युनिस्ट सरकार क्यों सर्वशक्तिमान परमेश्वर और सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया पर बेतहाशा उत्पीड़न, दमन और कड़ी कार्यवाही करती है?

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1. चीनी कम्युनिस्ट सरकार क्यों सर्वशक्तिमान परमेश्वर और सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया पर बेतहाशा उत्पीड़न, दमन और कड़ी कार्यवाही करती है?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"इस युग के लोग यू० पीढ़ी बुरे हैं" (लूका 11:29)।
"और सारा संसार उस दुष्‍ट के वश में पड़ा है" (1यूहन्ना 5:19)।
"हे भोर के चमकनेवाले तारे, मूल में, बेटे तू कैसे आकाश से गिर पड़ा है? प्रका तू जो जाति जाति को हरा देता था, तू अब कैसे काटकर भूमि पर गिराया गया है? तू मन में कहता तो था, 'मैं स्वर्ग पर चढ़ूँगा; मैं अपने सिंहासन को ईश्‍वर के तारागण से अधिक ऊँचा करूँगा; और उत्तर दिशा की छोर पर सभा के पर्वत पर विराजूँगा, मैं मेघों से भी ऊँचे ऊँचे स्थानों के ऊपर चढ़ूँगा, मैं परमप्रधान के तुल्य हो जाऊँगा'" (यशायाह 14:12-14)।

बुधवार, 17 अक्तूबर 2018

1. परमेश्वर की इच्छा का अनुसरण करना क्या है? अगर कोई केवल प्रभु के लिए मिशनरी (धर्म-प्रचार सम्बन्धी) काम करता है, तो क्या यह परमेश्वर की इच्छा का पालन करना है?

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1. परमेश्वर की इच्छा का अनुसरण करना क्या है? अगर कोई केवल प्रभु के लिए मिशनरी (धर्म-प्रचार सम्बन्धी) काम करता है, तो क्या यह परमेश्वर की इच्छा का पालन करना है?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"जो मुझ से, 'हे प्रभु! हे प्रभु!' कहता है, उनमें से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा, परन्तु वही जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है। उस दिन बहुत से लोग मुझ से कहेंगे, 'हे प्रभु, हे प्रभु, क्या हम ने तेरे नाम से भविष्यद्वाणी नहीं की, और तेरे नाम से दुष्‍टात्माओं को नहीं निकाला, और तेरे नाम से बहुत से आश्‍चर्यकर्म नहीं किए?' तब मैं उनसे खुलकर कह दूँगा, 'मैं ने तुम को कभी नहीं जाना। हे कुकर्म करनेवालो, मेरे पास से चले जाओ" (मत्ती 7:21-23)।
"तू परमेश्‍वर अपने प्रभु से अपने सारे मन और अपने सारे प्राण और अपनी सारी बुद्धि के साथ प्रेम रख। बड़ी और मुख्य आज्ञा तो यही है। और उसी के समान यह दूसरी भी है कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख।" (मत्ती 22:37-39)।

रविवार, 14 अक्तूबर 2018

XVII. सत्य की वास्तविकता और बाइबल के ज्ञान और सिद्धांत के बीच में कैसे भेद करें, इस पर हर किसी को स्पष्ट रूप से सहभागिता करनी चाहिए

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1. सच्चाई क्या है? बाइबल का ज्ञान और सिद्धांत क्या है?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"आदि में वचन था, और वचन परमेश्‍वर के साथ था, और वचन परमेश्‍वर था।" "और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्‍चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, …" (युहन्ना 1:1, 14)।
"मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ" (युहन्ना 14:6)।

सोमवार, 18 जून 2018

"प्रतीक्षारत"(2) – चतुर कुंवारी "सच्चे मसीह" और "झूठे मसीहों" के बीच अन्तर कर सकती है

"प्रतीक्षारत"(2) – चतुर कुंवारी "सच्चे मसीह" और "झूठे मसीहों" के बीच अन्तर कर सकती है


प्रभु के दूसरे आगमन का सामना होने पर, क्या आप झूठे मसीहों से इतने भयभीत हो जाएंगे कि आप अपनी रक्षा के लिए द्वार ही बंद कर लेंगे और प्रभु के प्रकटन की प्रतीक्षा करेंगे, या आप चतुर कुंवारी की तरह आचरण करेंगे, और परमेश्वर की वाणी पर ध्यान देंगे और प्रभु की वापसी का अभिनंदन करेंगे? इस वीडियो में आपको यह बताया जाएगा कि प्रभु के दूसरे आगमन का स्वागत कैसे करें।

सोमवार, 11 जून 2018

Hindi Christian Video "ईमानदारी अनमोल है" | Only the Honest Can Enter the Kingdom of Heaven

Hindi Christian Video "ईमानदारी अनमोल है" | Only the Honest Can Enter the Kingdom of Heaven

झेन चेंग एक उपकरण मरम्मत की दुकान का मालिक थाI वह दयालु, ईमानदार था और कायदे से कारोबार करता थाI वह कभी किसी की आँखों में धूल झोंकने की कोशिश नहीं करता था, बल्कि वह अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए मुश्किल से ही पैसा कमा पा रहा थाI कुछ समय बाद, उसके परिवार के सदस्य और एक साथी व्यापारी ने उसे कारोबार के हथकंडों को आजमाने के लिए उकसाया,

शनिवार, 9 जून 2018

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है (III) परमेश्वर का अधिकार (II)" (भाग पांच)

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है (III) परमेश्वर का अधिकार (II)" (भाग पांच)

    इस वीडियो में परमेश्वर के वचन "वचन देह में प्रकट होता है" पुस्तक से हैं। इस वीडियो की सामग्री: मृत्यु: छठवां घटनाक्रम

     1. केवल सृष्टिकर्ता के पास ही मनुष्य के जीवन एवं मृत्यु के ऊपर सामर्थ्य है।

Hindi Christian Movie | अग्नि द्वारा बप्तिस्मा | Can We Enter the Kingdom of Heaven by Hard Work?

Hindi Christian Movie | अग्नि द्वारा बप्तिस्मा | Can We Enter the Kingdom of Heaven by Hard Work?       प्रभु यीशु ने कहा, "जो म...