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मंगलवार, 15 अक्तूबर 2019

राज्य का युग वचन का युग है भाग एक



राज्य के युग में, परमेश्वर नए युग की शुरूआत करने, अपने कार्य के साधन बदलने, और संपूर्ण युग में काम करने के लिये अपने वचन का उपयोग करता है। वचन के युग में यही वह सिद्धांत है, जिसके द्वारा परमेश्वर कार्य करता है। वह देहधारी हुआ ताकि विभिन्न दृष्टिकोणों से बातचीत कर सके, मनुष्य वास्तव में परमेश्वर को देख सके, जो देह में प्रकट होने वाला वचन है, और उसकी बुद्धि और आश्चर्य को जान सके। उसने यह कार्य इसलिए किये ताकि वह मनुष्यों को जीतने, उन्हें पूर्ण बनाने और ख़त्म करने के लक्ष्यों को बेहतर ढंग से हासिल कर सके।

गुरुवार, 5 सितंबर 2019

परमेश्वर के स्वभाव को समझना अति महत्वपूर्ण है



बहुत सारी ऐसी चीज़ें हैं जिनके विषय में मैं आशा करता हूँ कि आप उसे प्राप्त करेंगे। फिर भी, आपकी गतिविधियाँ और आपका जीवन मेरी माँगों को सम्पूर्णता से पूरा करने में असमर्थ हैं, इसलिए, सीधे मुद्दे पर आकर अपने दिल और मन की बात आपको समझाता हूं। ये मानते हुए कि आपकी परखने और प्रशंसा करने की योग्यताएँ बेहद कमज़ोर हैं, आप पूरी तरह मेरे विवेक और सार से लगभग बिलकुल अनजान हैं, तो ये अति आवश्यक है कि मैं इसके बारे में आपको सूचित करूँ। इस से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप पहले कितना समझते थे या फिर आप इन विषयों को समझने में इच्छुक हैं कि नहीं, फिर भी मुझे उनके बारे में आपको विस्तारपूर्वक बताना होगा। ये कोई ऐसा विषय नहीं हैं जो आपके लिए बिलकुल अनजान हो, परन्तु ऐसा नहीं लगता कि आप इसे समझते हैं या इसमें जो अर्थ निहित है उससे परिचित हैं। बहुतों के पास समझ की बस एक हल्की सी रोशनी है और मुख्यतः इस विषय का एक छिछला ज्ञान है।

बुधवार, 28 अगस्त 2019

क्या परमेश्वर का कार्य इतना सरल है, जितना मनुष्य कल्पना करता है?



परमेश्वर पर विश्वास करने वाले व्यक्ति के रूप में, तुम को यह समझना चाहिए कि, आज, इन अंतिम दिनों में परमेश्वर का कार्य और तुम में परमेश्वर की योजना के सारे कार्य को पाने में, तुमने परमेश्वर की ओर से उत्कर्ष और उद्धार को वास्तव में पा लिया है। समस्त ब्रम्हांड में परमेश्वर के सारे कार्य ने इसी एक जनसमूह पर ध्यान केंद्रित किया है। उसने अपने सभी प्रयास तुम लोगों के लिये समर्पित किये और तुम्हारे लिये सब कुछ बलिदान किया है, उसने फिर से दावा किया है और समस्त ब्रम्हांड में तुम लोगों के लिये पवित्रा आत्मा के सभी काम दिये हैं। यही कारण है कि मैं कहता हूं, तुम सभी सौभाग्यशाली हो।

बुधवार, 21 अगस्त 2019

परमेश्वर की इच्छा की समरसता में सेवा कैसे करें



आज, हम प्राथमिक रूप से संवाद करेंगे कि लोगों को परमेश्वर पर अपने विश्वास में परमेश्वर की सेवा कैसे करनी चाहिए, किन शर्तों को पूरा किया जाना चाहिए और उन लोगों के द्वारा क्या समझा जाना चाहिए जो परमेश्वर की सेवा करते हैं, और तुम लोगों की सेवा में कौन-कौन से विचलन हैं। तुम लोगों को यह सब कुछ समझना चाहिए। ये मुद्दे इस बात की चर्चा करते हैं कि तुम लोग परमेश्वर पर किस प्रकार विश्वास करते हो, तुम लोग पवित्र आत्मा के मार्गदर्शन के मार्ग पर किस प्रकार चलते हो, और तुम लोगों का सब कुछ परमेश्वर के द्वारा किस प्रकार से व्यवस्थित किया जाता है, और ये तुम लोगों में परमेश्वर के कार्य के हर कदम को जानने की तुम लोगों को अनुमति देंगे। जब तुम लोग उस स्थिति पर पहुँचोगे, तब तुम लोग समझोगे कि परमेश्वर में विश्वास क्या होता है, किस प्रकार उचित तरीके से परमेश्वर पर विश्वास करें, और परमेश्वर की इच्छा की समरसता में क्रिया करने हेतु तुम लोगों को क्या करना चाहिए।

शनिवार, 1 जून 2019

Hindi Christian Movie | उद्धार | Does Being Saved Represent Full Salvation?

Hindi Christian Movie | उद्धार | Does Being Saved Represent Full Salvation?

उद्धार क्या है? प्रभु यीशु में विश्वास करने वाले सोचते हैं कि अगर वे ईमानदारी से प्रभु से प्रार्थना करें, अपने पापों को स्वीकार करें और पश्चाताप करें तो उनके पापों को क्षमा कर दिया जाएगा और उनका उद्धार हो जाएगा। फिर जब प्रभु आएंगे तो उनको सीधे स्वर्ग के राज्य में आरोहित किया जाएगा। मगर क्या उद्धार पाना वाकई इतना आसान है?फ़िल्म के नायक, शू जिकियां ने बरसों से परमेश्वर में विश्वास किया, पूरे उत्साह से परमेश्वर के लिए खर्च किया और अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए सब कुछ त्याग दिया।

मंगलवार, 28 मई 2019

परमेश्वर के वचन के द्वारा सब कुछ प्राप्त हो जाता है भाग एक



परमेश्वर भिन्न-भिन्न युगों के अनुसार अपने वचन कहता है और अपना कार्य करता है, तथा भिन्न-भिन्न युगों में, वह भिन्न-भिन्न वचन कहता है। परमेश्वर नियमों से नहीं बँधता है, और एक ही कार्य को दोहराता नहीं है, और न अतीत की बातों को लेकर विषाद करता है; वह ऐसा परमेश्वर है जो सदैव नया है, कभी पुराना नहीं होता है, और वह हर दिन नये वचन बोलता है। जिस चीज का आज पालन किया जाना चाहिए उसका तुम्हें पालन करना चाहिए; यही मनुष्य की जिम्मेवारी और कर्तव्य है। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि अभ्यास परमेश्वर की वर्तमान रोशनी और वास्तविक वचनों के आस-पास केन्द्रित हो। परमेश्वर नियमों का पालन नहीं करता है, और अपनी बुद्धि और सर्व-सामर्थ्य को प्रकट करने के लिए विभिन्न परिप्रेक्ष्यों से बोलने में सक्षम है।

रविवार, 14 अप्रैल 2019

तुम्हें मसीह की अनुकूलता में होने के तरीके की खोज करनी चाहिए

मैं मनुष्य के मध्य में बहुत कार्य कर चुका हूं, और इस दौरान जो वचन मैंने व्यक्त किये हैं, वे बहुत हो चुके हैं। ये वचन मनुष्य के उद्धार के लिए ही हैं, और इसलिए व्यक्त किये गए थे ताकि मनुष्य मेरे अनुसार, मुझ से मेल खाने वाला बन सके। फिर भी, पृथ्वी पर मैंने ऐसे बहुत थोड़े ही लोग पाये हैं जो मुझ से मेल खाते हैं, और इसलिए मैं कहता हूं कि मनुष्य मेरे वचनों को बहुमूल्य नहीं समझता, क्योंकि मनुष्य मेरे अनुकूल नहीं है। इस तरह, मैं जो कार्य करता हूं वह सिर्फ़ इसलिए नहीं है कि मनुष्य मेरी आराधना कर सके; पर उस से अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि, यह इसलिए किया जाता है ताकि मनुष्य मेरे अनुकूल बन सके। वे लोग, जो भ्रष्ट हो चुके हैं, सब शैतान के फंदे में जीवन जी रहे हैं, वे शरीर में जीवन जीते हैं, स्वार्थी अभिलाषाओं में जीवन जीते हैं, और उनके मध्य में एक भी नहीं है जो मेरे अनुकूल हो।

शुक्रवार, 14 दिसंबर 2018

13. सच्चाई को समझने और सिद्धांत को समझने में क्या अंतर है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
परमेश्वर के वचन के वास्तविक अर्थ की वास्तविक समझ पाना कोई आसान बात नहीं है। यह मत सोचो कि तुम परमेश्वर के वचनों के शाब्दिक अर्थ की व्याख्या सकते हो, और हर कोई कह देगा कि तुम्हारी व्याख्या अच्छी है और तुम्हारी प्रशंसा करेगा, तो इसका मतलब है कि तुम परमेश्वर के वचन समझते हो। यह परमेश्वर के वचन को समझने के समान नहीं है। यदि तुमने परमेश्वर के वचन के भीतर से कुछ प्रकाश प्राप्त किया है और तुमने परमेश्वर के वचन का वास्तविक अर्थ जान लिया है, यदि तुम बता पाते हो कि परमेश्वर के वचन का क्या महत्व है और इसका अंतिम प्रभाव क्या होता है, केवल जब यह सब स्पष्ट हो जाता है, तब ही तुम परमेश्वर के वचनों की कुछ समझ प्राप्त कर पाते हो।

रविवार, 9 दिसंबर 2018

9. ईमानदार व्यक्ति बनने में प्रवेश का अभ्यास कैसे करना चाहिए?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:

तुम्हें ईमानदार होना आवश्यक है, और तुम्हें अपने हृदय की धूर्तता से छुटकारा पाने के लिए प्रार्थना करना आवश्यक है। जब तुम जरुरत के समय स्वयं को शुद्ध करने के लिए प्रार्थना का प्रयोग करते हो, और परमेश्वर के आत्मा के द्वारा स्पर्श किए जाने के लिए इसका प्रयोग करते हो, तो तुम्हारा स्वभाव धीरे-धीरे बदलता जाएगा।

सोमवार, 3 दिसंबर 2018

4. सच्ची प्रार्थना करने का क्या मतलब है

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
सच्चाई के साथ प्रार्थना करने का क्या अर्थ है? इसका अर्थ है अपने हृदय में शब्दों को कहना, और परमेश्वर की इच्छा को समझकर और उसके वचनों पर आधारित होकर परमेश्वर के साथ वार्तालाप करना; इसका अर्थ है विशेष रूप से परमेश्वर के निकट महसूस करना, यह महसूस करना कि वह तुम्हारे सामने है, और कि तुम्हारे पास उससे कहने के लिए कुछ है; और इसका अर्थ है अपने हृदय में विशेष रूप से प्रज्ज्वलित या प्रसन्न होना, और यह महसूस करना कि परमेश्वर विशेष रूप से मनोहर है। तुम विशेष रूप से प्रेरणा से भरे हुए महसूस करोगे, और तुम्हारे शब्दों को सुनने के बाद तुम्हारे भाई और तुम्हारी बहनें आभारी महसूस करेंगे, वे महसूस करेंगे कि जो शब्द तुम बोलते हो वे उनके हृदय के भीतर के शब्द हैं, वे ऐसे शब्द हैं जो वे कहना चाहते हैं, और जो तुम कहते हो वह वही है जो वे कहना चाहते हैं।

शुक्रवार, 23 नवंबर 2018

प्रश्न 33: उस समय, जब प्रभु यीशु अपने कार्य को करने के लिए आया था, यहूदी फरीसियों ने उसका अंधाधुंध विरोध किया, उसकी निंदा की और उसे क्रूस पर कीलों से जड़ दिया। जब अंतिम दिनों का सर्वशक्तिमान परमेश्वर अपना कार्य करने के लिए आता है, तो धार्मिक पादरी और प्राचीन लोग उसकी भी अवहेलना और निंदा करते हैं, परमेश्वर को फिर एक बार क्रूस पर चढ़ाते हैं। यहूदी फरीसी, धार्मिक पादरी और प्राचीन लोग इस तरह सच्चाई से नफरत क्यों करते हैं और क्यों इस तरह मसीह के विरुद्ध खुद को खड़ा कर देते हैं? वास्तव में उनका निहित सार क्या है?

उत्तर:
प्रभु में विश्वास करने वाला हर व्यक्ति जानता है कि फरीसियों ने प्रभु यीशु का विरोध किया। लेकिन उनके विरोध की असली वजह क्या थी? आप कह सकते हैं कि धर्म के 2000 वर्षों के इतिहास में, कोई भी इस प्रश्न का उत्तर नहीं ढूंढ पाया है। हालाँकि प्रभु यीशु के फरीसियों को शाप देने के बारे में नये विधान में उल्लेख है, लेकिन कोई भी फरीसियों के सार को समझ नहीं पाया है। जब सर्वशक्तिमान परमेश्वर अंत के दिनों में आते हैं, तो वो इस प्रश्न का सच्चा उत्तर प्रकाशित करते हैं।

रविवार, 4 नवंबर 2018

प्रश्न 7: व्यवस्था के युग का कार्य करने के लिए परमेश्वर ने मूसा का उपयोग किया, तो अंतिम दिनों में परमेश्वर अपने न्याय के कार्य को करने के लिए लोगों का इस्तेमाल क्यों नहीं करता है, बल्कि इस कार्य को उसे खुद करने के लिए देह बनने की ज़रूरत क्यों है?

प्रश्न 7: व्यवस्था के युग का कार्य करने के लिए परमेश्वर ने मूसा का उपयोग किया, तो अंतिम दिनों में परमेश्वर अपने न्याय के कार्य को करने के लिए लोगों का इस्तेमाल क्यों नहीं करता है, बल्कि इस कार्य को उसे खुद करने के लिए देह बनने की ज़रूरत क्यों है?

उत्तर:
ऐसा क्यों है कि परमेश्वर को अंत के दिनों में न्याय का कार्य करने के लिए देहधारण करने की ज़रूरत है, जिनको सत्‍य को जानने की तीव्र अभिलाषा है और जो परमेश्वर के प्रकटन की खोज करना चाहते हैं, उनको इस प्रश्‍न में अत्‍यधिक दिलचस्‍पी है। यह एक ऐसा सवाल भी है जिसका संबंध इस बात से है कि क्या हमें स्वर्ग के राज्य में आरोहित किया जा सकता है या नहीं। इसलिए, सत्‍य के इस पहलू को समझना बहुत ज़रूरी है। ऐसा क्यों है कि परमेश्वर को अंत के दिनों में अपने न्याय के कार्य के लिए स्वयं देहधारण करना होगा, बजाय इसके कि वे अपना कार्य करने के लिए मनुष्य को इस्तेमाल करें? यह न्याय के कार्य के स्वभाव से तय होता है। क्योंकि न्याय का कार्य परमेश्वर द्वारा सत्‍य की अभिव्यक्ति है और यह मानवजाति को जीतने, शुद्ध करने और बचाने के लिए उनके धार्मिक स्वभाव की अभिव्यक्ति है। आइये सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों का एक अंश पढ़ें।

शुक्रवार, 26 अक्तूबर 2018

27 हम मानते हैं कि प्रभु के कीमती रक्त ने हमें पहले ही शुद्ध कर दिया है और हम पवित्र हो चुके हैं और पाप से संबंधित नहीं हैं, इसलिए हमें शुद्धिकरण के कार्य को प्राप्त करने की कोई जरूरत नहीं है। ऐसा कहना सही क्यों नहीं है?

27. हम मानते हैं कि प्रभु के कीमती रक्त ने हमें पहले ही शुद्ध कर दिया है और हम पवित्र हो चुके हैं और पाप से संबंधित नहीं हैं, इसलिए हमें शुद्धिकरण के कार्य को प्राप्त करने की कोई जरूरत नहीं है। ऐसा कहना सही क्यों नहीं है?

उत्तर परमेश्वर के वचन से:
तुम सिर्फ यह जानते हो कि यीशु अन्तिम दिनों के दौरान आयेगा, परन्तु वास्तव में वह कैसे आयेगा? तुम जैसा पापी, जिसे बस अभी अभी छुड़ाया गया है, और परिवर्तित नहीं किया गया है, या परमेश्वर के द्वारा सिद् नहीं किया गया है, क्या तुम परमेश्वर के हृदय के अनुसार हो सकते हो? तुम्हारे लिए, तुम जो अभी भी पुराने मनुष्यत्व के हो, यह सत्य है कि तुम्हें यीशु के द्वारा बचाया गया था, और यह कि परमेश्वर के उद्धार के कारण तुम्हें एक पापी के रूप में नहीं गिना जाता है, परन्तु इससे यह साबित नहीं होता है कि तुम पापपूर्ण नहीं हो, और अशुद्ध नहीं हो।

शनिवार, 6 अक्तूबर 2018

XV फरीसियों और परमेश्वर का विरोध करती धार्मिक दुनिया के सार को किस तरह पहचानें इस पर हर किसी को स्पष्ट रूप से सहभागिता करनी चाहिए

परमेश्वर की इच्छा, परमेश्वर की गवाही देते बीस सत्य, बाइबिल के पाठ, मसीह के कथन,

2. यह क्यों कहा जाता है कि धार्मिक पादरी और प्राचीन लोग सभी फरीसियों के मार्ग पर चल रहे हैं? उनका सार क्या है?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"फिर वह दृष्‍टान्तों में उनसे बातें करने लगा: "किसी मनुष्य ने दाख की बारी लगाई, और उसके चारों ओर बाड़ा बाँधा, और रस का कुण्ड खोदा, और गुम्मट बनाया; और किसानों को उसका ठेका देकर परदेश चला गया। फिर फल के मौसम में उसने किसानों के पास एक दास को भेजा कि किसानों से दाख की बारी के फलों का भाग ले। पर उन्होंने उसे पकड़कर पीटा और छूछे हाथ लौटा दिया। फिर उसने एक और दास को उनके पास भेजा; उन्होंने उसका सिर फोड़ डाला और उसका अपमान किया।

गुरुवार, 30 अगस्त 2018

Hindi Christian Family Movie | "बच्चे, घर लौट आओ" | God Saved Me From Video Games

Hindi Christian Family Movie | "बच्चे, घर लौट आओ" | God Saved Me From Video Games

लाइ शिंगुआंग वरिष्ठ हाई स्कूल का छात्र है। बहुत छोटी उम्र में वह एक समझदार और सुशील लड़का था। उसके माता-पिता और शिक्षक उसको बहुत चाहते थे। माध्यमिक शाला में जाते समय वह इंटरनेट कंप्यूटर खेलों में आसक्त हो गया था। वह इंटरनेट कैफे जाने के लिए अक्सर अपनी कक्षाएं छोड़ने लगा। उसके माता-पिता ने उसकी इंटरनेट गेमिंग की लत छुड़वाने में उसकी मदद करने की भरसक कोशिश की।

गुरुवार, 23 अगस्त 2018

4. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय के महत्व को, अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य से प्राप्त परिणामों में, देखा जा सकता है।

4. अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय के महत्व को, अंतिम दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य से प्राप्त परिणामों में, देखा जा सकता है।

(1) अंत के दिनों में परमेश्वर का न्याय का कार्य मनुष्य को शुद्ध करने, बचाने और सिद्ध बनाने, तथा विजय प्राप्त करने वालों का एक समूह बनाने के लिए किया जाता है।
संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"तू ने मेरे धीरज के वचन को थामा है, इसलिये मैं भी तुझे परीक्षा के उस समय बचा रखूँगा जो पृथ्वी पर रहनेवालों के परखने के लिये सारे संसार पर आनेवाला है। मैं शीघ्र ही आनेवाला हूँ; जो कुछ तेरे पास है उसे थामे रह कि कोई तेरा मुकुट छीन न ले।
जो जय पाए उसे मैं अपने परमेश्‍वर के मन्दिर में एक खंभा बनाऊँगा, और वह फिर कभी बाहर न निकलेगा; और मैं अपने परमेश्‍वर का नाम और अपने परमेश्‍वर के नगर अर्थात् नये यरूशलेम का नाम, जो मेरे परमेश्‍वर के पास से स्वर्ग पर से उतरनेवाला है, और अपना नया नाम उस पर लिखूँगा" (प्रकाशितवाक्‍य 3:10-12)।

सोमवार, 16 जुलाई 2018

परमेश्वर पर विश्वास करना वास्तविकता पर केंद्रित होना चाहिए, न कि धार्मिक रीति-रिवाजों पर

परमेश्वर पर विश्वास करना वास्तविकता पर केंद्रित होना चाहिए, न कि धार्मिक रीति-रिवाजों पर


तुम कितनी धार्मिक परम्पराओं का पालन करते हो? कितनी बार तुमने परमेश्वर के वचन का विरोध किया है और अपने तरीके से चले हो? कितनी बार तुम परमेश्वर के वचनों को इसलिए अभ्यास में लाए हो क्योंकि तुम उसके उत्तरदायित्व के बारे में सच में विचारशील हो और उसकी इच्छा पूरी करना चाहते हो? परमेश्वर के वचन को समझो और उसे अभ्यास में लाओ। क्रियाओं और कर्मों में उच्च सिद्धांत वाले बनो; यह नियम में बंधना या बेमन से बस दिखावे के लिए ऐसा करना नहीं है।

बुधवार, 11 जुलाई 2018

मसीह के कथन "प्रतिज्ञाएं उनके लिए जो पूर्ण बनाए जा चुके हैं" | How to Get the Blessing of God(Hindi)

मसीह के कथन "प्रतिज्ञाएं उनके लिए जो पूर्ण बनाए जा चुके हैं" | How to Get the Blessing of God(Hindi)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "वे जो परमेश्वर द्वारा पूर्ण बनाए जाएंगे, उनमें से होंगे जो परमेश्वर की आशीषें और उसकी धरोहर पाएँगे। अर्थात्, वे वही ग्रहण करते हैं जो परमेश्वर के पास है और वह जो है, ताकि यह वह बन जाए जो उनके भीतर होता है;

मंगलवार, 3 जुलाई 2018

परमेश्वर के कथन "अपनी मंज़िल के लिए तुम्हें अच्छे कर्मों की पर्याप्तता की तैयारी करनी चाहिए"

परमेश्वर के कथन "अपनी मंज़िल के लिए तुम्हें अच्छे कर्मों की पर्याप्तता की तैयारी करनी चाहिए"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "मेरी दया उन पर व्यक्त होती है जो मुझसे प्रेम करते हैं और अपने आपको नकारते हैं। और दुष्टों को मिला दण्ड निश्चित रूप से मेरे धार्मिक स्वभाव का प्रमाण है, और उससे भी बढ़कर, मेरे क्रोध का साक्षी है। जब आपदा आएगी, तो उन सभी पर अकाल और महामारी आ पड़ेगी जो मेरा विरोध करते हैं और वे विलाप करेंगे।

रविवार, 1 जुलाई 2018

The Power of Faith in God | Hindi Christian Video | "सत्रह? जाहिल कहीं के!"

 The Power of Faith in God | Hindi Christian Video | "सत्रह? जाहिल कहीं के!"

"बच्चे! क्या तुम जानते हो कि कम्युनिस्ट पार्टी नास्तिक है और परमेश्वर में विश्वास करने के खिलाफ है? चीन में, कौन सा परमेश्वर है जिस पर तुम विश्वास करते हो? तुम्हारा यह परमेश्वर कहां है?" "यह मत समझो कि तुम बच्चे हो, हम तुम पर दया करेंगे! अगर तुम परमेश्वर में विश्वास करना जारी रखते हो, तो तुम्हें जान से मार दिया जायेगा!" हाथों में बिजली की छड़ें लेकर चीनी कम्युनिस्ट पुलिस इस लड़के के पीछे भागती है जिसका शरीर घावों से भरा है।

Hindi Christian Movie | अग्नि द्वारा बप्तिस्मा | Can We Enter the Kingdom of Heaven by Hard Work?

Hindi Christian Movie | अग्नि द्वारा बप्तिस्मा | Can We Enter the Kingdom of Heaven by Hard Work?       प्रभु यीशु ने कहा, "जो म...