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बुधवार, 4 दिसंबर 2019

Hindi Christian Movie | "परमेश्वर में आस्था 2 – कलीसिया के गिरने के बाद" क्लिप 2

Hindi Christian Movie | "परमेश्वर में आस्था 2 – कलीसिया के गिरने के बाद" क्लिप 2 - अंत समय के फरीसियों की कैद से मुक्ति और प्रभु की वापसी का स्‍वागत


     जब से चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी सत्ता में आई है, तब से यह लगातार ईसाई धर्म और कैथोलिक धर्म को मानने वाले लोगों का दमन कर रही है और उन्हें यातनाएँ दे रही है। इसकी मंशा चीन से तमाम धार्मिक आस्थाओं का पूरी तरह से उन्मूलन करके, इसे नास्तिकता का गढ़ बना देना है।

मंगलवार, 27 अगस्त 2019

तुम विश्वास के विषय में क्या जानते हो?



मनुष्य केवल विश्वास के अनिश्चित शब्द पर बना रहता है, फिर भी मनुष्य यह नहीं जानता है कि वह क्या है जो विश्वास का निर्माण करता है, और यह तो बिलकुल ही नहीं जानता है कि उसके पास विश्वास क्यों है। मनुष्य बहुत ही कम जानता है और स्वयं मनुष्य में बहुत सारी कमियाँ हैं; वह बस लापरवाही और अज्ञानता से मुझ पर विश्वास रखता है। यद्यपि वह नहीं जानता है कि विश्वास क्या है न ही वह यह जानता है कि वह क्यों मुझ पर विश्वास रखे हुए है, वह सनक के साथ निरन्तर ऐसा करता रहता है। जो मैं मनुष्य से चाहता हूँ वह मात्र यह नहीं है कि वह सनक के साथ मुझे इस तरह पुकारे या अव्यवस्थित रीति से मुझ पर विश्वास करे।

शुक्रवार, 9 अगस्त 2019

विश्वासियों को क्या दृष्टिकोण रखना चाहिए



वो क्या है जो मनुष्य ने प्राप्त किया है जब उसने सर्वप्रथम परमेश्वर में विश्वास किया? तुमने परमेश्वर के बारे में क्या जाना है? परमेश्वर में अपने विश्वास के कारण तुम कितने बदले हो? अब तुम सभी जानते हो कि परमेश्वर में मनुष्य का विश्वास आत्मा की मुक्ति और देह के कल्याण के लिए ही नही है, और न ही यह उसके जीवन को परमेश्वर के प्रेम से सम्पन्न बनाने के लिए, इत्यादि है। जैसा यह है, यदि तुम परमेश्वर को सिर्फ़ देह के कल्याण के लिए या क्षणिक आनंद के लिए प्रेम करते हो, तो भले ही, अंत में, परमेश्वर के लिए तुम्हारा प्रेम इसके शिखर पर पहुँचता है और तुम कुछ भी नहीं माँगते, यह "प्रेम" जिसे तुम खोजते हो अभी भी अशुद्ध प्रेम होता है, और परमेश्वर को भाने वाला नहीं होता।

गुरुवार, 8 अगस्त 2019

तुम किस के प्रति वफादार हो?



जो जीवन तुम हर दिन जीते हो वह अब तुम्हारी नियति और तुम्हारी तकदीर के लिए निर्णायक और बहुत ही महत्वपूर्ण है। अतः जो कुछ तुम्हारे पास है और हर मिनट जो गुज़रता जाता है उसमें तुम्हें आनन्दित होना चाहिए। खुद को सबसे बड़ा लाभ देने के लिए तुम्हें अपने समय का हर सम्भव सदुपयोग करना चाहिए, ताकि तुम अपने जीवन को व्यर्थ में न जियो। शायद तुम इसके बारे में भ्रमित हो कि मैं ये वचन क्यों कह रहा हूँ? खुलकर कहूँ, तो मैं तुम में से किसी के भी कार्यों से प्रसन्न नहीं हूँ। क्योंकि तुम्हारे लिए मुझ में जो आशाएँ हैं वे वैसी नहीं हैं जैसे तुम अब हो। इस प्रकार, मैं इसे इस तरह से प्रकट कर सकता हूँ: तुम सभी खतरे के मुहाने पर हो। उद्धार के लिए तुम्हारा पहले का रोना और सत्य का अनुसरण करने और ज्योति की खोज करने के लिए तुम्हारी पूर्व आकांक्षाएँ खत्म होने वाली हैं।

शनिवार, 3 अगस्त 2019

क्या तुम परमेश्वर के एक सच्चे विश्वासी हो?



हो सकता है कि परमेश्वर में तुम्हारे विश्वास की यात्रा एक या दो वर्ष पुरानी हो, और हो सकता है कि इन वर्षों से अधिक भी हो जिसमें तुमने कठिनाइयों को देखा हो; या शायद तुम कठिनाइयों में होकर ही न गए हो और इसके बजाय अत्यधिक अनुग्रह को प्राप्त किया हो। ऐसा भी हो सकता है कि तुमने न ही कठिनाइयों का और न ही अनुग्रह का अनुभव किया हो, परन्तु इसके बजाए बहुत ही साधारण सा जीवन व्यतीत किया हो। चाहे कुछ भी हो, फिर भी तुम परमेश्वर के एक अनुयायी हो, इसलिए आओ उसके पीछे चलने के बारे में बातचीत करें।

बुधवार, 31 जुलाई 2019

Hindi Christian Video "साम्यवाद का झूठ" क्लिप 2 - विज्ञान मानवजाति के लिए वरदान रहा है या अभिशाप?


Hindi Christian Video "साम्यवाद का झूठ" क्लिप 2 - विज्ञान मानवजाति के लिए वरदान रहा है या अभिशाप?

भौतिकवाद और विकासवाद के सिद्धांत जैसे तर्कों का उपयोग करके, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी परमेश्वर के अस्तित्व और परमेश्वर के शासन को नकारने में कोई कसर नहीं छोड़ती। वे यह भी मानते हैं कि विज्ञान विकास ला सकता है और इंसान को सुख दे सकता है। क्या वाकई इसमें कोई सच्चाई है? क्या आज का वैज्ञानिक विकास आखिर मानवता के लिए वरदान लाया है या अभिशाप?

मंगलवार, 30 जुलाई 2019

Hindi Christian Video "साम्यवाद का झूठ" क्लिप 1 - धार्मिक विश्वास की निंदा करने के लिए सामन्ती अन्धविश्वास के प्रयोग में सीसीपी के इरादे


Hindi Christian Video "साम्यवाद का झूठ" क्लिप 1 - धार्मिक विश्वास की निंदा करने के लिए सामन्ती अन्धविश्वास के प्रयोग में सीसीपी के इरादे

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का ख्याल है कि धार्मिक आस्था, वैज्ञानिक ज्ञान में पिछड़ी हुई मानवता की अलौकिक शक्तियों के डर और आराधना के कारण पैदा हुई, और वह कहती है कि धर्म अंधविश्वास है। यही नहीं, वे सामंती अंधविश्वास का विरोध करने के नाम पर धार्मिक आस्था की निंदा करते हुए उस पर प्रतिबंध लगाते हैं। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के इन नज़रियों की बुनियाद क्या है? आखिर धार्मिक आस्था की सामंती अंधविश्वास के रूप में निंदा करने का चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का बेतुकापन कहाँ तक है?

रविवार, 21 जुलाई 2019

Hindi Gospel Video "महाअज्ञान" क्लिप 1- सच्चे मार्ग की जाँच करते हुए किनकी बातों पर ध्यान देना चाहिए

Hindi Gospel Video "महाअज्ञान" क्लिप 1- सच्चे मार्ग की जाँच करते हुए किनकी बातों पर ध्यान देना चाहिए


परमेश्वर के प्रकटन के लिए तरसते, प्रभु के कई सच्चे विश्वासियों ने सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों को पढ़ा है। सभी स्वीकार करते हैं कि वे वचन सत्य हैं, परमेश्वर की वाणी हैं, और वे सभी सच्चे मार्ग को खोजने-जाँचने के लिए तैयार हैं।

शुक्रवार, 21 जून 2019

Hindi Christian Movie "बच्चे, घर लौट आओ" क्लिप 4 - परमेश्वर में विश्वास करने के बाद इन्टरनेट गेम खेलने के व्यसन को सफलतापूर्वक छोड़ने के अनुभव एवं गवाही

Hindi Christian Movie "बच्चे, घर लौट आओ" क्लिप 4 - परमेश्वर में विश्वास करने के बाद इन्टरनेट गेम खेलने के व्यसन को सफलतापूर्वक छोड़ने के अनुभव एवं गवाही


कई युवा वेब गेम व्यसनी इंटरनेट को छोड़ना चाहते हैं, परंतु वे स्वयं पर कभी भी नियंत्रण नहीं कर पाते हैं। बार-बार की असफलताओं के बाद, वे हतोत्साहित और निराश हो जाते हैं, और मानते हैं कि इंटरनेट गेम्स को छोड़ना निराशाजनक है।

सोमवार, 27 मई 2019

केवल परमेश्वर को प्रेम करना ही वास्तव में परमेश्वर पर विश्वास करना है भाग दो



मनुष्य के भीतर परमेश्वर के द्वारा किए जाने वाले प्रत्येक कार्य के चरण में, बाहर से यह लोगों के मध्य परस्पर क्रिया के समान प्रतीत होता है, जैसे कि यह मानव प्रबंधों के द्वारा उत्पन्न हुआ हो, या मानविक हस्तक्षेप के माध्यम से। परन्तु पर्दे के पीछे, कार्य का प्रत्येक चरण, और घटित होने वाला सब कुछ, शैतान के द्वारा परमेश्वर के सामने चली गई बाज़ी होती है और परमेश्वर के लिए एक दृढ़ गवाह बने रहने के लिए लोगों से अपेक्षा की जाती है। उदाहरण के लिए, जब अय्यूब की परीक्षा ली जा रही थी: पर्दे के पीछे, शैतान परमेश्वर के सामने शर्त लगा रहा था, और अय्यूब के साथ जो हुआ वह मनुष्यों के कार्य थे, और मनुष्यों का हस्तक्षेप था। हर कदम के पीछे जो परमेश्वर ने शैतान के साथ बाज़ी में परमेश्वर ने तेरे लिए उठाए—उन सभी के पीछे एक युद्ध था।

रविवार, 26 मई 2019

केवल परमेश्वर को प्रेम करना ही वास्तव में परमेश्वर पर विश्वास करना है भाग एक



आज, जैसे तुम लोग परमेश्वर को जानने और प्रेम करने की कोशिश करते हो, एक प्रकार से तुम लोगों को कठिनाई और परिष्करण से होकर जाना होगा और दूसरे में, तुम लोगों को एक मूल्य चुकाना होगा। परमेश्वर को प्रेम करने के सबक से ज्यादा कुछ भी गहरा सबक नहीं है और ऐसा कहा जा सकता है कि सबक जो मनुष्य जीवन भर विश्वास करने से सीखते हैं वह परमेश्वर को किस प्रकार से प्रेम करना होता है। अर्थात् यदि तू परमेश्वर पर विश्वास करता है तो तुझे उसे प्रेम करना होगा। यदि तू केवल परमेश्वर पर विश्वास करता है परन्तु उससे प्रेम नहीं करता है, परमेश्वर का ज्ञान प्राप्त नहीं किया है, और कभी भी परमेश्वर को अपने हृदय से निकलने वाले सच्चे प्रेम से प्रेम नहीं किया है, तो परमेश्वर पर तेरा विश्वास करना व्यर्थ है; यदि परमेश्वर पर अपने विश्वास में, तू परमेश्वर से प्रेम नहीं करता है, तो तू व्यर्थ में ही जी रहा है, और तेरा सम्पूर्ण जीवन सभी जीवन से सबसे निम्न स्तर पर है।

बुधवार, 22 मई 2019

केवल वह जो परमेश्वर के कार्य को अनुभव करता है वही परमेवर में सच में विश्वास करता है



यद्यपि बहुत से लोग परमेश्वर पर विश्वास करते हैं, किंतु बहुत कम लोग समझते हैं कि परमेश्वर पर विश्वास करने का अर्थ क्या है, और परमेश्वर के मन के अनुरूप बनने के लिये उन्हें क्या करना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि यद्यपि लोग "परमेश्वर" शब्द और "परमेश्वर का कार्य" जैसे वाक्यांश से परिचित हैं, किंतु वे परमेश्वर को नहीं जानते हैं, और उससे भी कम वे उसके कार्य को जानते हैं। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि तब वे सभी जो परमेश्वर को नहीं जानते हैं, वे दुविधायुक्त विश्वास रखते हैं। लोग परमेश्वर पर विश्वास करने को गंभीरता से नहीं लेते हैं, क्योंकि परमेश्वर पर विश्वास करना उनके लिये अत्यधिक अनजाना और अजीब है। इस प्रकार, वे परमेश्वर की माँग से कम पड़ते हैं। दूसरे शब्दों में, यदि लोग परमेश्वर को नहीं जानते हैं, तो वे उसके कार्य को भी नहीं जानते हैं, तब वे परमेश्वर के इस्तेमाल के योग्य नहीं हैं, और उससे भी कम यह कि वे परमेश्वर की इच्छा को पूरा नहीं कर सकते हैं।

सोमवार, 13 मई 2019

पवित्र आत्मा के वचन "तुम्हें सत्य के लिए जीना चाहिए क्योंकि तुम्हें परमेश्वर में विश्वास है"



एक सामान्य समस्या जो सभी मनुष्यों में पाई जाती है कि वे सत्य को समझते तो हैं लेकिन उसे अभ्यास में नहीं ला सकते हैं। एक तथ्य यह है कि मनुष्य मूल्य चुकाने के लिए तैयार नहीं है, और दूसरा यह है कि मनुष्य की सूझ-बूझ बहुत अपर्याप्त है; वह अतीत की उन कई कठिनाइयों की उपेक्षा करने में असमर्थ है जो वास्तविक जीवन में विद्यमान हैं और नहीं जानता है कि कैसे उनका उचित रूप से अभ्यास करे।

शुक्रवार, 26 अप्रैल 2019

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "तीन चेतावनियाँ" | How to Be a Loyal Servant of God (Hindi)



परमेश्वर में विश्वासी के रूप में, तुम लोगों को सभी बातों में परमेश्वर के अलावा और किसी के प्रति वफादार नहीं होना चाहिए और सभी बातों में उसकी इच्छा के अनुरूप होने में समर्थ होना चाहिए। तथापि, यद्यपि हर कोई इस सिद्धांत को समझता है, फिर भी ये सच्चाइयाँ जो अत्यधिक स्पष्ट और बुनियादी हैं, जहाँ तक मनुष्य का संबंध है, उसकी अज्ञानता, बेहूदगी, और भ्रष्टता जैसी नानाविध मनोव्यथाओं के कारण उसमें पूरी तरह से नहीं देखी जा सकती है। इसलिए, तुम लोगों का अंत निर्धारित करने से पहले, मुझे सबसे पहले तुम लोगों को कुछ चीज़ें बतानी चाहिए, जो तुम लोगों के लिए अत्यधिक महत्व की हैं।

रविवार, 31 मार्च 2019

95. किसी के कर्तव्य निभाने और सत्य का अनुसरण करने के बीच वास्तव में क्या संबंध है? उद्धार प्राप्त करने के साथ किसी के कर्तव्य निभाने का क्या सरोकार है?

परमेश्वर के वचन से जवाब:
यह सदैव उसके कर्तव्य को करने की प्रक्रिया के माध्यम से है कि मनुष्य धीरे-धीरे बदलता है, और यह इसी प्रक्रिया के माध्यम से है कि वह अपनी वफादारी प्रदर्शित करता है। वैसे तो, तुम जितना अधिक अपना कार्य करने में समर्थ होगे, तुम उतने ही अधिक सत्य प्राप्त करोगे, और तुम्हारी अभिव्यक्ति भी उतनी ही अधिक वास्तविक हो जाएगी। जो लोग अपने कर्तव्य को बिना रुचि के करते हैं और सत्य की तलाश नहीं करते हैं वे अन्त में हटा दिए जाएँगे, क्योंकि ऐसे लोग सत्य के अभ्यास में अपने कर्तव्य को नहीं करते हैं, और अपने कर्तव्य को पूरा करने में सत्य का अभ्यास नहीं करते हैं।

गुरुवार, 28 फ़रवरी 2019

50. हम हर बात में पादरियों और एल्डर्स की आज्ञा मानते हैं और समर्पण करते हैं, क्या यह परमेश्वर के आगे समर्पण करने के समान है? क्या इस ढंग से परमेश्वर में विश्वास करना उद्धार प्राप्त करने का मार्ग है?

परमेश्वर के वचन से जवाब:
जो लोग परमेश्वर में विश्वास करते हैं, उन्हें परमेश्वर की आज्ञा माननी चाहिए और उसकी आराधना करनी चाहिए। तुम्हें किसी व्यक्ति को ऊँचा नहीं ठहराना चाहिए या किसी व्यक्ति पर श्रद्धा नहीं रखनी चाहिए; तुम्हें पहला स्थान परमेश्वर को, दूसरा स्थान उन लोगों को जिनकी तुम श्रद्धा करते हो, और तीसरा स्थान अपने आपको नहीं देना चाहिए। किसी भी व्यक्ति को तुम्हारे हृदय में कोई स्थान नहीं लेना चाहिए, और तुम्हें लोगों को—विशेष रूप से उन्हें जिनका तुम सम्मान करते हो—परमेश्वर के समतुल्य, उसके बराबर नहीं मानना चाहिए। यह परमेश्वर के लिए असहनीय है।

मंगलवार, 27 नवंबर 2018

प्रश्न 37: यद्यपि पादरी और प्राचीन लोग धार्मिक दुनिया में सत्ता रखते हैं और वे ढोंगी फरीसियों के मार्ग पर चलते हैं, हम तो प्रभु यीशु में विश्वास करते हैं, पादरी और प्राचीन लोगों में नहीं, तो तुम यह कैसे कह सकते हो कि हम भी फरीसियों के रास्ते पर चलते हैं? क्या हम वास्तव में धर्म के भीतर रहकर परमेश्वर में विश्वास करने के द्वारा बचाए नहीं जा सकते हैं?

उत्तर:
धर्म में ऐसे बहुत-से लोग हैं, जो फरीसियों में अंधा विश्वास करते हैं और उनकी आराधना और उनका अनुसरण करते हैं। इसलिए वे जिस रास्ते पर चल रहे हैं, वह फरीसियों का रास्ता है या नहीं यह बात उस बारे में सोचने पर स्पष्ट हो जाती है। आप यह कहने की हिम्मत कर रही हैं कि आप फरीसियों की आराधना कर अपने दिल में उनको बचाती हैं, मगर उनके पापों से आपका कोई सरोकार नहीं है? आप यह कहने की हिम्मत करती हैं कि आप पाखंडी फरीसियों का अनुसरण करती हैं, लेकिन उन जैसी नहीं हैं, एक ऐसी इंसान जो परमेश्वर का विरोध करे? क्या हम ऐसे आसान सवाल को भी नहीं समझ सकते हैं? आप, जैसे इंसान का अनुसरण करती हैं वैसे ही रास्ते पर चलती हैं। अगर आप फरीसियों का अनुसरण करती हैं, तो आप फरीसियों के रास्ते पर चल रही हैं।

रविवार, 18 नवंबर 2018

प्रश्न 26: बाइबल ईसाई धर्म का अधिनियम है और जो लोग प्रभु में विश्वास करते हैं, उन्होंने दो हजार वर्षों से बाइबल के अनुसार ऐसा विश्वास किया हैं। इसके अलावा, धार्मिक दुनिया में अधिकांश लोग मानते हैं कि बाइबल प्रभु का प्रतिनिधित्व करती है, कि प्रभु में विश्वास बाइबल में विश्वास है, और बाइबल में विश्वास प्रभु में विश्वास है, और यदि कोई बाइबल से भटक जाता है तो उसे विश्वासी नहीं कहा जा सकता। कृपया बताओ, क्या मैं पूछ सकता हूँ कि इस तरीके से प्रभु पर विश्वास करना प्रभु की इच्छा के अनुरूप है या नहीं?

उत्तर:
बहुत से लोगों का विश्वास है कि बाइबल प्रभु की प्रतिनिधि है, परमेश्वर की प्रतिनिधि है और प्रभु में विश्वास करने का अर्थ बाइबल में विश्वास करना है, और बाइबल में विश्वास करना प्रभु में विश्वास करने के समान है। लोग बाइबल को परमेश्वर के समान दर्जा देते हैं। ऐसे भी लोग हैं जो परमेश्वर को नहीं मानते पर बाइबल को मानते हैं। वे बाइबल को सर्वोच्च मानते हैं और परमेश्वर के स्थान पर बाइबल को रखने का प्रयास भी करते हैं। ऐसे धार्मिक नेता भी हैं जो मसीह को नहीं मानते पर बाइबल को मानते हैं, और दावा करते हैं कि प्रभु के दूसरे अवतरण का उपदेश देने वाले लोग पाखंडी और विधर्मी हैं। यहां ठीक-ठीक मुद्दा क्या है? यह स्पष्ट है, कि धार्मिक विश्व ऐसे बिंदु तक धंस गया है जहां वे केवल बाइबल को ही मानते हैं और प्रभु के लौटने पर विश्वास नहीं करते - उन्हें कोई नहीं बचा सकता। इससे यह स्पष्ट हो जाता है, कि धार्मिक विश्व यीशु-विरोधियों का ऐसा समूह बन चुका है जो परमेश्वर का विरोध करता है और परमेश्वर को अपना शत्रु मानता है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि कई धार्मिक नेता पाखंडी फारसी हैं। विशेष रूप से वे जो यह दावा करते हैं कि "प्रभु के दूसरे अवतरण का उपदेश देने वाले लोग पाखंडी और विधर्मी हैं," वे सभी यीशु-विरोधी और अविश्वासी हैं।

सोमवार, 15 अक्तूबर 2018

XVII. सत्य की वास्तविकता और बाइबल के ज्ञान और सिद्धांत के बीच में कैसे भेद करें, इस पर हर किसी को स्पष्ट रूप से सहभागिता करनी चाहिए

परमेश्वर की गवाही देते बीस सत्य, परमेश्वर में विश्वास, बाइबिल की भविष्यवाणी,

2. बाइबल के धर्म-शास्त्रीय ज्ञान पर भरोसा करते हुए यदि कोई परमेश्वर पर विश्वास करता है तो इसका क्या अंजाम होगा?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"ये लोग होठों से तो मेरा आदर करते हैं, पर उनका मन मुझ से दूर रहता है। और ये व्यर्थ मेरी उपासना करते हैं, क्योंकि मनुष्यों की विधियों को धर्मोपदेश करके सिखाते हैं।" (मत्ती 15:8-9)।
"क्योंकि शब्द मारता है, पर आत्मा जिलाता है" (2 कुरिन्थियों 3:6)।

Hindi Christian Movie | अग्नि द्वारा बप्तिस्मा | Can We Enter the Kingdom of Heaven by Hard Work?

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