अधिकांश लोगों का परमेश्वर पर विश्वास का आधार दृढ धार्मिक विश्वास होता हैः वे परमेश्वर को प्रेम करने के योग्य नहीं होते हैं, और परमेश्वर का अनुसरण केवल एक रोबोट की तरह ही कर सकते हैं, उनमें परमेश्वर के प्रति सच्ची तड़प या भक्ति नहीं होती। वे मात्र चुपचाप उसका अनुसरण करते हैं। बहुत से लोग परमेश्वर पर विश्वास करते हैं परन्तु केवल कुछ ही हैं जो उसको प्रेम करते हैं; वे केवल परमेश्वर का भय इसलिए मानते हैं क्योंकि वे तबाही से डरते हैं, या फिर वे परमेश्वर की आराधना करते हैं क्योंकि वह ऊँचा और शक्तिमान है - परन्तु उनके श्रद्धा और आदर में कोई प्रेम या वास्तविक ललक नहीं होती है। अपने अनुभवों में वे सत्य के तुच्छ विषयों को खोजते हैं, या फिर कुछ निरर्थक रहस्यों को खोजते हैं।
菜单
घर
!doctype>
सुसमाचार गायक मंडली
गायक-मंडली से विशेष वीडियो क्लिप
सुसमाचार गायक-मंडलीट्रेलर
गायक-मंडली के गीत
धार्मिक उत्पीड़न मूवी
धार्मिक उत्पीड़न मूवी की झलकियाँ
कलीसिया जीवन पर फिल्में
कलीसिया जीवन पर फिल्म के अंश
गायन और नृत्य वीडियो
कथात्मक संगीत वीडियो
ए कैप्पेला संगीत वीडियो श्रृंखला
परमेश्वर के वचन के भजन
स्तुति गीत का वीडियो
नृत्य और गाने के वीडियो
आराधना और स्तुति के गीत
परमेश्वर से प्रेम लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
परमेश्वर से प्रेम लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
रविवार, 28 जुलाई 2019
रविवार, 26 मई 2019
केवल परमेश्वर को प्रेम करना ही वास्तव में परमेश्वर पर विश्वास करना है भाग एक
आज, जैसे तुम लोग परमेश्वर को जानने और प्रेम करने की कोशिश करते हो, एक प्रकार से तुम लोगों को कठिनाई और परिष्करण से होकर जाना होगा और दूसरे में, तुम लोगों को एक मूल्य चुकाना होगा। परमेश्वर को प्रेम करने के सबक से ज्यादा कुछ भी गहरा सबक नहीं है और ऐसा कहा जा सकता है कि सबक जो मनुष्य जीवन भर विश्वास करने से सीखते हैं वह परमेश्वर को किस प्रकार से प्रेम करना होता है। अर्थात् यदि तू परमेश्वर पर विश्वास करता है तो तुझे उसे प्रेम करना होगा। यदि तू केवल परमेश्वर पर विश्वास करता है परन्तु उससे प्रेम नहीं करता है, परमेश्वर का ज्ञान प्राप्त नहीं किया है, और कभी भी परमेश्वर को अपने हृदय से निकलने वाले सच्चे प्रेम से प्रेम नहीं किया है, तो परमेश्वर पर तेरा विश्वास करना व्यर्थ है; यदि परमेश्वर पर अपने विश्वास में, तू परमेश्वर से प्रेम नहीं करता है, तो तू व्यर्थ में ही जी रहा है, और तेरा सम्पूर्ण जीवन सभी जीवन से सबसे निम्न स्तर पर है।
गुरुवार, 23 मई 2019
सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "पतरस ने यीशु को कैसे जाना"
उस समय के दौरान जो पतरस ने यीशु के साथ बिताया, उसने यीशु में अनेक प्यारे अभिलक्षणों, अनेक अनुकरणीय पहलुओं, और अनेक ऐसी चीजों को देखा जिन्होंने उसे आपूर्ति की। यद्यपि पतरस ने कई तरीकों से यीशु में परमेश्वर के अस्तित्व को देखा, और कई प्यारे गुण देखे, किन्तु पहले वह यीशु को नहीं जानता था। पतरस जब 20 वर्ष का था तब उसने यीशु का अनुसरण करना आरम्भ किया, और छः वर्ष तक वह ऐसा करता रहा। उस समय के दौरान, उसे यीशु के बारे में कभी भी पता नहीं चला, किन्तु विशुद्ध रूप से उसकी प्रशंसा के लिए वह उसका अनुसरण करने का इच्छुक था। जब यीशु ने गलील के तट पर उसे पहली बार बुलाया, तो उसने पूछाः "शमौन, योना के पुत्र, क्या तू मेरा अनुसरण करेगा?" पतरस ने कहा: "मुझे उसका अवश्य अनुसरण करना चाहिए जिसे स्वर्गिक पिता द्वारा भेजा जाता है।
शनिवार, 9 फ़रवरी 2019
27. हम मानते हैं कि प्रभु के कीमती रक्त ने हमें पहले ही शुद्ध कर दिया है और हम पवित्र हो चुके हैं और पाप से संबंधित नहीं हैं, इसलिए हमें शुद्धिकरण के कार्य को प्राप्त करने की कोई जरूरत नहीं है। ऐसा कहना सही क्यों नहीं है?
उत्तर परमेश्वर के वचन से:
तुम सिर्फ यह जानते हो कि यीशु अन्तिम दिनों के दौरान आयेगा, परन्तु वास्तव में वह कैसे आयेगा? तुम जैसा पापी, जिसे बस अभी अभी छुड़ाया गया है, और परिवर्तित नहीं किया गया है, या परमेश्वर के द्वारा सिद् नहीं किया गया है, क्या तुम परमेश्वर के हृदय के अनुसार हो सकते हो? तुम्हारे लिए, तुम जो अभी भी पुराने मनुष्यत्व के हो, यह सत्य है कि तुम्हें यीशु के द्वारा बचाया गया था, और यह कि परमेश्वर के उद्धार के कारण तुम्हें एक पापी के रूप में नहीं गिना जाता है, परन्तु इससे यह साबित नहीं होता है कि तुम पापपूर्ण नहीं हो, और अशुद्ध नहीं हो।
गुरुवार, 17 जनवरी 2019
6. यदि हम परमेश्वर में विश्वास न करें, सदाचारी रहें, अच्छे काम करें, और कोई बुरे काम न करें, तो क्या हम उद्धार प्राप्त कर सकते हैं?
परमेश्वर के वचन से जवाब:
इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता है कि मानवजाति की सभ्यता को सुरक्षित रखने के लिए शासक और समाजशास्त्री अपना कितना दिमाग ख़पाते हैं, परमेश्वर के मार्गदर्शन के बिना, यह किसी लाभ का नहीं है। मनुष्य के हृदय का खालीपन कोई नहीं भर सकता है, क्योंकि मनुष्य का जीवन कोई नहीं बन सकता है, और कोई भी सामाजिक सिद्धांत मनुष्य को उस खालीपन से मुक्ति नहीं दिला सकता है जिससे वह व्यथित है।
गुरुवार, 13 दिसंबर 2018
12. "सब कुछ पीछे छोड़कर परमेश्वर का अनुसरण करो" इसका क्या मतलब है?
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
तुम अपना हृदय और शरीर और अपना समस्त वास्तविक प्यार परमेश्वर को समर्पित कर सकते हो, उसके सामने रख सकते हो, उसके प्रति पूरी तरह से आज्ञाकारी हो सकते हो, और उसकी इच्छा के प्रति पूर्णतः विचारशील हो सकते हो। शरीर के लिए नहीं, परिवार के लिए नहीं, और अपनी व्यक्तिगत इच्छाओं के लिए नहीं, बल्कि परमेश्वर के परिवार के हित के लिए। तुम परमेश्वर के वचन को हर चीज में सिद्धांत के रूप में, नींव के रूप में ले सकते हो। इस तरह, तुम्हारे इरादे और तुम्हारे दृष्टिकोण सब सही जगह पर होंगे, और तुम ऐसे व्यक्ति होगे जो उसके सामने परमेश्वर की प्रशंसा प्राप्त करता है।
बुधवार, 12 दिसंबर 2018
11. अपने कर्तव्य को करने और सेवा करने में क्या अंतर है?
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
मनुष्य का अपना कर्तव्य निभाना, वास्तव में, उस सबका निष्पादन है जो मनुष्य के भीतर अन्तर्निहित है, अर्थात्, जो मनुष्य के लिए संभव है, उसका निष्पादन है। यह इसके बाद ही है कि उसका कर्तव्य पूरा होता है। मनुष्य की सेवा के दौरान मनुष्य के दोष उसके प्रगतिशील अनुभवों और न्याय के अनुभव की उसकी प्रक्रिया के माध्यम से धीरे-धीरे कम होते जाते हैं; वे मनुष्य के कर्तव्य में बाधा हैं या प्रभाव नहीं डालते हैं। … मनुष्य के कर्तव्य और क्या वह धन्य या श्रापित है के बीच कोई सह-सम्बन्ध नहीं है। कर्तव्य वह है जो मनुष्य को पूरा करना चाहिए; यह उसका आवश्यक कर्तव्य है और प्रतिफल, परिस्थितियों या कारणों पर निर्भर नहीं होना चाहिए।
रविवार, 5 अगस्त 2018
युवावस्था के शिखर-काल में कारावास
13. युवावस्था के शिखर-काल में कारावास
चेंग्ज़ी, हेबेई प्रांत
हर कोई कहता है कि हमारे यौवन-काल का मुख्य भाग जीवन का सबसे शानदार और सबसे निर्मल समय होता है। शायद कई लोगों के लिए, वे वर्ष खूबसूरत यादों से भरे होते हैं, लेकिन जिस बात की मैंने कभी उम्मीद भी नहीं की थी वह थी कि मैंने अपनी युवावस्था का शिखर-काल जेल में व्यतीत किया था। इसके लिए तुम मेरी ओर अजीब तरीके से देख सकते हो, लेकिन मुझे इसका अफ़सोस नहीं है। यद्यपि सलाखों के पीछे का वह समय कड़वाहट और आँसुओं से भरा था, किन्तु यह मेरे जीवन का सबसे मूल्यवान उपहार था, और मुझे इससे बहुत कुछ प्राप्त हुआ।
शनिवार, 4 अगस्त 2018
पीड़ा से प्रेम की सुगंध उत्सर्जित होती है
4. पीड़ा से प्रेम की सुगंध उत्सर्जित होती है
ज़ियाओकाई, जियांग्ज़ी प्रांत
मैं एक साधारण ग्रामीण महिला हूँ और, केवल लड़कों को महत्व देने के सामंती विचार की वजह से, मैं लड़का पैदा नही करने के कारण शर्म से दूसरों के सामने सिर उठाने में असमर्थ थी। जब मैं बहुत अधिक पीड़ित थी, तभी मुझे प्रभु यीशु द्वारा चुना लिया गया और दो साल बाद, मैंने सर्वशक्तिमान परमेश्वर के उद्धार को स्वीकार कर लिया। इसके अलावा, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों के भीतर से मुझे बहुत सच्चाई समझ में आई और मेरे हृदय को सच्ची मुक्ति मिली।
शुक्रवार, 3 अगस्त 2018
पश्चाताप के बिना युवावस्था का समय बिता दिया
3. पश्चाताप के बिना युवावस्था का समय बिता दिया
ज़ाओवेन, चॉन्गकिंग
"प्रेम एक शुद्ध भावना है, पवित्र बिना किसी भी दोष के। अपने हृदय का प्रयोग करो, प्रेम के लिए, अनुभूति के लिए और परवाह करने के लिए। प्रेम नियत नहीं करता, शर्तें, बाधाएँ या दूरी। अपने हृदय का प्रयोग करो, प्रेम के लिए, अनुभूति के लिए और परवाह करने के लिए। यदि तुम प्रेम करते हो, तो धोखा नहीं देते, शिकायत नहीं करते ना मुँह फेरते हो, बदले में कुछ पाने की, चाह नहीं रखते हो" (मेमने का अनुसरण करना और नए गीत गाना में "शुद्ध प्रेम बिना दोष के")।
मंगलवार, 31 जुलाई 2018
Hindi Praise and Worship Song | Christians Love God Until Death | "जीवन की गवाही" (Male Solo)
Hindi Praise and Worship Song | Christians Love God Until Death | "जीवन की गवाही" (Male Solo)
शनिवार, 5 मई 2018
Hindi Christian Song | "परमेश्वर का धार्मिक स्वभाव है अनूठा" | How to Know God?
Hindi Christian Song | "परमेश्वर का धार्मिक स्वभाव है अनूठा" | How to Know God?
अपना धार्मिक स्वभाव परमेश्वर करता है अभिव्यक्त अनूठे तरीकों और सिद्धांतों से, किसी व्यक्ति, घटना या वस्तु के नियंत्रण के नहीं अधीन। कोई बदल नहीं सकता उसके विचार और सोच को, कोई तैयार नहीं कर सकता उसे अलग राह पर चलने को। यह है अनूठा स्वभाव सृष्टिकर्ता के धार्मिक स्वभाव का। यह है अनूठा स्वभाव सृष्टिकर्ता के धार्मिक स्वभाव का।बुधवार, 25 अप्रैल 2018
God Is Love | New Hindi Christian Song 2018 | शुद्ध प्रेम बिना दोष के
God Is Love | New Hindi Christian Song 2018 | शुद्ध प्रेम बिना दोष के
शनिवार, 14 अप्रैल 2018
Hindi Christian Music Video 2018 | the Return of the Lord Jesus | "दो हज़ार सालों की अभिलाषा"
Hindi Christian Music Video 2018 | the Return of the Lord Jesus | "दो हज़ार सालों की अभिलाषा"
शुक्रवार, 30 मार्च 2018
Hindi Christian Song "परमेश्वर मानता है इंसान को अपना सबसे प्रिय" | God Is Love
Hindi Christian Song "परमेश्वर मानता है इंसान को अपना सबसे प्रिय" | God Is Love
बुधवार, 15 नवंबर 2017
A Cappella | Hindi The Best Christian Music Video "नए जीवन की जय" | Be Full of Love for God
A Cappella | Hindi The Best Christian Music Video "नए जीवन की जय" | Be Full of Love for God
शनिवार, 11 नवंबर 2017
A Cappella | Hindi Christian Music Video "परमेश्वर का ज्ञान होने से प्राप्त परिणाम"
A Cappella | Hindi Christian Music Video "परमेश्वर का ज्ञान होने से प्राप्त परिणाम"
इस दिन तक,
आप यह न महसूस करेंगे कि रचनाकार
अब एक पहेली नहीं है,
कि वह रचनाकार आपसे कभी भी छिपा हुआ नहीं रहा,
कि वह रचनाकार
उसने अपना चेहरा कभी भी आपसे छिपाया नहीं,
कि वह आपसे कभी भी दूर नहीं रहा,
कि वह ऐसा नहीं रहा कि आप उसे अपने विचारों में निरंतर खोजते रहें
बुधवार, 1 नवंबर 2017
Hindi Praise Dance "मीठे प्यार का गीत" | Live in God's Love
Hindi Praise Dance "मीठे प्यार का गीत" | Live in God's Love
मीठे प्यार का गीत
मेरे दिल की गहरायी में, आपका प्यार है।
इतना प्यार, की में आप के पास होता हूँ।
आपका ध्यान करना मेरे दिल की मिठास है;
मेरे मन से आपकी सेवा।
मेरे दिल के इशारो से, यह आपका प्यार है;
मैं प्यार के कदमो का अनुसरण करता हूँ|
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
Hindi Christian Movie | अग्नि द्वारा बप्तिस्मा | Can We Enter the Kingdom of Heaven by Hard Work?
Hindi Christian Movie | अग्नि द्वारा बप्तिस्मा | Can We Enter the Kingdom of Heaven by Hard Work? प्रभु यीशु ने कहा, "जो म...
-
Faith, Hope, Love | Musical Drama "एंजेलिना की कहानी" | Hindi Christian Video | Love of God एंजेलिना एक पवित्र, दयालु ई...
-
God Is Great | Hindi Christian Music Video " परमेश्वर का सच्चा प्यार" | Praise the Lord आज फिर मैं परमेश्वर के सामने खड़ा ह...
-
पहला देहधारी परमेश्वर पृथ्वी पर साढ़े तैंतीस साल रहा, फिर भी उसने अपनी सेवकाई को उन सालों में से केवल साढ़े तीन साल तक ही किया। ...