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गुरुवार, 19 सितंबर 2019

संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के कथन - बारहवाँ कथन



जब पूर्व से बिजली चमकती है—जो कि निश्चित रूप से वही क्षण भी होता है जब मैं बोलना आरम्भ करता हूँ—जिस क्षण बिजली प्रकट होती है, तो संपूर्ण नभमण्डल जगमगा उठता है, और सभी तारे रूपान्तरित होना शुरू कर देते हैं। ऐसा प्रतीत होता है मानो पूरी मानवजाति को उचित प्रकार से शुद्ध करने और काट-छाँट करने के अधीन कर दिया गया हो। पूर्व के प्रकाश की इस किरण के नीचे, समस्त मानवजाति को उसके मूल स्वरूप में प्रकट किया जाता है चुँधियाई आँखें, भ्रम में हक्के बक्के; अभी भी वे अपनी कुरूप मुखाकृति को छिपाने में कम समर्थ हैं।

शुक्रवार, 30 अगस्त 2019

वह मनुष्य किस प्रकार परमेश्वर के प्रकटनों को प्राप्त कर सकता है जिसने उसे अपनी ही धारणाओं में परिभाषित किया है?



परमेश्वर का कार्य निरंतर आगे बढ़ता रहता है, और यद्यपि उसके कार्य का प्रयोजन नहीं बदलता है, जिस मायनों वह कार्य करता है वे निरंतर बदलते रहते हैं, और फलस्वरूप वे लोग भी बदलते रहते हैं जो उसका अनुसरण करते हैं। जितना अधिक परमेश्वर का कार्य होगा, उतना ही अधिक मनुष्य परमेश्वर को जानेगा, और मनुष्य का स्वभाव भी परमेश्वर के कार्य के साथ बदलेगा। हालाँकि, ऐसा इसलिए है कि परमेश्वर का कार्य हमेशा बदलता रहता है कि जो लोग पवित्र आत्मा के कार्य के बारे में नहीं जानते हैं और सत्य को न जानने वाले विवेकहीन लोग परमेश्वर के विरोधी बन जाते हैं।

शनिवार, 15 जून 2019

Hindi Christian Movie "बच्चे, घर लौट आओ" क्लिप 2 - संसार इतना अंधकारमय और दुष्ट क्यों है

Hindi Christian Movie "बच्चे, घर लौट आओ" क्लिप 2 - संसार इतना अंधकारमय और दुष्ट क्यों है


आज कई नवयुवाओं के ऑनलाइन गेमिंग से सम्मोहित होने और उसके चंगुल से निकल पाने में असमर्थ होने के साथ, और युवाओं की प्रत्येक पीढ़ी के पिछली पीढ़ी की तुलना में बदतर होने के साथ, कई लोगों के पास यह पूछने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता है कि: क्यों हमारे युवाओं को विषाक्त करने के लिए समाज को लगातार ऑनलाइन गेमिंग का समर्थन, विकास, और उसे प्रोत्साहित करना पड़ता है? दुनिया इतनी अंधकारमय़ और दुष्ट क्यों है?

मंगलवार, 30 अप्रैल 2019

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "दुष्ट को दण्ड अवश्य दिया जाना चाहिए"



इस बात का निरीक्षण करना कि क्या तुम जो कुछ भी करते हो उसमें धार्मिकता का अभ्यास करते हो, और क्या तुम्हारी समस्त क्रियाओं की परमेश्वर द्वारा निगरानी की जाती है, ये परमेश्वर में विश्वास करनेवालों के स्वभावजन्य सिद्धांत हैं। तुम लोग धर्मी कहलाओगे क्योंकि तुम लोग परमेश्वर को संतुष्ट करने में सक्षम हो, और क्योंकि तुम लोग परमेश्वर की देखभाल और सुरक्षा को स्वीकार करते हो। परमेश्वर की नज़र में, वे सब जो परमेश्वर की देखभाल, सुरक्षा और पूर्णता को स्वीकार करते हैं और जो उसके द्वारा प्राप्त कर लिए जाते हैं, वे धर्मी हैं और परमेश्वर द्वारा प्यार से देखे जाते हैं। तुम लोग अभी इसी समय परमेश्वर के वचनों को जितना अधिक स्वीकार करते हो, उतना ही अधिक तुम परमेश्वर की इच्छा को प्राप्त करने और समझने में सक्षम हो जाते हो, और इस प्रकार तुम उतना ही अधिक परमेश्वर के वचनों को जी सकते हो और उसकी अपेक्षाओं को संतुष्ट कर सकते हो।

बुधवार, 26 दिसंबर 2018

25. पवित्र आत्मा का कार्य क्या है? पवित्र आत्मा का कार्य कैसे प्रकट किया जाता है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
जब पवित्र आत्मा कार्य करता है, तो लोग सक्रिय रूप से प्रवेश कर सकते हैं; वे निष्क्रिय नहीं होते और उन्हें बाध्य भी नहीं किया जाता, बल्कि वे सक्रिय रहते हैं। जब पवित्र आत्मा कार्य करता है तो लोग प्रसन्न और इच्छापूर्ण होते हैं, और वे आज्ञा मानने के लिए तैयार होते हैं, और स्वयं को दीन करने में प्रसन्न होते हैं, और यद्यपि भीतर से पीड़ित और दुर्बल होते हैं, फिर भी उनमें सहयोग करने का दृढ़ निश्चय होता है, वे ख़ुशी-ख़ुशी दुःख सह लेते हैं, वे आज्ञा मान सकते हैं, और वे मानवीय इच्छा से निष्कलंक रहते हैं, मनुष्य की विचारधारा से निष्कलंक रहते हैं, और निश्चित रूप से मानवीय अभिलाषाओं और अभिप्रेरणाओं से निष्कलंक रहते हैं। जब लोग पवित्र आत्मा के कार्य का अनुभव करते हैं, तो वे भीतर से विशेष रूप से पवित्र हो जाते हैं।

रविवार, 16 दिसंबर 2018

15. क्यों कलिसियाएँ भ्रष्ट होकर धर्म बन जाने में सक्षम हैं

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

     ऐसा क्यों कहा जाता है कि धार्मिक कलीसियाओं के उन लोगों के रीति व्यवहार प्रचलन से बाहर हो गए हैं? ऐसा इसलिए है क्योंकि जिसे वे अभ्यास में लाते हैं वह आज के कार्य से अलग हो गया है। अनुग्रह के युग में, जिसे वे अभ्यास में लाते थे वह सही था, किन्तु चूँकि युग गुज़र चुका है और परमेश्वर का कार्य बदल चुका है, तो उनका रीति व्यवहार धीरे धीरे प्रचलन से बाहर हो गया है। इसे नए कार्य एवं नए प्रकाश के द्वारा पीछे छोड़ दिया गया है।

सोमवार, 3 दिसंबर 2018

4. सच्ची प्रार्थना करने का क्या मतलब है

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
सच्चाई के साथ प्रार्थना करने का क्या अर्थ है? इसका अर्थ है अपने हृदय में शब्दों को कहना, और परमेश्वर की इच्छा को समझकर और उसके वचनों पर आधारित होकर परमेश्वर के साथ वार्तालाप करना; इसका अर्थ है विशेष रूप से परमेश्वर के निकट महसूस करना, यह महसूस करना कि वह तुम्हारे सामने है, और कि तुम्हारे पास उससे कहने के लिए कुछ है; और इसका अर्थ है अपने हृदय में विशेष रूप से प्रज्ज्वलित या प्रसन्न होना, और यह महसूस करना कि परमेश्वर विशेष रूप से मनोहर है। तुम विशेष रूप से प्रेरणा से भरे हुए महसूस करोगे, और तुम्हारे शब्दों को सुनने के बाद तुम्हारे भाई और तुम्हारी बहनें आभारी महसूस करेंगे, वे महसूस करेंगे कि जो शब्द तुम बोलते हो वे उनके हृदय के भीतर के शब्द हैं, वे ऐसे शब्द हैं जो वे कहना चाहते हैं, और जो तुम कहते हो वह वही है जो वे कहना चाहते हैं।

गुरुवार, 29 नवंबर 2018

प्रश्न 41: हमने चीनी कम्युनिस्ट सरकार और धार्मिक दुनिया के कई भाषण ऑनलाइन देखे हैं जो सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की बदनामी और झूठी निंदा करते हैं, उन पर आक्षेप और कलंक लगाते हैं (जैसे कि झाओयुआन, शेडोंग प्रांत की "5.28" वाली घटना)। हम यह भी जानते हैं कि सीसीपी लोगों से झूठ और गलत बातें कहने में, और तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर लोगों को धोखा देने में माहिर है, साथ ही साथ उन देशों का जिनके यह विरोध में है, अपमान करने, उन पर हमला करने और उन का न्याय करने में भी माहिर है, इसलिए सीसीपी के कहे गए किसी भी शब्द पर बिल्कुल विश्वास नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन धार्मिक पादरियों और प्राचीन लोगों के द्वारा कही गई कई बातें सीसीपी के शब्दों से मेल खाती हैं, इसलिए हमें सीपीपी और धार्मिक दुनिया से आने वाले निन्दापूर्ण, अपमानजनक शब्दों को कैसे परखना चाहिए?

उत्तर:
शैतान की बुरी ताकतें इस तरह परमेश्वर के कार्य पर हमला क्यों करती हैं, परमेश्वर के कार्य का आंकलन करते हुए? क्यों बड़े लाल अजगर की बुरी ताकतें उन्मत्त होकर परमेश्वर पर हमला और उसकी निंदा कर रही हैं, और परमेश्वर की कलीसिया को उत्पीडित कर रही हैं? क्यों शैतान की सभी बुरी ताकतें, धार्मिक मंडलियों के अंदर मसीह-विरोधी बिरादरी सहित, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की निंदा करती हैं? ऐसा इसलिए है क्योंकि शैतान जानता है कि इसका अंत निकट है, कि परमेश्वर पहले से ही अपने राज्य को सुरक्षित कर चुका है और वह आ गया है, और यह कि अगर शैतान परमेश्वर के साथ एक निर्णायक लड़ाई में नहीं जुटता है तो वह तुरंत नष्ट हो जाएगा।

गुरुवार, 22 नवंबर 2018

प्रश्न 32: फरीसियों ने अक्सर धार्मिक और करुणाशील रूप धारण कर सभाओं में लोगों से बाइबल की व्याख्या की, और वे जाहिर तौर पर कुछ भी गैरकानूनी करते हुए दिखाई नहीं देते थे। तो क्यों प्रभु यीशु ने फरीसियों को शाप दिया था? उनका ढोंग कैसे प्रकट हुआ था? ऐसा क्यों कहा जाता है कि धार्मिक पादरी और प्राचीन लोग ढोंगी फरीसियों के मार्ग पर ही चलते हैं?

उत्तर:
जो लोग प्रभु में विश्वास रखते हैं जानते हैं कि प्रभु यीशु वास्तव में फरीसियों से घृणा करते थे और उन्होंने उनको शाप दिया था और उन पर सात संताप घोषित किये थे। यह प्रभु के विश्वासियों को इस बात की अनुमति देने में बहुत सार्थक है कि वे पाखंडी फरीसियों को समझें, उनके चंगुल और नियंत्रण से दूर हो जाएँ और परमेश्वर द्वारा उद्धार प्राप्त करें। वैसे, यह शर्मनाक है। कई विश्वासी फरीसियों के पाखंड के सार को नहीं समझ सकते हैं। वे यह भी नहीं समझते हैं कि प्रभु यीशु ने फरीसियों से इतनी घृणा क्यों की और उन्हें शाप क्यों दिया। आज हम इन समस्याओं के बारे में थोड़ी चर्चा करेंगे। फरीसी अक्सर आराधनालयों में दूसरों के सामने बाइबल की व्याख्या करते थे।

Hindi Christian Movie | अग्नि द्वारा बप्तिस्मा | Can We Enter the Kingdom of Heaven by Hard Work?

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