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शुक्रवार, 5 अप्रैल 2019

100. परमेश्वर द्वारा राज्य के जिन सुंदर दृश्यों की भविष्यवाणी की गयी है, उन्हें कैसे हासिल और साकार किया जाएगा?

जब परमेश्वर अपने महान क्रोध का उत्सर्जन करेगा, तो परिणामस्वरूप, पूरी दुनिया, ज्वालामुखी के फटने की तरह, सभी प्रकार की आपदाओं का अनुभव करेगी। आकाश से ऊपर खड़े हो कर, यह देखा जा सकता है कि पृथ्वी पर सभी प्रकार की आपदाएँ, दिन प्रति दिन मानवजाति को घेर रही हैं। ऊपर से नीचे देखने पर, पृथ्वी भूकंप से पहले के विभिन्न दृश्यों की तरह है। हर जगह भयानक पानी बढ़ रहा है, सभी जगहों पर लावा बह रहा है, पहाड़ सरक रहे हैं, और हर जगह उदासीन प्रकाश चमक रहा है।

गुरुवार, 4 अप्रैल 2019

99. मानवजाति के गंतव्य और राज्य के सुंदर दृश्य वास्तव में कैसे होते हैं? परमेश्वर के कौन-से वचन इन्हें सत्यापित करते हैं?

मेरे वचनों के पूर्ण होने के बाद, राज्य धीरे-धीरे पृथ्वी पर आकार लेने लगता है और मनुष्य धीरे-धीरे सामान्य हो जाता, और इस प्रकार पृथ्वी पर मेरे हृदय में राज्य स्थापित हो जाता है। उस राज्य में, परमेश्वर के सभी लोगों को सामान्य मनुष्य का जीवन वापस मिल जाता है। बर्फीली शीत ऋतु चली गई है, उसका स्थान बहारों के संसार ने ले लिया है, जहाँ साल भर बहार बनी रहती है। लोग आगे से मनुष्य के उदास और अभागे संसार का सामना नहीं करते हैं, और न ही वे आगे से मनुष्य के शांत ठण्डे संसार को सहते हैं। लोग एक दूसरे से लड़ाई नहीं करते हैं।

बुधवार, 3 अप्रैल 2019

98. एक अच्छे गंतव्य के लिए विश्वासियों को इतने अधिक नेक काम क्यों करने पड़ते हैं?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"क्योंकि यह उस मनुष्य की सी दशा है जिसने परदेश जाते समय अपने दासों को बुलाकर अपनी संपत्ति उनको सौंप दी। उसने एक को पाँच तोड़े, दूसरे को दो, और तीसरे को एक; अर्थात् हर एक को उसकी सामर्थ्य के अनुसार दिया, और तब परदेश चला गया। तब, जिसको पाँच तोड़े मिले थे, उसने तुरन्त जाकर उनसे लेन-देन किया, और पाँच तोड़े और कमाए। इसी रीति से जिसको दो मिले थे, उसने भी दो और कमाए। परन्तु जिसको एक मिला था, उसने जाकर मिट्टी खोदी, और अपने स्वामी के रुपये छिपा दिए। बहुत दिनों के बाद उन दासों का स्वामी आकर उनसे लेखा लेने लगा।

मंगलवार, 2 अप्रैल 2019

97. परमेश्वर के उद्धार और पूर्णता को स्वीकार करने के लिए इतनी अधिक तकलीफें सहना क्यों आवश्यक है?

तुम परमेश्वर से प्रेम करना कैसे सीखते हो? यातना और शोधन के बिना, पीड़ादायक परीक्षाओं के बिना, और यदि परमेश्वर ने मनुष्य को अनुग्रह, प्रेम और दया ही प्रदान की होती, तो क्या तुम परमेश्वर के सच्चे प्रेम को प्राप्त कर सकत थे? एक ओर, परमेश्वर की ओर से आने वाले परीक्षाओं के दौरान मनुष्य अपनी त्रुटियों को जान पाता है, और देख लेता है कि वह महत्वहीन, घृणित, और निम्न है, और कि उसके पास कुछ नहीं है, और वह कुछ नहीं है; दूसरी ओर, अपने परीक्षाओं के दौरान परमेश्वर मनुष्य के लिए भिन्न वातावरणों की रचना करता है जो मनुष्य को परमेश्वर की मनोहरता का अनुभव करने के अधिक योग्य बनाता है।

रविवार, 31 मार्च 2019

95. किसी के कर्तव्य निभाने और सत्य का अनुसरण करने के बीच वास्तव में क्या संबंध है? उद्धार प्राप्त करने के साथ किसी के कर्तव्य निभाने का क्या सरोकार है?

परमेश्वर के वचन से जवाब:
यह सदैव उसके कर्तव्य को करने की प्रक्रिया के माध्यम से है कि मनुष्य धीरे-धीरे बदलता है, और यह इसी प्रक्रिया के माध्यम से है कि वह अपनी वफादारी प्रदर्शित करता है। वैसे तो, तुम जितना अधिक अपना कार्य करने में समर्थ होगे, तुम उतने ही अधिक सत्य प्राप्त करोगे, और तुम्हारी अभिव्यक्ति भी उतनी ही अधिक वास्तविक हो जाएगी। जो लोग अपने कर्तव्य को बिना रुचि के करते हैं और सत्य की तलाश नहीं करते हैं वे अन्त में हटा दिए जाएँगे, क्योंकि ऐसे लोग सत्य के अभ्यास में अपने कर्तव्य को नहीं करते हैं, और अपने कर्तव्य को पूरा करने में सत्य का अभ्यास नहीं करते हैं।

शनिवार, 30 मार्च 2019

91. उद्धार प्राप्त करने के लिए, किसी को परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य के आगे कैसे समर्पित होकर उसका अनुभव करना चाहिए?

परमेश्वर के वचन से जवाब:
पवित्र आत्मा का कार्य दिन ब दिन बदलता जाता है, हर एक कदम के साथ ऊँचा उठता जाता है; आने वाले कल का प्रकाशन आज से भी कहीं ज़्यादा ऊँचा होता है, कदम दर कदम और ऊपर चढ़ता जाता है। जिस कार्य के द्वारा परमेश्वर मनुष्य को सिद्ध करता है वह ऐसा ही है। यदि मनुष्य उस गति से चल न पाए, तो उसे किसी भी समय पीछे छोड़ा जा सकता है। यदि मनुष्य के पास आज्ञाकारी हृदय न हो, तो वह अंत तक अनुसरण नहीं कर सकता है।

बुधवार, 27 मार्च 2019

85. परमेश्वर का अंत का दिनों का कार्य चीन में क्यों किया जा रहा है, इस्राएल में क्यों नहीं?

परमेश्वर के वचन से जवाब:
अंत के दिनों का कार्य चीन में, जो कि सबसे अंधकारमय, पिछड़े स्थानों में से एक है, क्यों किया जा रहा है? यह परमेश्वर की पवित्रता और धार्मिकता प्रकट करने के लिए है। संक्षेप में, जितना अधिक अंधकारमय कोई स्थान होता है उतनी ही अच्छी तरह से उसकी पवित्रता प्रकट हो सकती है। सच्चाई यह है कि यह सब करना परमेश्वर के कार्य के वास्ते है। अब तुम केवल यह जानते हो कि स्वर्ग के परमेश्वर ने पृथ्वी पर अवरोहण कर लिया है और वह तुम्हारे बीच खड़ा है, और उसे तुम्हारी गंदगी और विद्रोहशीलता के खिलाफ विशिष्टता से दर्शाया गया है, ताकि तुम्हें परमेश्वर की समझ आनी शुरू हो जाए—क्या यह एक महान उत्थान नहीं है?

मंगलवार, 26 मार्च 2019

84. परमेश्वर अपना अंत के दिनों का कार्य करने के लिए चीन में गुप्त रूप से क्यों अवरोहित हुए? इसके पीछे का अर्थ क्या है?

परमेश्वर के वचन से जवाब:
परमेश्वर चीन की मुख्य भूमि में देहधारण किया है, जिसे हांगकांग और ताइवान में हमवतन के लोग अंतर्देशीय कहते हैं। जब परमेश्वर ऊपर से पृथ्वी पर आया, तो स्वर्ग और पृथ्वी में कोई भी इसके बारे में नहीं जानता था, क्योंकि यही परमेश्वर का एक गुप्त अवस्था में लौटने का वास्तविक अर्थ है। वह लंबे समय तक देह में कार्य करता और रहता रहा है, फिर भी इसके बारे में कोई भी नहीं जानता है। आज के दिन तक भी, कोई इसे पहचानता नहीं है। शायद यह एक शाश्वत पहेली रहेगा। इस बार परमेश्वर का देह में आना कुछ ऐसा नहीं है जिसके बारे कोई भी जानने में सक्षम नहीं है।

सोमवार, 25 मार्च 2019

83. ऐसा क्यों है कि उद्धार केवल सर्वशक्तिमान परमेश्वर में विश्वास करने और परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य को स्वीकार करने के जरिये ही संभव है?

परमेश्वर के वचन से जवाब:
पवित्र आत्मा का कार्य हमेशा आगे बढ़ रहा है, और वे सभी जो पवित्र आत्मा की मुख्य धारा में हैं उन्हें भी और अधिक गहराई में बढ़ना और कदम दर कदम बदलना चाहिए। उन्हें एक ही चरण पर रूकना नहीं चाहिए। ऐसे लोग जो पवित्र आत्मा के कार्य को नहीं जानते हैं केवल वे ही परमेश्वर के मूल कार्य के मध्य बने रहेंगे, और वे पवित्र आत्मा के नए कार्य को स्वीकार नहीं करेंगे। ऐसे लोग जो अनाज्ञाकारी हैं केवल वे ही पवित्र आत्मा के कार्य को प्राप्त करने में असमर्थ होंगे। यदि मनुष्य का रीति व्यवहार पवित्र आत्मा के नए कार्य के साथ कदम से कदम मिलाकर नहीं चलता है, तो मनुष्य के रीति व्यवहार को निश्चित रूप से आज के कार्य से हानि पहुंचता है, और यह निश्चित रूप से आज के कार्य के अनुरूप नहीं है।

शनिवार, 23 मार्च 2019

81. हम सभी पाप करने और स्वीकार कर लेने के चक्र में फंसे हुए जी रहे हैं और इससे छूटने का कोई रास्ता नहीं है; क्या सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन वाकई मानवजाति को बदल कर शुद्ध कर सकते हैं?

परमेश्वर के वचन से जवाब:
यद्यपि "वचन" शब्द सरल और साधारण है, देहधारी परमेश्वर के मुख से निकला वचन संपूर्ण ब्रह्माण्ड को कंपाता है; और उसका वचन मनुष्य के हृदय को रूपांतरित करता है, मनुष्य के सभी विचारों और पुराने स्वभाव, और समस्त संसार के पुराने स्वरूप में परिवर्तन लाता है। युगों-युगों से केवल आज के दिन का परमेश्वर ही इस प्रकार से कार्य करता है, और केवल वही इस प्रकार से बोलता और मनुष्य का उद्धार करता है। इसके बाद मनुष्य वचन के मार्गदर्शन में, उसकी चरवाही में, और उससे प्राप्त आपूर्ति में जीवन जीता है।

सोमवार, 18 मार्च 2019

76. सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अंत के दिनों के न्याय के कार्य में, वे सभी सम्प्रदायों को मिलाकर एक कैसे कर देते हैं?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि यहोवा के भवन का पर्वत सब पहाड़ों पर दृढ़ किया जाएगा, और सब पहाड़ियों से अधिक ऊँचा किया जाएगा; और हर जाति के लोग धारा के समान उसकी ओर चलेंगे। बहुत से देशों के लोग आएँगे, और आपस में कहेंगे: 'आओ, हम यहोवा के पर्वत पर चढ़कर, याकूब के परमेश्‍वर के भवन में जाएँ; तब वह हमको अपने मार्ग सिखाएगा, और हम उसके पथों पर चलेंगे।'क्योंकि यहोवा की व्यवस्था सिय्योन से, और उसका वचन यरूशलेम से निकलेगा।

रविवार, 17 मार्च 2019

75. जब यीशु लौटेंगे तो वे वास्तव में कौनसा कार्य करेंगे?

परमेश्वर के वचन से जवाब:
यद्यपि यीशु ने मनुष्यों के बीच अधिक कार्य किया है, उसने केवल समस्त मानवजाति के छुटकारे के कार्य को पूरा किया और वह मनुष्य की पाप-बलि बना, और मनुष्य को उसके भ्रष्ट स्वभाव से छुटकारा नहीं दिलाया। शैतान के प्रभाव से मनुष्य को पूरी तरह बचाने के लिये यीशु को न केवल पाप-बलि के रूप में मनुष्यों के पापों को लेना आवश्यक था, बल्कि मनुष्य को उसके स्वभाव, जिसे शैतान द्वारा भ्रष्ट कर दिया गया था, से पूरी तरह मुक्त करने के लिए परमेश्वर को और भी बड़े कार्य करने की आवश्यकता थी।

शनिवार, 16 मार्च 2019

74. अंत के दिनों में परमेश्वर का कार्य आत्मा के माध्यम से क्यों नहीं किया जाता है? परमेश्वर अपना कार्य करने के लिए देह में क्यों आ गया है?

उत्तर परमेश्वर के वचन से:
परमेश्वर के द्वारा मनुष्य को सीधे तौर पर पवित्रात्मा के साधनों के माध्यम से या आत्मा के रूप में बचाया नहीं जाता है, क्योंकि उसके आत्मा को मनुष्य के द्वारा न तो देखा जा सकता है और न ही स्पर्श किया जा सकता है, और मनुष्य के द्वारा उस तक पहुँचा नहीं जा सकता है। यदि उसने आत्मा के तरीके से सीधे तौर पर मनुष्य को बचाने का प्रयास किया होता, तो मनुष्य उसके उद्धार को प्राप्त करने में असमर्थ होता। और यदि परमेश्वर सृजित मनुष्य का बाहरी रूप धारण नहीं करता, तो वे इस उद्धार को पाने में असमर्थ होते।

शुक्रवार, 15 मार्च 2019

73. जब अनुग्रह के युग में परमेश्वर देहधारी हुए, तो यह देहधारण एक यहूदी पुरुष के रूप में था, तो अंत के दिनों के परमेश्वर एक एशियाई व्यक्ति के रूप में क्यों प्रकट हुए हैं?

परमेश्वर के वचन से जवाब:
परमेश्वर पूरे ब्रह्मांड में महानतम है, तो क्या वह देह की छवि का उपयोग करके स्वयं को पूरी तरह से समझा सकता है? परमेश्वर अपने कार्य का एक चरण करने के लिए देह धारण करता है। देह की छवि का कोई महत्व नहीं है, और इसका युगों की समाप्ति से कोई संबंध नहीं है, और इसका परमेश्वर के स्वभाव से कुछ मतलब नहीं है। यीशु ने अपनी छवि को क्यों नहीं रहने दिया? उसने अपनी छवि को मनुष्य को चित्रित क्यों नहीं करने दिया, ताकि इसे बाद की पीढ़ियों को आगे सौंपा जा सके? उसने लोगों को यह स्वीकार क्यों नहीं करने दिया कि उसकी छवि परमेश्वर की छवि है?

गुरुवार, 14 मार्च 2019

72. परमेश्वर अंत के दिनों में एक स्त्री के रूप में देहधारी क्यों हुए हैं? इसका महत्त्व क्या है?

परमेश्वर के वचन से जवाब:
परमेश्वर के द्वारा किए गए कार्य के प्रत्येक चरण का एक वास्तविक महत्व है। जब यीशु का आगमन हुआ, वह पुरुष था, और इस बार वह स्त्री है। इससे, तुम देख सकते हो कि परमेश्वर ने अपने कार्य के लिए पुरुष और स्त्री दोनों का सृजन किया और वह लिंग के बारे में कोई भी भेदभाव नहीं करता है। जब उसका आत्मा आगमन करता है, तो वह इच्छानुसार किसी भी देह को धारण कर सकता है और वह देह उसका ही प्रतिनिधित्व करती है। चाहे यह पुरुष हो या स्त्री, दोनों ही परमेश्वर को प्रकट करते हैं क्योंकि यह उसका देहधारी शरीर है। यदि यीशु एक स्त्री के रूप में आ जाता और प्रकट हो जाता, दूसरे शब्दों में, यदि पवित्र आत्मा के द्वारा एक शिशु कन्या, न कि एक लड़का, गर्भधारण किया जाना होता, तब भी कार्य का वह चरण उसी तरह से पूरा किया गया होता।

बुधवार, 13 मार्च 2019

71. देहधारी रूप में प्रकट होने में, परमेश्वर एक महाकाय या रोबदार रूप में प्रकट क्यों नहीं हुए?

परमेश्वर के वचन से जवाब:
वह मात्र शरीर में काम कर रहा है, जानबूझ कर मनुष्य से यह नहीं कह रहा है कि वे उसकी देह की महानता या पवित्रता को बड़ा ठहराएँ। वह मात्र मनुष्यों को अपने कार्य की बुद्धिमत्ता और वह समस्त अधिकार दिखा रहा है जिसे वह उपयोग करता है। इसलिए, भले ही उसके पास उत्कृष्ट मानवता है, फिर भी वह कोई घोषणा नहीं करता है, और केवल उस कार्य पर ध्यान केन्द्रित करता है जो उसे करना चाहिए। तुम लोगों को जानना चाहिए कि ऐसा क्यों है कि परमेश्वर देह बनता है फिर भी उसकी शेखी नहीं बघारता है या अपनी सामान्य मानवता के प्रति गवाही नहीं देता है, और इसके बजाय मात्र उस कार्य को सम्पन्न करता है जिसे करने की उसकी इच्छा है।

मंगलवार, 12 मार्च 2019

70. परमेश्वर का अंत के दिनों का कार्य परमेश्वर द्वारा उपयोग में लाए गये लोगों के जरिये क्यों नहीं किया गया? यह क्यों आवश्यक है कि वे यह कार्य देहधारी होकर व्यक्तिगत रूप से करें?

परमेश्वर के वचन से जवाब:
परमेश्वर की सम्पूर्ण प्रबंधकीय योजना के कार्य को व्यक्तिगत तौर पर स्वयं परमेश्वर के द्वारा किया गया है। प्रथम चरण—संसार की सृष्टि—को परमेश्वर के द्वारा व्यक्तिगत तौर पर किया गया था, और यदि इसे नहीं किया गया होता, तो कोई भी मानवजाति की सृष्टि करने में सक्षम नहीं होता; दूसरा चरण सम्पूर्ण मानवजाति का छुटकारा था, और इसे भी स्वयं परमेश्वर के द्वारा व्यक्तिगत तौर पर किया गया था; तीसरा चरण स्पष्ट है: परमेश्वर के सम्पूर्ण कार्य के अन्त को स्वयं परमेश्वर के द्वारा किये जाने की तो और भी अधिक आवश्यकता है। सम्पूर्ण मानवजाति के छुटकारे, उस पर विजय पाने, उसे हासिल करने, एवं सिद्ध बनाने के समस्त कार्य को स्वयं परमेश्वर के द्वारा व्यक्तिगत तौर पर सम्पन्न किया जाता है।

सोमवार, 11 मार्च 2019

69. मनुष्य के सामने प्रकट होकर अपना कार्य करने के लिए अंत के दिनों में प्रभु की वापसी आध्यात्मिक शरीर में क्यों नहीं हुई?

परमेश्वर के वचन से जवाब:
अंतिम दिनों का परमेश्वर मनुष्य को पूर्ण बनाने के लिए मुख्यतः वचनों का उपयोग करता है। वह मनुष्यों का दमन करने, या उन्हें मनाने के लिये संकेतों और चमत्कारों का उपयोग नहीं करता है; इससे परमेश्वर की सामर्थ्य को स्पष्ट नहीं किया जा सकता है। यदि परमेश्वर केवल संकेतों और चमत्कारों को दिखाता, तो परमेश्वर की वास्तविकता को प्रकट करना लगभग असंभव होता, और इस तरह मनुष्य को पूर्ण बनाना भी असंभव हो जाता। परमेश्वर संकेतों और चमत्कारों के द्वारा मनुष्य को पूर्ण नहीं बनाता है किन्तु वचन का उपयोग मनुष्यों को सींचने और उनकी चरवाही करने के लिए करता है, जिसके बाद मनुष्य की पूर्ण आज्ञाकारिता प्राप्त होती है और मनुष्य का परमेश्वर का ज्ञान प्राप्त होता है।

रविवार, 10 मार्च 2019

68. यह क्यों ज़रूरी था कि मानवजाति के सामने स्वयं को प्रकट करने के लिए, प्रभु मनुष्य-पुत्र के रूप में देहधारण करके वापस आएँ?

परमेश्वर के वचन से जवाब:
परमेश्वर ने देहधारण किया क्योंकि शैतान का आत्मा, या कोई अभौतिक चीज़ उसके कार्य का विषय नहीं है, परन्तु मनुष्य है, जो शरीर से बना है और जिसे शैतान के द्वारा भ्रष्ट किया गया है। निश्चित रूप से चूँकि मनुष्य की देह को भ्रष्ट किया गया है इसलिए परमेश्वर ने हाड़-मांस के मनुष्य को अपने कार्य का विषय बनाया है; इसके अतिरिक्त, क्योंकि मनुष्य भ्रष्टता का विषय है, उसने मनुष्य को अपने उद्धार के कार्य के समस्त चरणों के दौरान अपने कार्य का एकमात्र विषय बनाया है। मनुष्य एक नश्वर प्राणी है, और वह हाड़-मांस एवं लहू से बना हुआ है, और एकमात्र परमेश्वर ही है जो मनुष्य को बचा सकता है। इस रीति से, परमेश्वर को अपना कार्य करने के लिए ऐसा देह बनना होगा जो मनुष्य के समान ही गुणों को धारण करता है, ताकि उसका कार्य बेहतर प्रभावों को हासिल कर सके।

शनिवार, 9 मार्च 2019

67. प्रभु की वापसी में देहधारण क्यों शामिल है—गुप्त रूप से अवरोहण—साथ-ही-साथ सार्वजनिक रूप से बादलों से अवरोहण?

परमेश्वर के वचन से जवाब:
परमेश्वर चीन की मुख्य भूमि में देहधारण किया है, जिसे हांगकांग और ताइवान में हमवतन के लोग अंतर्देशीय कहते हैं। जब परमेश्वर ऊपर से पृथ्वी पर आया, तो स्वर्ग और पृथ्वी में कोई भी इसके बारे में नहीं जानता था, क्योंकि यही परमेश्वर का एक गुप्त अवस्था में लौटने का वास्तविक अर्थ है। वह लंबे समय तक देह में कार्य करता और रहता रहा है, फिर भी इसके बारे में कोई भी नहीं जानता है। आज के दिन तक भी, कोई इसे पहचानता नहीं है। शायद यह एक शाश्वत पहेली रहेगा। इस बार परमेश्वर का देह में आना कुछ ऐसा नहीं है जिसके बारे कोई भी जानने में सक्षम नहीं है।

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