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मंगलवार, 24 दिसंबर 2019

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के कथन - सोलहवाँ कथन"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के कथन - सोलहवाँ कथन"

     सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "मैं सभी मनुष्यों से ऊपर चलता हूँ और हर कहीं देख रहा हूँ। कोई भी चीज कभी भी पुरानी नहीं दिखाई देती है, और कोई भी व्यक्ति वैसा नहीं है जैसा वह हुआ करता था।

शनिवार, 16 नवंबर 2019

कलीसिया जीवन और वास्तविक जीवन पर विचार-विमर्श

लोग महसूस करते हैं कि वे केवल अपने कलीसिया जीवन में ही परिवर्तित हो सकते हैं, और कि यदि वे कलीसिया के अंतर्गत अपने जीवन को नहीं जी रहे हैं, तो परिवर्तन संभव नहीं है, कि वे अपने वास्तविक जीवन में परिवर्तन को प्राप्त करने में असमर्थ हैं। क्या तुम लोग पहचान सकते हो कि यह कौन सी समस्या है? मैं परमेश्वर को वास्तविक जीवन में प्रवेश कराने के विषय में बात कर चुका हूँ, और यह मार्ग उनके लिए है जो परमेश्वर के वचनों की वास्तविकता में प्रवेश करने के लिए परमेश्वर पर विश्वास करते हैं। वास्तव में, कलीसिया का जीवन मनुष्यों को सिद्ध बनाने का एक सीमित तरीका ही है।मनुष्यों को सिद्ध बनाने का प्राथमिक वातावरण अभी भी वास्तविक जीवन है।

शनिवार, 19 अक्तूबर 2019

राज्य का युग वचन का युग ह भाग दो



आगे बढ़ने पर, परमेश्वर के वचन के बारे में बात करना वह सिद्धांत है जिसके द्वारा तुम बोलते हो। जब तुम लोग आपस में मिलते हो, तब तुम लोगों को परमेश्वर के वचन के बारे में सहभागिता करनी चाहिये, और उसी के विषय पर बातचीत करनी चाहिये; इस बारे में बात करो कि परमेश्वर के वचन के बारे में तुम लोग क्या जानते हो, तुम सब उसके वचन को अभ्यास में कैसे लाते हो, और पवित्र आत्मा कैसे काम करता है। यदि तुम परमेश्वर के वचन के बारे में सहभागिता करते हो, पवित्र आत्मा तुम्हें प्रकाशित करेगा।

शनिवार, 28 सितंबर 2019

Hindi Christian Song | व्यवहारिक परमेश्वर में आस्था से बहुत लाभ हैं | Thank God for His Love मानव का पुत्र निरंतर बोलता है।

Hindi Christian Song | व्यवहारिक परमेश्वर में आस्था से बहुत लाभ हैं | Thank God for His Love


मानव का पुत्र निरंतर बोलता है। ये मामूली इंसान परमेश्वर के काम में हर कदम पर अगुवाई करता है हमारी। बहुत से इम्तहानों, ताड़नाओं से गुज़रे हैं हम, और मौत की परीक्षा से भी गुज़रे हैं हम। परमेश्वर की धार्मिकता और प्रताप का पता चलता है हमें। परमेश्वर की करुणा और प्रेम का आनंद लेते हैं हम।

शनिवार, 21 सितंबर 2019

Hindi Christian Video "संकट में स्वर्गारोहण" क्लिप 8 - देहधारी परमेश्वर और परमेश्वर जिनका उपयोग करता है, उनमें मौलिक भेद क्या है?

Hindi Christian Video "संकट में स्वर्गारोहण" क्लिप 8 - देहधारी परमेश्वर और परमेश्वर जिनका उपयोग करता है, उनमें मौलिक भेद क्या है?


परमेश्वर कहता है, "परमेश्वर के वचन को मनुष्यों के वचन के रूप में नहीं कहा जा सकता है, और मनुष्य के वचन को परमेश्वर के वचन के रूप में तो बिल्कुल भी नहीं कहा जा सकता है।

गुरुवार, 19 सितंबर 2019

संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के कथन - बारहवाँ कथन



जब पूर्व से बिजली चमकती है—जो कि निश्चित रूप से वही क्षण भी होता है जब मैं बोलना आरम्भ करता हूँ—जिस क्षण बिजली प्रकट होती है, तो संपूर्ण नभमण्डल जगमगा उठता है, और सभी तारे रूपान्तरित होना शुरू कर देते हैं। ऐसा प्रतीत होता है मानो पूरी मानवजाति को उचित प्रकार से शुद्ध करने और काट-छाँट करने के अधीन कर दिया गया हो। पूर्व के प्रकाश की इस किरण के नीचे, समस्त मानवजाति को उसके मूल स्वरूप में प्रकट किया जाता है चुँधियाई आँखें, भ्रम में हक्के बक्के; अभी भी वे अपनी कुरूप मुखाकृति को छिपाने में कम समर्थ हैं।

गुरुवार, 12 सितंबर 2019

संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के कथन - नौवाँ कथन



चूँकि तुम मेरे घराने के एक सदस्य हो, और चूँकि तुम मेरे राज्य में निष्ठावान हो, इसलिए तुम जो कुछ भी करते हो उसे उन मानकों को पूरा करना चाहिए जिसकी मैं अपेक्षा करता हूँ। मैं यह नहीं कहता हूँ कि तुम घुमक्कड़ बादल से ज्यादा और कुछ नहीं बनो, बल्कि तुम चमचमाती हुई बर्फ के समान बनो, और उसके सार को और उस से भी बढ़कर उसके मूल्य को धारण करो। क्योंकि मैं पवित्र भूमि से आया था, कमल के समान नहीं, जिसके पास केवल एक नाम है और कोई सार नहीं क्योंकि वह कीचड़ से आया था न कि पवित्र भूमि से।

बुधवार, 4 सितंबर 2019

केवल अंतिम दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनन्त जीवन का मार्ग दे सकता है



जीवन का मार्ग कोई साधारण चीज़ नहीं है जो चाहे कोई भी प्राप्त कर ले, न ही इसे सभी के द्वारा आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। यह इसलिए कि जीवन केवल परमेश्वर से ही आता है, कहने का अर्थ है कि केवल स्वयं परमेश्वर ही जीवन के तत्व का अधिकारी है, स्वयं परमेश्वर के बिना जीवन का मार्ग नहीं है, और इसलिए केवल परमेश्वर ही जीवन का स्रोत है, और जीवन के जल का सदा बहने वाला सोता है। जब से उसने संसार को रचा है, परमेश्वर ने बहुत सा कार्य जीवन को महत्वपूर्ण बनाने के लिये किया है, बहुत सारा कार्य मनुष्य को जीवन प्रदान करने के लिए किया है और बहुत अधिक मूल्य चुकाया है ताकि मनुष्य जीवन को प्राप्त करे, क्योंकि परमेश्वर स्वयं ही अनन्त जीवन है, और वह स्वयं ही वह मार्ग है जिससे मनुष्य नया जन्म लेता है। परमेश्वर मनुष्य के हृदय से कभी भी दूर नहीं रहा है और हर समय उनके मध्य में रहता है।

शनिवार, 31 अगस्त 2019

क्या तुम जानते हो? परमेश्वर ने मनुष्यों के बीच एक बहुत बड़ा काम किया है



पुराना युग बीत चुका है, और नया युग आ गया है। वर्ष दर वर्ष, और दिनोंदिन परमेश्वर ने बहुत काम किया है। वह इस संसार में आया और फिर लौट गया। ऐसा चक्र अनेक पीढ़ियों तक लगातार चलता रहा। आज भी परमेश्वर को जो काम करना है वह उसी प्रकार काम करता है वह काम जिसे उसे अभी पूरा करना है, उसने आज तक विश्राम में प्रवेश नहीं किया है। सृष्टि के समय से लेकर आज तक परमेश्वर ने बहुत से काम किये हैं, परंतु क्या तुम जानते हो कि परमेश्वर आज जो काम करता है वह पहले से अधिक बड़ा है, और उसका स्वरूप भी बड़ा है? यही कारण है कि मैं कहता हूं कि परमेश्वर ने मनुष्यों के बीच एक बहुत बड़ा काम किया है।

शनिवार, 17 अगस्त 2019

Hindi Christian Video "विजय गान" क्लिप 1 - अपने पुनरागमन पर प्रभु कैसे प्रकट होंगे और वे अपना कार्य कैसे करेंगे?


Hindi Christian Video "विजय गान" क्लिप 1 - अपने पुनरागमन पर प्रभु कैसे प्रकट होंगे और वे अपना कार्य कैसे करेंगे?

अंत के दिनों में भीषण आपदा के अपशकुन–चार रक्तिम चंद्रमा प्रकट हो चुके हैं और आसमान में सितारों ने एक अजीब रूप ले लिया है; भीषण आपदायें करीब आ रही हैं, और प्रभु में विश्वास करने वाले कई लोगों को यह अनुभव होने लगा था कि प्रभु का दूसरा आगमन होने वाला है या उनका आगमन पहले ही हो चुका है।

गुरुवार, 15 अगस्त 2019

भ्रष्ट मनुष्य परमेश्वर का प्रतिनिधित्व करने में अक्षम है



मनुष्य, शैतान के प्रभाव के बंधन में जकड़ा हुआ, अंधकार के प्रभाव के आवरण में रह रहा है जिसमें से बच निकलने का मार्ग नहीं हैं। और मनुष्य का स्वभाव, शैतान के द्वारा संसाधित किए जाने के पश्चात्, उत्तरोत्तर भ्रष्ट होता जा रहा है। कोई कह सकता है कि परमेश्वर को वास्तव में प्यार करने में असमर्थ, मनुष्य, सदैव अपने भ्रष्ट शैतानी स्वभाव में रहा है। यह तो ऐसा है, यदि मनुष्य परमेश्वर को प्यार करने की इच्छा करता है, तो उसे स्वयं को सही मानना, स्वयं को महत्त्व देना, अहंकार, मिथ्याभिमान तथा इसी तरह की चीजों से वंचित अवश्य कर देना चाहिए जो सभी शैतान के स्वभाव से संबंधित हैं।

शनिवार, 10 अगस्त 2019

पृथ्वी के परमेश्वर को कैसे जानें



परमेश्वर के सामने तुम सभी लोग पुरस्कार प्राप्त करके और उसकी नज़रों में उसके अनुग्रह की वस्तु बन कर प्रसन्न होते हो। यह हर एक की इच्छा होती है जब वह परमेश्वर पर विश्वास करना प्रारम्भ करता है, क्योंकि मनुष्य सम्पूर्ण हृदय से ऊँची चीज़ों के लिए प्रयास करता है और कोई भी दूसरे से पीछे नहीं रहना चाहता है। यही मनुष्य का तरीका है। निश्चित रूप से इसी कारण, तुम लोगों में से कई स्वर्ग के परमेश्वर से अनुग्रह प्राप्त करने के लिए लगातार प्रयास करते रहते हैं, फिर भी वास्तव में, परमेश्वर के प्रति तुम लोगों की वफादारी और निष्कपटता, तुम लोगों की स्वयं के प्रति तुम लोगों की वफादारी और निष्कपटता से बहुत कम है। मैं ऐसा क्यों कहता हूँ? क्योंकि मैं परमेश्वर के प्रति तुम्हारी वफादारी को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करता हूँ, और तुम लोगों के हृदय में विद्यमान परमेश्वर के अस्तित्व को पूरी तरह से नकारता हूँ।

सोमवार, 5 अगस्त 2019

Hindi Christian Video "साम्यवाद का झूठ" क्लिप 4 - मसीह को अस्वीकार करने और उनकी निंदा करने के पीछे सीसीपी का असल लक्ष्य

Hindi Christian Video "साम्यवाद का झूठ" क्लिप 4 - मसीह को अस्वीकार करने और उनकी निंदा करने के पीछे सीसीपी का असल लक्ष्य


अनुग्रह के युग में, देहधारी प्रभु यीशु बाहर से एक साधारण, सामान्य मनुष्य जैसे दिखाई देते थे, परंतु प्रभु यीशु पश्चाताप का मार्ग लेकर आये, "पश्चाताप करो: क्योंकि स्वर्ग का राज्य तुम्हारे करीब है," और सूली पर चढ़कर उन्होंने मानवता के छुटकारे का कार्य किया। यह इस बात को साबित करने के लिए काफी है कि प्रभु यीशु देहधारी परमेश्वर थे। अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर, प्रभु यीशु के समान, बाहर से देखने में एक साधारण इंसान लगते हैं।

शुक्रवार, 5 जुलाई 2019

राज्य का युग वचन का युग ह भाग दो



आगे बढ़ने पर, परमेश्वर के वचन के बारे में बात करना वह सिद्धांत है जिसके द्वारा तुम बोलते हो। जब तुम लोग आपस में मिलते हो, तब तुम लोगों को परमेश्वर के वचन के बारे में सहभागिता करनी चाहिये, और उसी के विषय पर बातचीत करनी चाहिये; इस बारे में बात करो कि परमेश्वर के वचन के बारे में तुम लोग क्या जानते हो, तुम सब उसके वचन को अभ्यास में कैसे लाते हो, और पवित्र आत्मा कैसे काम करता है। यदि तुम परमेश्वर के वचन के बारे में सहभागिता करते हो, पवित्र आत्मा तुम्हें प्रकाशित करेगा। यदि तुम चाहते हो कि तुम्हारे आसपास परमेश्वर के वचन का संसार बने तो तुम्हें भी सहयोग करना चाहिये। यदि तुम इसमें प्रवेश नहीं करते हो, तो परमेश्वर तुम में अपना काम नहीं कर सकता है। यदि तुम परमेश्वर के वचन के बारे में बातचीत नहीं करोगे, वह तुम्हें रोशन नहीं कर सकता है।

गुरुवार, 4 जुलाई 2019

राज्य का युग वचन का युग है भाग एक



राज्य के युग में, परमेश्वर नए युग की शुरूआत करने, अपने कार्य के साधन बदलने, और संपूर्ण युग में काम करने के लिये अपने वचन का उपयोग करता है। वचन के युग में यही वह सिद्धांत है, जिसके द्वारा परमेश्वर कार्य करता है। वह देहधारी हुआ ताकि विभिन्न दृष्टिकोणों से बातचीत कर सके, मनुष्य वास्तव में परमेश्वर को देख सके, जो देह में प्रकट होने वाला वचन है, और उसकी बुद्धि और आश्चर्य को जान सके। उसने यह कार्य इसलिए किये ताकि वह मनुष्यों को जीतने, उन्हें पूर्ण बनाने और ख़त्म करने के लक्ष्यों को बेहतर ढंग से हासिल कर सके। वचन के युग में वचन को उपयोग करने का यही वास्तविक अर्थ है। वचन के द्वारा परमेश्वर के कार्यों को, परमेश्वर के स्वभाव को, मनुष्य के मूल तत्व और इस राज्य में प्रवेश करने के लिए मनुष्य को क्या करना चाहिए, यह जाना जा सकता है। वचन के युग में परमेश्वर जिन सभी कार्यों को करना चाहता है, वे वचन के द्वारा संपन्न होते हैं।

मंगलवार, 7 मई 2019

पवित्र आत्मा का वचन "तुम लोगों को अपने कार्यों पर विचार करना चाहिए"



तुम्हारे जीवन के कार्यों से अनुमान लगता है, कि तुम लोगों को पोषण और पुन: आपूर्ति के लिए प्रतिदिन वचनों की आवश्यकता है, क्योंकि तुम लोगों में बहुत सारी कमियां हैं और तुम लोगों में ग्रहण करने की योग्यता और ज्ञान बहुत ही कम है। अपने दैनिक जीवन में तुम लोग एक ऐसे वातावरण में रहते हो जिसमें कोई सत्य या भला एहसास नहीं है। तुम में अस्तित्व में बने रहने के लिए प्रधान वस्तु की कमी है और मुझे या सत्य को जानने के लिए तुम लोगों के पास आधार नहीं है। तुम्हारा विश्वास महज एक ऐसे अस्पष्ट भरोसे पर या धार्मिक रीति-रिवाजों और ज्ञान के ऊपर बना हुआ है जो पूरी तरह सिद्धांतों पर टिका हुआ है।

सोमवार, 18 मार्च 2019

76. सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अंत के दिनों के न्याय के कार्य में, वे सभी सम्प्रदायों को मिलाकर एक कैसे कर देते हैं?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि यहोवा के भवन का पर्वत सब पहाड़ों पर दृढ़ किया जाएगा, और सब पहाड़ियों से अधिक ऊँचा किया जाएगा; और हर जाति के लोग धारा के समान उसकी ओर चलेंगे। बहुत से देशों के लोग आएँगे, और आपस में कहेंगे: 'आओ, हम यहोवा के पर्वत पर चढ़कर, याकूब के परमेश्‍वर के भवन में जाएँ; तब वह हमको अपने मार्ग सिखाएगा, और हम उसके पथों पर चलेंगे।'क्योंकि यहोवा की व्यवस्था सिय्योन से, और उसका वचन यरूशलेम से निकलेगा।

बुधवार, 13 मार्च 2019

71. देहधारी रूप में प्रकट होने में, परमेश्वर एक महाकाय या रोबदार रूप में प्रकट क्यों नहीं हुए?

परमेश्वर के वचन से जवाब:
वह मात्र शरीर में काम कर रहा है, जानबूझ कर मनुष्य से यह नहीं कह रहा है कि वे उसकी देह की महानता या पवित्रता को बड़ा ठहराएँ। वह मात्र मनुष्यों को अपने कार्य की बुद्धिमत्ता और वह समस्त अधिकार दिखा रहा है जिसे वह उपयोग करता है। इसलिए, भले ही उसके पास उत्कृष्ट मानवता है, फिर भी वह कोई घोषणा नहीं करता है, और केवल उस कार्य पर ध्यान केन्द्रित करता है जो उसे करना चाहिए। तुम लोगों को जानना चाहिए कि ऐसा क्यों है कि परमेश्वर देह बनता है फिर भी उसकी शेखी नहीं बघारता है या अपनी सामान्य मानवता के प्रति गवाही नहीं देता है, और इसके बजाय मात्र उस कार्य को सम्पन्न करता है जिसे करने की उसकी इच्छा है।

रविवार, 10 मार्च 2019

68. यह क्यों ज़रूरी था कि मानवजाति के सामने स्वयं को प्रकट करने के लिए, प्रभु मनुष्य-पुत्र के रूप में देहधारण करके वापस आएँ?

परमेश्वर के वचन से जवाब:
परमेश्वर ने देहधारण किया क्योंकि शैतान का आत्मा, या कोई अभौतिक चीज़ उसके कार्य का विषय नहीं है, परन्तु मनुष्य है, जो शरीर से बना है और जिसे शैतान के द्वारा भ्रष्ट किया गया है। निश्चित रूप से चूँकि मनुष्य की देह को भ्रष्ट किया गया है इसलिए परमेश्वर ने हाड़-मांस के मनुष्य को अपने कार्य का विषय बनाया है; इसके अतिरिक्त, क्योंकि मनुष्य भ्रष्टता का विषय है, उसने मनुष्य को अपने उद्धार के कार्य के समस्त चरणों के दौरान अपने कार्य का एकमात्र विषय बनाया है। मनुष्य एक नश्वर प्राणी है, और वह हाड़-मांस एवं लहू से बना हुआ है, और एकमात्र परमेश्वर ही है जो मनुष्य को बचा सकता है। इस रीति से, परमेश्वर को अपना कार्य करने के लिए ऐसा देह बनना होगा जो मनुष्य के समान ही गुणों को धारण करता है, ताकि उसका कार्य बेहतर प्रभावों को हासिल कर सके।

सोमवार, 4 मार्च 2019

62. बाइबल में वाकई ऐसे बहुत-से स्थान हैं जहां परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य की भविष्यवाणी की गयी है। हम सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकटन और उनके कार्य के बारे में जानना चाहेंगे; ये किस प्रकार से उन भविष्यवाणियों को साकार कर उन्हें हासिल करेंगे?

परमेश्वर के वचन से जवाब:
जब मैं अंत के दिनों में अपनी पुस्तक को खोलूँगा तब मैं तुम लोगों को बताऊँगा। (पुस्तक उन सभी वचनों को संदर्भित करता है जो मैंने बोले हैं, अंत के दिनों में मेरे वचन—यह सब इसके अंदर हैं।)
"वचन देह में प्रकट होता है" से "एक सौ दसवाँ कथन" से
मनुष्य विश्वास करता है कि सलीब पर चढ़ने और पुनरूत्थान के बाद, यीशु सफेद बादल पर स्वर्ग में वापस चला गया, और उसने सर्वोच्च महान के दाएँ हाथ पर अपना स्थान ग्रहण किया। उसी प्रकार, मनुष्य कल्पना करता है कि यीशु फिर से सफेद बादल पर सवार होकर (यह बादल उस बादल की ओर संकेत करता है जिस पर यीशु तब सवार हुआ था जब वह स्वर्ग में वापस गया था), उन लोगों के बीच वापस आएगा जिन्होंने हज़ारों सालों से उसके लिए बहुत अधिक लालसा रखी है, और यह कि वह यहूदियों का स्वरूप और उनके कपड़े धारण करेगा।

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