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रविवार, 2 जून 2019

"जीतने वाले कार्य का भीतरी सत्य" पर परमेश्वर के वचन के चार अंशों से संकलन भाग एक



1. मनुष्यजाति, जो शैतान के द्वारा अत्यधिक भ्रष्ट कर दी गई है, नहीं जानती है कि एक परमेश्वर भी है और इसने परमेश्वर की आराधना करना भी समाप्त कर दिया है। आरम्भ में, जब आदम और हव्वा को रचा गया था, यहोवा का प्रताप और साक्ष्य सर्वदा उपस्थित था। परन्तु भ्रष्ट होने के पश्चात, मनुष्य ने उस प्रताप और साक्ष्य को खो दिया, क्योंकि सभी ने परमेश्वर के विरुद्ध विद्रोह किया और उसका सम्मान करना पूर्णतया बन्द कर दिया। आज का विजय कार्य उस सम्पूर्ण साक्ष्य और उस सम्पूर्ण प्रताप को पुनः प्राप्त करने, और सभी मनुष्यों से परमेश्वर की आराधना करवाने के लिए है, जिससे सृष्ट वस्तुओं में साक्ष्य हो। कार्य के इस पड़ाव में यही किए जाने की आवश्यकता है।

शुक्रवार, 31 मई 2019

"बाइबल के विषय में" पर परमेश्वर के वचन के चार अंशों से संकलन भाग दो



8. बाइबल को पुराना नियम और नया नियम भी कहते हैं। क्या तुम जानते हो कि "नियम" किसे संदर्भित करता है? "पुराने नियम" में "नियम" इस्राएल के लोगों के साथ बांधी गई परमेश्वर की वाचा से आता है जब उसने मिस्रियों को मार डाला था और इस्राएलियों को फिरौन से बचाया था। हाँ वास्तव में, मेमने का लहू इस वाचा का प्रमाण था जिसे दरवाज़ों की चौखट के ऊपर पोता गया था, जिसके द्वारा परमेश्वर ने मनुष्य के साथ एक वाचा बांधी थी, एक ऐसी वाचा जिसमें कहा गया था कि वे सभी लोग जिनके दरवाज़ों के ऊपर और अगल बगल मेमने का लहू लगा हुआ हो वे इस्राएली हैं, वे परमेश्वर के चुने हुए लोग हैं, और उन सभी को परमेश्वर के द्वारा बख्श दिया जाएगा (क्योंकि यहोवा उस समय मिस्र के पहिलौठे पुत्रों और भेड़ों और पशुओं के पहिलौठों को मारने ही वाला था)। इस वाचा में दो स्तर के अर्थ हैं। मिस्र के लोगों और पशुओं में से किसी को भी यहोवा के द्वारा छुटकारा नहीं दिया जाएगा; वह उनके सभी पहिलौठे पुत्रों और पहिलौठे भेड़ों और पशुओं को मार डालेगा।

शुक्रवार, 17 मई 2019

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "क्या आप जाग उठे हैं?"



जब आप सामान्य मनुष्यत्व से बाहर निकलकर जीवन व्यतित करना प्राप्त कर लेते हैं, और पूर्ण कर दिए गए हैं, तो हालांकि आप भविष्यवाणी करने, या कोई रहस्य बताने में असमर्थ होंगे, आप एक मनुष्य के स्वरूप को प्रगट करेंगे और जीवन व्यतित करेंगे। परमेश्वर ने मनुष्य की रचना की, जिसके बाद मनुष्य शैतान द्वारा भ्रष्ट किया गया, और इस भ्रष्टाचार ने मनुष्यों को मृत देह बना दिया - और परिणामस्वरूप आपके बदलने के बाद, आप इन मृत देहों से भिन्न हो जाएंगे। वह परमेश्वर के वचन हैं जो लोगों की आत्मा को जीवन देते हैं और उन्हें नया जन्म देते हैं, और जब लोगों की आत्माएं नया जन्म लेंगी वे जाग उठेंगे। 'मृतक' का उल्लेख यहां शव की ओर इशारा करता है जिसमें आत्मा नहीं होती है, तथा उन लोगों की ओर जिनकी आत्मा मर चुकी है। जब लोगों की आत्मा को जीवन दिया जाता है तो वे जीवित हो जाते हैं।

मंगलवार, 7 मई 2019

पवित्र आत्मा का वचन "तुम लोगों को अपने कार्यों पर विचार करना चाहिए"



तुम्हारे जीवन के कार्यों से अनुमान लगता है, कि तुम लोगों को पोषण और पुन: आपूर्ति के लिए प्रतिदिन वचनों की आवश्यकता है, क्योंकि तुम लोगों में बहुत सारी कमियां हैं और तुम लोगों में ग्रहण करने की योग्यता और ज्ञान बहुत ही कम है। अपने दैनिक जीवन में तुम लोग एक ऐसे वातावरण में रहते हो जिसमें कोई सत्य या भला एहसास नहीं है। तुम में अस्तित्व में बने रहने के लिए प्रधान वस्तु की कमी है और मुझे या सत्य को जानने के लिए तुम लोगों के पास आधार नहीं है। तुम्हारा विश्वास महज एक ऐसे अस्पष्ट भरोसे पर या धार्मिक रीति-रिवाजों और ज्ञान के ऊपर बना हुआ है जो पूरी तरह सिद्धांतों पर टिका हुआ है।

मंगलवार, 16 अप्रैल 2019

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन-कितना नीच है तुम्हारा चरित्र !

तुम सभी अपनी शानदार कुर्सियों पर बैठे हो और उन बच्चों को अपने पास बैठाकर सिखा रहे हो जो तुम्हारी तरह हैं। तुम लोग यह कैसे नहीं जानते कि तुम लोगों के इन "बच्चों" में पहले ही सांस नहीं था, और बहुत पहले उनके पास मेरा कार्य नहीं था? मेरी महिमा पूरब की भूमि से लेकर पश्चिम की भूमि तक चमकती है, लेकिन जब मेरी महिमा पृथ्वी के अंत तक फैलेगी और जब यह जागृत होने और चमकने लगेगी, तो मैं पूरब की महिमा को लेकर उसे पश्चिम की ओर ले आऊँगा, ताकि पूरब में अंधेरे के ये लोग जो मुझे छोड़ चुके हैं, फिर से प्रकाश की चमक के बिना रहेंगे।

शुक्रवार, 22 फ़रवरी 2019

परमेश्वर का कार्य-55. बाइबल की रचना कैसे हुई? बाइबल वास्तव में किस प्रकार की किताब है?

परमेश्वर के वचन से जवाब:
पुराने विधान में दर्ज की गई चीजें इस्राएल में यहोवा के कार्य हैं, और जो कुछ भी नए विधान में दर्ज है वह अनुग्रह के युग के दौरान यीशु के कार्य हैं; वे दो भिन्न-भिन्न युगों में परमेश्वर के द्वारा किए गए कार्य को अभिलिखित करते हैं। पुराना विधान व्यवस्था के युग के दौरान परमेश्वर के कार्य को अभिलिखित करता है, और इस प्रकार पुराना विधान एक ऐतिहासिक पुस्तक है, जबकि नया विधान अनुग्रह के युग के कार्य का उत्पाद है। जब नया कार्य आरम्भ हुआ, तो ये पुस्तकें पुरानी पड़ गईं—और इस प्रकार, नया विधान भी एक ऐतिहासिक पुस्तक है। वास्तव में, नया विधान पुराने विधान के समान सुव्यवस्थित नहीं है, न ही इसमें इतनी बातें दर्ज हैं।

मंगलवार, 27 नवंबर 2018

प्रश्न 37: यद्यपि पादरी और प्राचीन लोग धार्मिक दुनिया में सत्ता रखते हैं और वे ढोंगी फरीसियों के मार्ग पर चलते हैं, हम तो प्रभु यीशु में विश्वास करते हैं, पादरी और प्राचीन लोगों में नहीं, तो तुम यह कैसे कह सकते हो कि हम भी फरीसियों के रास्ते पर चलते हैं? क्या हम वास्तव में धर्म के भीतर रहकर परमेश्वर में विश्वास करने के द्वारा बचाए नहीं जा सकते हैं?

उत्तर:
धर्म में ऐसे बहुत-से लोग हैं, जो फरीसियों में अंधा विश्वास करते हैं और उनकी आराधना और उनका अनुसरण करते हैं। इसलिए वे जिस रास्ते पर चल रहे हैं, वह फरीसियों का रास्ता है या नहीं यह बात उस बारे में सोचने पर स्पष्ट हो जाती है। आप यह कहने की हिम्मत कर रही हैं कि आप फरीसियों की आराधना कर अपने दिल में उनको बचाती हैं, मगर उनके पापों से आपका कोई सरोकार नहीं है? आप यह कहने की हिम्मत करती हैं कि आप पाखंडी फरीसियों का अनुसरण करती हैं, लेकिन उन जैसी नहीं हैं, एक ऐसी इंसान जो परमेश्वर का विरोध करे? क्या हम ऐसे आसान सवाल को भी नहीं समझ सकते हैं? आप, जैसे इंसान का अनुसरण करती हैं वैसे ही रास्ते पर चलती हैं। अगर आप फरीसियों का अनुसरण करती हैं, तो आप फरीसियों के रास्ते पर चल रही हैं।

सोमवार, 5 नवंबर 2018

प्रश्न 8: अनुग्रह के युग में, परमेश्वर मानवजाति की पाप-बलि के रूप में सेवा करने के लिए देह बना, और पापों से उन्हें बचा लिया। अंतिम दिनों में परमेश्वर सच्चाई को प्रकट करने और न्याय के अपने कार्य को करने के लिए देह फिर से बन गया है, ताकि मनुष्य को पूरी तरह से शुद्ध किया जा सके और बचाया जा सके। तो मानव जाति को बचाने का कार्य करने के लिए परमेश्वर को दो बार देह-धारण की आवश्यकता क्यों पड़ती है? और परमेश्वर का दो बार देह-धारण करने का वास्तविक महत्व क्या है?

प्रश्न 8: अनुग्रह के युग में, परमेश्वर मानवजाति की पाप-बलि के रूप में सेवा करने के लिए देह बना, और पापों से उन्हें बचा लिया। अंतिम दिनों में परमेश्वर सच्चाई को प्रकट करने और न्याय के अपने कार्य को करने के लिए देह फिर से बन गया है, ताकि मनुष्य को पूरी तरह से शुद्ध किया जा सके और बचाया जा सके। तो मानव जाति को बचाने का कार्य करने के लिए परमेश्वर को दो बार देह-धारण की आवश्यकता क्यों पड़ती है? और परमेश्वर का दो बार देह-धारण करने का वास्तविक महत्व क्या है?

उत्तर:
ऐसा क्यों है कि परमेश्वर को मानवजाति को बचाने का कार्य करने के लिए दो बार देह धारण करना चाहिये? हमें पहले यह बात स्पष्ट होनी चाहिए: मनुष्य के उद्धार के संबंध में, परमेश्वर के दो देहधारणों का गहरा और अगाध अर्थ है। क्योंकि, चाहे हम छुटकारे की बात करें या फिर अंत के दिनों के न्याय एवं शुद्धिकरण की, उद्धार का कार्य मनुष्य के द्वारा पूरा नहीं किया जा सकता। इसके लिए परमेश्वर का देह धारण करना और अपना कार्य स्वयं पूरा करना आवश्यक है।

शुक्रवार, 2 नवंबर 2018

प्रश्न 5: धार्मिक पादरी और प्राचीन लोग अक्सर विश्वासियों के लिए ऐसा प्रचार करते हैं कि कोई भी उपदेश जो कहता है कि प्रभु देह में आ गया है, वह झूठा है। वे बाइबल की इन पंक्तियों को इसका आधार बनाते हैं: "उस समय यदि कोई तुम से कहे, 'देखो, मसीह यहाँ है!' या 'वहाँ है!' तो विश्‍वास न करना। क्योंकि झूठे मसीह और झूठे भविष्यद्वक्‍ता उठ खड़े होंगे, और बड़े चिह्न, और अद्भुत काम दिखाएँगे कि यदि हो सके तो चुने हुओं को भी भरमा दें" (मत्ती 24: 23-24)। अब हमें कुछ पता नहीं है कि हमें सच्चे मसीह को झूठों से कैसे अलग पहचानना चाहिए, इसलिए कृपया इस प्रश्न का उत्तर दो।

प्रश्न 5: धार्मिक पादरी और प्राचीन लोग अक्सर विश्वासियों के लिए ऐसा प्रचार करते हैं कि कोई भी उपदेश जो कहता है कि प्रभु देह में आ गया है, वह झूठा है। वे बाइबल की इन पंक्तियों को इसका आधार बनाते हैं: "उस समय यदि कोई तुम से कहे, 'देखो, मसीह यहाँ है!' या 'वहाँ है!' तो विश्‍वास न करना। क्योंकि झूठे मसीह और झूठे भविष्यद्वक्‍ता उठ खड़े होंगे, और बड़े चिह्न, और अद्भुत काम दिखाएँगे कि यदि हो सके तो चुने हुओं को भी भरमा दें" (मत्ती 24: 23-24)। अब हमें कुछ पता नहीं है कि हमें सच्चे मसीह को झूठों से कैसे अलग पहचानना चाहिए, इसलिए कृपया इस प्रश्न का उत्तर दो।

उत्तर:
प्रभु यीशु ने वास्तव में यह भविष्यवाणी की थी कि अंत के दिनों में झूठे मसीहा और झूठे पैगम्बर सामने आएँगे। यह एक सच्चाई है। लेकिन प्रभु यीशु ने कई बार यह भी स्पष्ट रूप से भविष्यवाणी की है कि वे वापस लौटेंगे। पक्के तौर पर, क्या हम इसमें विश्वास करते हैं? प्रभु यीशु की वापसी की भविष्यवाणियों को परखते समय, बहुत से लोग झूठे मसीहों और झूठे पैगम्बरों से सावधान होने को प्राथमिकता दे देते हैं। और इस बात पर जरा भी विचार नहीं करते कि जब दूल्हे का आगमन होगा तो उसका स्वागत कैसे करेंगे, और उसकी आवाज कैसे सुनेंगे।

मंगलवार, 30 अक्तूबर 2018

75. जब यीशु लौटेगा तो वह वास्तव में क्या कार्य करेगा?

75. जब यीशु लौटेगा तो वह वास्तव में क्या कार्य करेगा?

उत्तर परमेश्वर के वचन से:
यद्यपि यीशु ने मनुष्यों के बीच अधिक कार्य किया है, उसने केवल समस्त मानवजाति के छुटकारे के कार्य को पूरा किया और वह मनुष्य की पाप-बलि बना, मनुष्य को उसके भ्रष्ट स्वभाव से छुटकारा नहीं दिलाया। शैतान के प्रभाव से मनुष्य को पूरी तरह बचाने के लिये यीशु को न केवल पाप-बलि के रूप में मनुष्यों के पापों को लेना आवश्यक था, बल्कि मनुष्य को उसके भ्रष्ट स्वभाव से पूरी तरह मुक्त करने के लिए परमेश्वर को और भी बड़े कार्य करने की आवश्यकता थी जिसे शैतान द्वारा भ्रष्ट कर दिया गया था।

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