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रविवार, 15 सितंबर 2019

Hindi Christian Video "संकट में स्वर्गारोहण" क्लिप 3 - "पवित्रा आत्मा का अंतर्वास और दो पवित्रात्माओं का घुलना मिलना" की भ्रांति को उजागर करना

Hindi Christian Video "संकट में स्वर्गारोहण" क्लिप 3 - "पवित्रा आत्मा का अंतर्वास और दो पवित्रात्माओं का घुलना मिलना" की भ्रांति को उजागर करना


कुछ लोगों को लगता है कि सूली पर चढ़ाने के बाद जब प्रभु यीशु पुनर्जीवित हुआ, तो वह जीवनदायी पवित्रात्मा बन गया। और इस प्रकार से जीवनदायी पवित्रात्मा हमारे भीतर निवास करेगा, हमारी आत्मा के साथ घुल-मिल जाएगा, और दोनों आत्माएँ एक हो जाएँगी।

शुक्रवार, 15 मार्च 2019

73. जब अनुग्रह के युग में परमेश्वर देहधारी हुए, तो यह देहधारण एक यहूदी पुरुष के रूप में था, तो अंत के दिनों के परमेश्वर एक एशियाई व्यक्ति के रूप में क्यों प्रकट हुए हैं?

परमेश्वर के वचन से जवाब:
परमेश्वर पूरे ब्रह्मांड में महानतम है, तो क्या वह देह की छवि का उपयोग करके स्वयं को पूरी तरह से समझा सकता है? परमेश्वर अपने कार्य का एक चरण करने के लिए देह धारण करता है। देह की छवि का कोई महत्व नहीं है, और इसका युगों की समाप्ति से कोई संबंध नहीं है, और इसका परमेश्वर के स्वभाव से कुछ मतलब नहीं है। यीशु ने अपनी छवि को क्यों नहीं रहने दिया? उसने अपनी छवि को मनुष्य को चित्रित क्यों नहीं करने दिया, ताकि इसे बाद की पीढ़ियों को आगे सौंपा जा सके? उसने लोगों को यह स्वीकार क्यों नहीं करने दिया कि उसकी छवि परमेश्वर की छवि है?

मंगलवार, 1 जनवरी 2019

32. बुद्धिमान कुंवारियों को क्या पुरस्कार दिया जाता है? क्या मूर्ख कुंवारियाँ विपत्ति में पड़ जाएँगी?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
"पवित्र आत्मा के कार्य का अनुसरण" करने का मतलब है आज परमेश्वर की इच्छा को समझना, परमेश्वर की वर्तमान अपेक्षाओं के अनुसार कार्य करने में सक्षम होना, आज के परमेश्वर का अनुसरण और आज्ञापालन करने में सक्षम होना, और परमेश्वर के नवीनतम कथनों के अनुसार प्रवेश करना। केवल ऐसा व्यक्ति ही है जो पवित्र आत्मा के कार्य का अनुसरण करता है और पवित्र आत्मा की धारा में है। ऐसे लोग न केवल परमेश्वर की सराहना प्राप्त करने और परमेश्वर को देखने के लिए सक्षम हैं, बल्कि परमेश्वर के नवीनतम कार्य से परमेश्वर के स्वभाव को भी जान सकते हैं, और मनुष्य की अवधारणाओं और अवज्ञा को, मनुष्य के प्रकृति और सार को भी, परमेश्वर के नवीनतम कार्य से जान सकते हैं; इसके अलावा, वे अपनी सेवा के दौरान धीरे-धीरे अपने स्वभाव में परिवर्तन हासिल करने में सक्षम होते हैं।

शनिवार, 29 दिसंबर 2018

28. पवित्र आत्मा के कार्य और बुरी आत्माओं के काम के बीच क्या अंतर है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
यदि यह पवित्र आत्मा का कार्य है, तो मनुष्य हमेशा से अधिक सामान्य बन जाता है, और उसकी मानवता हमेशा से अधिक सामान्य बन जाती है। मनुष्य को अपने स्वभाव का, जिसे शैतान के द्वारा भ्रष्ट कर दिया गया है और मनुष्य के सार का बढ़ता हुआ ज्ञान होता है, और उसकी सत्य के लिए हमेशा से अधिक ललक होती है। अर्थात्, मनुष्य का जीवन अधिकाधिक बढ़ता जाता है और मनुष्य का भ्रष्ट स्वभाव अधिकाधिक बदलावों में सक्षम हो जाता है - जिस सब का अर्थ है परमेश्वर का मनुष्य का जीवन बनना।

शुक्रवार, 28 दिसंबर 2018

27. बुरी आत्माओं का क्या काम है? बुरी आत्माओं का काम कैसे प्रकट होता है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
शैतान की ओर से कौनसे कार्य आते हैं? उस कार्य में जो शैतान की ओर से आता है, ऐसे लोगों में दर्शन अस्पष्ट और धुंधले होते हैं, और वे सामान्य मनुष्यत्व के बिना होते हैं, उनमें उनके कार्यों के पीछे की प्रेरणाएँ गलत होती हैं, और यद्यपि वे परमेश्वर से प्रेम करना चाहते हैं, फिर भी उनके भीतर सैदव दोषारोपण रहते हैं, और ये दोषारोपण और विचार उनमें सदैव हस्तक्षेप करते रहते हैं, जिससे वे उनके जीवन की बढ़ोतरी को सीमित कर देते हैं और परमेश्वर के समक्ष सामान्य परिस्थितियों को रखने से उन्हें रोक देते हैं। कहने का अर्थ है कि जैसे ही लोगों में शैतान का कार्य आरंभ होता है, तो उनके हृदय परमेश्वर के समक्ष शांत नहीं हो सकते, उन्हें नहीं पता होता कि वे स्वयं के साथ क्या करें, सभा का दृश्य उन्हें वहाँ से भाग जाने को बाध्य करता है, और वे तब अपनी आँखें बंद नहीं रख पाते जब दूसरे प्रार्थना करते हैं।

गुरुवार, 27 दिसंबर 2018

26. पवित्र आत्मा के कार्य को कोई कैसे प्राप्त कर सकता है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
पवित्र आत्मा का कार्य दिन ब दिन बदलता जाता है, हर एक कदम के साथ ऊँचा उठता जाता है; आने वाले कल का प्रकाशन आज से भी कहीं ज़्यादा ऊँचा होता है, कदम दर कदम और ऊपर चढ़ता जाता है। जिस कार्य के द्वारा परमेश्वर मनुष्य मनुष्य को सिद्ध करता है वह ऐसा ही है। यदि मनुष्य उस गति से चल न पाए, तो उसे किसी भी समय पीछे छोड़ा सकता है। यदि मनुष्य के पास आज्ञाकारी हृदय न हो, तो वह अंत तक अनुसरण नहीं कर सकता है। पूर्व का युग गुज़र गया है; यह एक नया युग है। और नए युग में, नया कार्य करना होगा। विशेषकर अंतिम युग में जिसमें मनुष्य को सिद्ध किया जाएगा, परमेश्वर पहले से ज़्यादा तेजी से नया कार्य करेगा।

बुधवार, 26 दिसंबर 2018

25. पवित्र आत्मा का कार्य क्या है? पवित्र आत्मा का कार्य कैसे प्रकट किया जाता है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
जब पवित्र आत्मा कार्य करता है, तो लोग सक्रिय रूप से प्रवेश कर सकते हैं; वे निष्क्रिय नहीं होते और उन्हें बाध्य भी नहीं किया जाता, बल्कि वे सक्रिय रहते हैं। जब पवित्र आत्मा कार्य करता है तो लोग प्रसन्न और इच्छापूर्ण होते हैं, और वे आज्ञा मानने के लिए तैयार होते हैं, और स्वयं को दीन करने में प्रसन्न होते हैं, और यद्यपि भीतर से पीड़ित और दुर्बल होते हैं, फिर भी उनमें सहयोग करने का दृढ़ निश्चय होता है, वे ख़ुशी-ख़ुशी दुःख सह लेते हैं, वे आज्ञा मान सकते हैं, और वे मानवीय इच्छा से निष्कलंक रहते हैं, मनुष्य की विचारधारा से निष्कलंक रहते हैं, और निश्चित रूप से मानवीय अभिलाषाओं और अभिप्रेरणाओं से निष्कलंक रहते हैं। जब लोग पवित्र आत्मा के कार्य का अनुभव करते हैं, तो वे भीतर से विशेष रूप से पवित्र हो जाते हैं।

शनिवार, 22 दिसंबर 2018

21. परमेश्वर का अनुसरण करना किसे कहते हैं?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
परमेश्वर का अनुसरण करने में प्रमुख महत्व इस बात का है कि हर चीज परमेश्वर के वास्तविक वचनों के अनुसार होनी चाहिए: चाहे तुम जीवन में प्रवेश कर रहे हो या परमेश्वर की इच्छा की पूर्ति, सब कुछ परमेश्वर के वास्तविक वचनों के आस-पास ही केंद्रित होना चाहिए। यदि तुम्हारा समागम और अनुसरण परमेश्वर के वास्तविक शब्दों के आसपास केंद्रित नहीं होते हैं, तो तुम परमेश्वर के शब्दों के लिए एक अजनबी हो, और पवित्र आत्मा के कार्य से पूरी तरह से वंचित हो।

शुक्रवार, 16 नवंबर 2018

प्रश्न 24: तुम यह प्रमाण देते हो कि प्रभु यीशु पहले से ही सर्वशक्तिमान परमेश्वर के रूप में वापस आ चुका है, कि वह पूरी सच्चाई को अभिव्यक्त करता है जिससे कि लोग शुद्धिकरण प्राप्त कर सकें और बचाए जा सकें, और वर्तमान में वह परमेश्वर के घर से शुरू होने वाले न्याय के कार्य को कर रहा है, लेकिन हम इसे स्वीकार करने की हिम्मत नहीं करते। यह इसलिए है क्योंकि धार्मिक पादरियों और प्राचीन लोगों का हमें बहुधा यह निर्देश है कि परमेश्वर के सभी वचन और कार्य बाइबल में अभिलेखित हैं और बाइबल के बाहर परमेश्वर का कोई और वचन या कार्य नहीं हो सकता है, और यह कि बाइबल के विरुद्ध या उससे परे जाने वाली हर बात विधर्म है। हम इस समस्या को समझ नहीं सकते हैं, तो तुम कृपया इसे हमें समझा दो।

प्रश्न 24: तुम यह प्रमाण देते हो कि प्रभु यीशु पहले से ही सर्वशक्तिमान परमेश्वर के रूप में वापस आ चुका है, कि वह पूरी सच्चाई को अभिव्यक्त करता है जिससे कि लोग शुद्धिकरण प्राप्त कर सकें और बचाए जा सकें, और वर्तमान में वह परमेश्वर के घर से शुरू होने वाले न्याय के कार्य को कर रहा है, लेकिन हम इसे स्वीकार करने की हिम्मत नहीं करते। यह इसलिए है क्योंकि धार्मिक पादरियों और प्राचीन लोगों का हमें बहुधा यह निर्देश है कि परमेश्वर के सभी वचन और कार्य बाइबल में अभिलेखित हैं और बाइबल के बाहर परमेश्वर का कोई और वचन या कार्य नहीं हो सकता है, और यह कि बाइबल के विरुद्ध या उससे परे जाने वाली हर बात विधर्म है। हम इस समस्या को समझ नहीं सकते हैं, तो तुम कृपया इसे हमें समझा दो।

उत्तर:
धार्मिक समुदाय का इस प्रकार का दृष्टिकोण परमेश्वर के वचन पर आधारित नहीं है; यह बिलकुल बाइबल की गलत व्याख्या के परिणामस्वरूप ही अस्तित्व में आया था। बाइबल परमेश्वर के कार्य के पहले दो चरणों की गवाही देती है; यह सच है। हालांकि, बाइबल में जो आलेखित है, वह सीमित है, और इसमें परमेश्वर द्वारा अपने कार्य के दो चरणों में कहे गए सारे वचन और इस कार्य की सारी गवाहियां शामिल नहीं हैं। बाइबल के संकलनकर्ताओं के बीच चूक और वाद-विवादों के कारण, भविष्यवक्ताओं की कुछ भविष्यवाणियां, प्रेरितों के कुछ अनुभव और उनकी गवाहियां छोड़ दी गईं थीं; यह एक मान्यता-प्राप्त तथ्य है। तो यह कैसे कहा जा सकता है कि बाइबल के अलावा, परमेश्वर के कार्य के बारे में कोई भी अन्य आलेख या गवाही नहीं है? क्या उन ग़ैरहाज़िर भविष्यवाणियों और धर्म-पत्रों में मानवीय संकल्पों की मिलावट थी? प्रभु यीशु ने सिर्फ उन वचनों को ही नहीं कहा था जो नए नियम में लिखे गए हैं; उसके कुछ कथन और कार्य वहां नहीं लिखे गए थे।

बुधवार, 10 अक्टूबर 2018

XV फरीसियों और परमेश्वर का विरोध करती धार्मिक दुनिया के सार को किस तरह पहचानें इस पर हर किसी को स्पष्ट रूप से सहभागिता करनी चाहिए

6. क्या धार्मिक दुनिया में सच्चाई और परमेश्वर की सत्ता होती है, या मसीह-शत्रु और शैतान की सत्ता है?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"हे कपटी शास्त्रियो और फरीसियो, तुम पर हाय! तुम मनुष्यों के लिए स्वर्ग के राज्य का द्वार बन्द करते हो, न तो स्वयं ही उसमें प्रवेश करते हो और न उस में प्रवेश करनेवालों को प्रवेश करने देते हो" (मत्‍ती 23:13)।
"यीशु ने परमेश्‍वर के मन्दिर में जाकर उन सब को, जो मन्दिर में लेन-देन कर रहे थे, निकाल दिया, और सर्राफों के पीढ़े और कबूतर बेचनेवालों की चौकियाँ उलट दीं; और उनसे कहा, 'लिखा है, "मेरा घर प्रार्थना का घर कहलाएगा"; परन्तु तुम उसे डाकुओं की खोह बनाते हो'" (मत्‍ती 21:12-13)।

मंगलवार, 9 अक्टूबर 2018

XV फरीसियों और परमेश्वर का विरोध करती धार्मिक दुनिया के सार को किस तरह पहचानें इस पर हर किसी को स्पष्ट रूप से सहभागिता करनी चाहिए

5. किसी ऐसे व्यक्ति का क्या अंजाम होता है जो धर्म में परमेश्वर पर विश्वास करता है और फरीसियों और मसीह-शत्रुओं के भ्रम और नियंत्रण से पीड़ित है? क्या इस तरह से परमेश्वर में विश्वास करने वाला कोई व्यक्ति परमेश्वर द्वारा बचाया जा सकता है?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"उन को जाने दो; वे अंधे मार्गदर्शक हैं और अंधा यदि अंधे को मार्ग दिखाए, तो दोनों ही गड़हे में गिर पड़ेंगे" (मत्‍ती 15:14)।
"क्योंकि जो इन लोगों की अगुवाई करते हैं वे इनको भटका देते हैं, और जिनकी अगुवाई होती है वे नष्‍ट हो जाते हैं" (यशायाह 9:16)।

सोमवार, 8 अक्टूबर 2018

XV फरीसियों और परमेश्वर का विरोध करती धार्मिक दुनिया के सार को किस तरह पहचानें इस पर हर किसी को स्पष्ट रूप से सहभागिता करनी चाहिए


परमेश्वर की गवाही देते बीस सत्य, पवित्र आत्मा, परमेश्वर को जानना, यीशु,

4. क्या धार्मिक पादरी और प्राचीन लोग सभी वास्तव में परमेश्वर द्वारा प्रतिष्ठित हैं? क्या धार्मिक पादरियों और प्राचीन लोगों के प्रति स्वीकृति और आज्ञाकारिता परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारिता और उसके अनुसरण को दर्शा सकती हैं?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"इसलिये अब सुन, इस्राएलियों की चिल्‍लाहट मुझे सुनाई पड़ी है, और मिस्रियों का उन पर अन्धेर करना भी मुझे दिखाई पड़ा है। इसलिये आ, मैं तुझे फ़िरौन के पास भेजता हूँ कि तू मेरी इस्राएली प्रजा को मिस्र से निकाल ले आए" (निर्गमन 3:9-10)।

शुक्रवार, 17 अगस्त 2018

7. पतन से पहले की एक घमंडी आत्मा

मसीह के न्याय के अनुभव की गवाहियाँ, प्रार्थना, पवित्र आत्मा

7. पतन से पहले की एक घमंडी आत्मा

बाईशे शेन्यांग सिटी
किसी कार्य की आवश्यकता की वजह से, मेरा स्थानांतरण एक अन्य कार्यक्षेत्र में कर दिया गया था। उस समय, मैं परमेश्वर की बहुत आभारी थी। मुझे महसूस होता था कि मुझमें बहुत कमी है, फिर भी परमेश्वर के दिव्य प्रोत्साहन के माध्यम से, मुझे इस तरह के अद्भुत कार्य क्षेत्र में अपने कर्तव्यों को पूरा करने का मौका दिया गया था। मैंने अपने हृदय में परमेश्वर के प्रति एक प्रतिज्ञा की: मैं परमेश्वर को बदला चुकाने के लिए अपनी पूरी कोशिश करूँगी।

Hindi Christian Movie | अग्नि द्वारा बप्तिस्मा | Can We Enter the Kingdom of Heaven by Hard Work?

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