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मंगलवार, 24 दिसंबर 2019

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के कथन - सोलहवाँ कथन"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के कथन - सोलहवाँ कथन"

     सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "मैं सभी मनुष्यों से ऊपर चलता हूँ और हर कहीं देख रहा हूँ। कोई भी चीज कभी भी पुरानी नहीं दिखाई देती है, और कोई भी व्यक्ति वैसा नहीं है जैसा वह हुआ करता था।

शुक्रवार, 20 जुलाई 2018

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" (भाग सात)

अंतिम दिनों के मसीह के कथन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" (भाग सात)


इस वीडियो में परमेश्वर के वचन "वचन देह में प्रकट होता है" पुस्तक से हैं। इस वीडियो की सामग्री:
परमेश्वर के परीक्षणों के बारे में कोई गलतफहमी नहीं रखो
वे जो परमेश्वर का भय मानते और बुराई से दूर रहते हैं उन्हें परमेश्वर के द्वारा स्नेह से देखा जाता है, जबकि ऐसे लोग जो मूर्ख हैं उन्हें परमेश्वर के द्वारा नीची दृष्टि से देखा जाता है

मसीह के कथन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II भाग सात के क्रम में"

मसीह के कथन "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II भाग सात के क्रम में" 


इस वीडियो में परमेश्वर के वचन "वचन देह में प्रकट होता है" पुस्तक से हैं। इस वीडियो की सामग्री:
परमेश्वर के परीक्षणों के बारे में कोई गलतफहमी नहीं रखो
वे जो परमेश्वर का भय मानते और बुराई से दूर रहते हैं उन्हें परमेश्वर के द्वारा स्नेह से देखा जाता है, जबकि ऐसे लोग जो मूर्ख हैं उन्हें परमेश्वर के द्वारा नीची दृष्टि से देखा जाता है

सोमवार, 16 जुलाई 2018

परमेश्वर पर विश्वास करना वास्तविकता पर केंद्रित होना चाहिए, न कि धार्मिक रीति-रिवाजों पर

परमेश्वर पर विश्वास करना वास्तविकता पर केंद्रित होना चाहिए, न कि धार्मिक रीति-रिवाजों पर


तुम कितनी धार्मिक परम्पराओं का पालन करते हो? कितनी बार तुमने परमेश्वर के वचन का विरोध किया है और अपने तरीके से चले हो? कितनी बार तुम परमेश्वर के वचनों को इसलिए अभ्यास में लाए हो क्योंकि तुम उसके उत्तरदायित्व के बारे में सच में विचारशील हो और उसकी इच्छा पूरी करना चाहते हो? परमेश्वर के वचन को समझो और उसे अभ्यास में लाओ। क्रियाओं और कर्मों में उच्च सिद्धांत वाले बनो; यह नियम में बंधना या बेमन से बस दिखावे के लिए ऐसा करना नहीं है।

बुधवार, 11 जुलाई 2018

मसीह के कथन "प्रतिज्ञाएं उनके लिए जो पूर्ण बनाए जा चुके हैं" | How to Get the Blessing of God(Hindi)

मसीह के कथन "प्रतिज्ञाएं उनके लिए जो पूर्ण बनाए जा चुके हैं" | How to Get the Blessing of God(Hindi)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "वे जो परमेश्वर द्वारा पूर्ण बनाए जाएंगे, उनमें से होंगे जो परमेश्वर की आशीषें और उसकी धरोहर पाएँगे। अर्थात्, वे वही ग्रहण करते हैं जो परमेश्वर के पास है और वह जो है, ताकि यह वह बन जाए जो उनके भीतर होता है;

रविवार, 8 जुलाई 2018

सात गर्जनाएँ – भविष्यवाणी करती हैं कि राज्य के सुसमाचार पूरे ब्रह्माण्ड में फैल जाएंगे

सात गर्जनाएँ – भविष्यवाणी करती हैं कि राज्य के सुसमाचार पूरे ब्रह्माण्ड में फैल जाएंगे

     सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "केवल जब पूर्व की रोशनी धीरे-धीरे श्वेत रूप में परिवर्तित होगी तभी पूरी पृथ्वी पर अंधकार रोशनी में बदलने लगेगा, और केवल तभी लोगों को पता चलेगा कि मैं बहुत पहले इस्राएल से जा चुका हूं और एक नए रूप में पूर्व में उभर रहा हूं। एक बार इस्राएल में अवतरित होकर और फिर उसे छोड़कर, मैं फिर से इस्राएल में जन्म नहीं ले सकता, क्योंकि मेरा कार्य पूरे विश्व के लिए है, और इसके अलावा, रोशनी सीधे पूर्व से पश्चिम की ओर चमकती है।

मंगलवार, 3 जुलाई 2018

परमेश्वर के कथन "अपनी मंज़िल के लिए तुम्हें अच्छे कर्मों की पर्याप्तता की तैयारी करनी चाहिए"

परमेश्वर के कथन "अपनी मंज़िल के लिए तुम्हें अच्छे कर्मों की पर्याप्तता की तैयारी करनी चाहिए"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "मेरी दया उन पर व्यक्त होती है जो मुझसे प्रेम करते हैं और अपने आपको नकारते हैं। और दुष्टों को मिला दण्ड निश्चित रूप से मेरे धार्मिक स्वभाव का प्रमाण है, और उससे भी बढ़कर, मेरे क्रोध का साक्षी है। जब आपदा आएगी, तो उन सभी पर अकाल और महामारी आ पड़ेगी जो मेरा विरोध करते हैं और वे विलाप करेंगे।

रविवार, 10 जून 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "सर्वशक्तिमान का आह भरना” | God's waiting of love

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "सर्वशक्तिमान का आह भरना” | God's waiting of love

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "मनुष्य, जिन्होंने सर्वशक्तिमान के जीवन की आपूर्ति को त्याग दिया, नहीं जानते हैं आखिर वे क्यों अस्तित्व में हैं, और फिर भी मृत्यु से डरते रहते हैं। इस दुनिया में, जहां कोई सहारा नहीं है, सहायता नहीं है, वहाँ बहादुरी के साथ, बिन आत्माओं की चेतना के शरीरों में एक अशोभनीय अस्तित्व को दिखाते हुए मनुष्य, अपनी आंखों को बंद करने में, अभी भी अनिच्छुक है। तुम इनके समान जीते हो, आशाहीन; उसका अस्तित्व इसी प्रकार का, बिना किसी लक्ष्य का है।

शनिवार, 2 जून 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का अभ्यास" (भाग तीन)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का अभ्यास" (भाग तीन)

मनुष्य के बीच परमेश्वर का कार्य मनुष्य से अवियोज्य है, क्योंकि मनुष्य इस कार्य का लक्ष्य है, और परमेश्वर के द्वारा रचा गया एकमात्र ऐसा प्राणी है जो परमेश्वर की गवाही दे सकता है। मनुष्य का जीवन और मनुष्य के समस्त क्रियाकलाप परमेश्वर से अवियोज्य हैं, और उन सब को परमेश्वर के हाथों के द्वारा नियन्त्रित किया जाता है, और यहाँ तक कि यह भी कहा जा सकता है कि कोई भी व्यक्ति परमेश्वर से स्वाधीन होकर अस्तित्व में नहीं रह सकता है। कोई भी इसे नकार नहीं सकता है, क्योंकि यह एक तथ्य है। वह सब कुछ जो परमेश्वर करता है मनुष्यजाति के लाभ के लिए है, और शैतान के षडयन्त्रों की ओर निर्देशित है।

गुरुवार, 31 मई 2018

मसीह के कथन "छुटकारे के युग में कार्य के पीछे की सच्ची कहानी" | Jesus' Salvation of the Cross(Hindi)

मसीह के कथन "छुटकारे के युग में कार्य के पीछे की सच्ची कहानी" | Jesus' Salvation of the Cross(Hindi)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "अनुग्रह के युग में, मनुष्य पहले से ही शैतान की भ्रष्टता से गुज़र चुका था, और इसलिए समस्त मानवजाति को छुटकारा देने के कार्य हेतु, अनुग्रह की भरमार, अनन्त सहनशीलता और धैर्य, और उससे भी बढ़कर, मानवजाति के पापों का प्रयाश्चित करने के लिए पर्याप्त बलिदान की आवश्यकता थी ताकि इसके प्रभाव तक पहुँचा जा सके। अनुग्रह के युग में मानवजाति ने जो देखा वह मानवजाति के पापों के प्रायश्चित के लिए मेरी भेंट मात्र था, अर्थात्, यीशु

सोमवार, 28 मई 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का अभ्यास" (भाग दो)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का अभ्यास" (भाग दो)

मनुष्य के बीच परमेश्वर का कार्य मनुष्य से अवियोज्य है, क्योंकि मनुष्य इस कार्य का लक्ष्य है, और परमेश्वर के द्वारा रचा गया एकमात्र ऐसा प्राणी है जो परमेश्वर की गवाही दे सकता है। मनुष्य का जीवन और मनुष्य के समस्त क्रियाकलाप परमेश्वर से अवियोज्य हैं, और उन सब को परमेश्वर के हाथों के द्वारा नियन्त्रित किया जाता है, और यहाँ तक कि यह भी कहा जा सकता है कि कोई भी व्यक्ति परमेश्वर से स्वाधीन होकर अस्तित्व में नहीं रह सकता है। कोई भी इसे नकार नहीं सकता है, क्योंकि यह एक तथ्य है।

रविवार, 27 मई 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का अभ्यास" (भाग एक)

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का अभ्यास" (भाग दो)


मनुष्य के बीच परमेश्वर का कार्य मनुष्य से अवियोज्य है, क्योंकि मनुष्य इस कार्य का लक्ष्य है, और परमेश्वर के द्वारा रचा गया एकमात्र ऐसा प्राणी है जो परमेश्वर की गवाही दे सकता है। मनुष्य का जीवन और मनुष्य के समस्त क्रियाकलाप परमेश्वर से अवियोज्य हैं, और उन सब को परमेश्वर के हाथों के द्वारा नियन्त्रित किया जाता है, और यहाँ तक कि यह भी कहा जा सकता है कि कोई भी व्यक्ति परमेश्वर से स्वाधीन होकर अस्तित्व में नहीं रह सकता है। कोई भी इसे नकार नहीं सकता है, क्योंकि यह एक तथ्य है। वह सब कुछ जो परमेश्वर करता है मनुष्यजाति के लाभ के लिए है, और शैतान के षडयन्त्रों की ओर निर्देशित है।

बुधवार, 23 मई 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "जब तुम यीशु के आध्यात्मिक शरीर को देख रहे होगे ऐसा तब होगा जब परमेश्वर स्वर्ग और पृथ्वी को नये सिरे से बना चुका होगा"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "जब तुम यीशु के आध्यात्मिक शरीर को देख रहे होगे ऐसा तब होगा जब परमेश्वर स्वर्ग और पृथ्वी को नये सिरे से बना चुका होगा"


क्या तुम यीशु को देखना चाहते हो? क्या तुम यीशु के साथ रहना चाहते हो? क्या तुम यीशु के द्धारा कहे गए वचनों को सुनना चाहते हो? यदि ऐसा है, तो तुम यीशु के लौटने का कैसे स्वागत करोगे? क्या तुम पूरी तरह से तैयार हो? किस ढंग से तुम यीशु के लौटने का स्वागत करोगे? मुझे लगता है कि प्रत्येक भाई-बहन जो यीशु का अनुसरण करते हैं, यीशु का अच्छी तरह से स्वागत करना चाहेंगे। परन्तु क्या तुम लोगों ने इस पर विचार किया है: जब यीशु वापस आएगा तो क्या तुम सचमुच में उसे पहचान लोगे? क्या तुम लोग सचमुच में वह सब कुछ समझ जाओगे जो वह कहेगा? क्या तुम लोग वे सब कार्य जो यीशु करेगा, उन्हें बिना किसी शर्त के सचमुच में स्वीकार कर लोगे? वे सब लोग जिन्होंने बाइबल पढ़ी है, जो यीशु के लौटने के बारे में जानते हैं, और वे सब लोग जिन्होंने बाइबल को अभिप्राय से पढ़ी है, उसके आगमन की प्रतीक्षा करते हैं।

गुरुवार, 17 मई 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "बुलाए हुए बहुत हैं, परन्तु चुने हुए कुछ ही हैं"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "बुलाए हुए बहुत हैं, परन्तु चुने हुए कुछ ही हैं"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "मैं अपने घर में उन सब को बुलाता हूँ जिन्हें मैंने पूर्वनियत किया है ताकि मेरे वचनों को सुनने के लिए उन्हें एक श्रोतागण बनाया जाए, और फिर उन सभी को अपने सिंहासन के सामने रखा जाए जो मेरे वचन का पालन करते हैं और मेरे वचन की अभिलाषा करते हैं। जो मेरे वचनों की ओर पीठ फेर लेते हैं, जो मेरी आज्ञा का पालन करने और मेरे प्रति समर्पण करने में असफल रहते हैं, और जो खुलकर मेरी अवहेलना करते हैं, वे अंतिम दण्ड की प्रतीक्षा करने के लिए एक ओर डाल दिए जाएँगे।

रविवार, 13 मई 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "राज्य का युग वचन का युग है (भाग दो)"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "राज्य का युग वचन का युग है (भाग दो)"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "राज्य के युग में, परमेश्वर नए युग की शुरूआत करने, अपने कार्य के साधन बदलने, और संपूर्ण युग में काम करने के लिये अपने वचन का उपयोग करता है। वचन के युग में यही वह सिद्धांत है, जिसके द्वारा परमेश्वर कार्य करता है।

शनिवार, 12 मई 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "राज्य का युग वचन का युग है (भाग एक)"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "राज्य का युग वचन का युग है (भाग एक)"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "राज्य के युग में, परमेश्वर नए युग की शुरूआत करने, अपने कार्य के साधन बदलने, और संपूर्ण युग में काम करने के लिये अपने वचन का उपयोग करता है। वचन के युग में यही वह सिद्धांत है, जिसके द्वारा परमेश्वर कार्य करता है। वह देहधारी हुआ ताकि विभिन्न दृष्टिकोणों से बातचीत कर सके, मनुष्य वास्तव में परमेश्वर को देख सके, जो देह में प्रकट होने वाला वचन है, और उसकी बुद्धि और आश्चर्य को जान सके। उसने यह कार्य इसलिए किये ताकि वह मनुष्यों को जीतने, उन्हें पूर्ण बनाने और ख़त्म करने के लक्ष्यों को बेहतर ढंग से हासिल कर सके। वचन के युग में वचन को उपयोग करने का यही वास्तविक अर्थ है।"
     अनुशंसित: सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों में वह सभी सत्य समाहित है जिसे मनुष्य को समझने की आवशकता है, और जो उसे नए युग में ले जाता है  

शुक्रवार, 11 मई 2018

परमेश्वर के कथन "देहधारी परमेश्वर की सेवकाई और मनुष्य के कर्तव्य के बीच अंतर भाग एक" (भाग 2)

परमेश्वर के कथन "देहधारी परमेश्वर की सेवकाई और मनुष्य के कर्तव्य के बीच अंतर भाग एक" (भाग 2)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "चाहे देहधारी परमेश्वर बोले, कार्य करे, या चमत्कार प्रकट करे, वह अपने प्रबंधन के अंतर्गत महान कार्य कर रहा है, और इस प्रकार का कार्य उसके बदले मनुष्य नहीं कर सकता है। मनुष्य का कार्य केवल सृजन किए गए प्राणी के रूप में परमेश्वर के प्रबंधन के कार्य के किसी दिए गए चरण में सिर्फ़ अपना कर्तव्य करना है। इस प्रकार के प्रबंधन के बिना, अर्थात्‌, यदि देहधारी परमेश्वर की सेवकाई खो जाती है, तो सृजित प्राणी का कर्तव्य भी खो जायेगा।

गुरुवार, 10 मई 2018

परमेश्वर के कथन "देहधारी परमेश्वर की सेवकाई और मनुष्य के कर्तव्य के बीच अंतर भाग एक" (भाग 1)

परमेश्वर के कथन "देहधारी परमेश्वर की सेवकाई और मनुष्य के कर्तव्य के बीच अंतर भाग एक" (भाग 1)


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "चाहे देहधारी परमेश्वर बोले, कार्य करे, या चमत्कार प्रकट करे, वह अपने प्रबंधन के अंतर्गत महान कार्य कर रहा है, और इस प्रकार का कार्य उसके बदले मनुष्य नहीं कर सकता है। मनुष्य का कार्य केवल सृजन किए गए प्राणी के रूप में परमेश्वर के प्रबंधन के कार्य के किसी दिए गए चरण में सिर्फ़ अपना कर्तव्य करना है।

मंगलवार, 8 मई 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन:"'सहस्राब्दि राज्य आ चुका है' के बारे में एक संक्षिप्त वार्ता"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन:"'सहस्राब्दि राज्य आ चुका है' के बारे में एक संक्षिप्त वार्ता"


सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "सहस्राब्दि राज्य के युग के दौरान, लोग पहले से ही पूर्ण बनाए जा चुके होंगे और उनके भीतर के भ्रष्ट स्वभाव को शुद्ध किया जा चुका होगा। उस समय, परमेश्वर के द्वारा कहे गए वचन क़दम-दर-क़दम लोगों का मार्गदर्शन करेंगे, और सृजन के समय से लेकर आज तक परमेश्वर के कार्य के सभी रहस्यों को प्रकाशित करेंगे, और उसके वचन प्रत्येक युग और प्रत्येक दिन परमेश्वर के कार्यों के बारे में लोगों को बताएँगे, बताएँगे कि कैसे वह भीतर उनका मार्गदर्शन करता है, उस कार्य के बारे में बताएँगे जो वह आध्यात्मिक क्षेत्र में करता है, और मनुष्य को आध्यात्मिक आयाम की गतिशीलता के बारे में बताएँगे।

शनिवार, 28 अप्रैल 2018

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "क्या परमेश्वर का कार्य इतना सरल है, जितना मनुष्य कल्पना करता है?"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "क्या परमेश्वर का कार्य इतना सरल है, जितना मनुष्य कल्पना करता है?"

सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं: "तुम सबों को देखना चाहिये कि परमेश्वर की इच्छा और कार्य आकाश और पृथ्वी के सृजन और अन्य सब वस्तुओं के सृजन के समान आसान नहीं हैं। आज का कार्य उन लोगों का रूपांतरण करना है जो भ्रष्ट हो चुके हैं, और अत्यधिक सुन्न हो चुके हैं, और उन्हें शुद्ध करना है जो सृजे जाने के बाद शैतान के अनुसार चले हैं, आदम और हव्वा के सृजन करना नहीं, ज्योति की सृष्टि या अन्य सभी पेड़ पौधों और पशुओं के सृजन की तो बात ही दूर है।

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