सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "बुलाए हुए बहुत हैं, परन्तु चुने हुए कुछ ही हैं"
सर्वशक्तिमान परमेश्वर कहते हैं, "मैं अपने घर में उन सब को बुलाता हूँ जिन्हें मैंने पूर्वनियत किया है ताकि मेरे वचनों को सुनने के लिए उन्हें एक श्रोतागण बनाया जाए, और फिर उन सभी को अपने सिंहासन के सामने रखा जाए जो मेरे वचन का पालन करते हैं और मेरे वचन की अभिलाषा करते हैं। जो मेरे वचनों की ओर पीठ फेर लेते हैं, जो मेरी आज्ञा का पालन करने और मेरे प्रति समर्पण करने में असफल रहते हैं, और जो खुलकर मेरी अवहेलना करते हैं, वे अंतिम दण्ड की प्रतीक्षा करने के लिए एक ओर डाल दिए जाएँगे। सभी मनुष्य भ्रष्टता के बीच और दुष्ट के हाथ के अधीन रहते हैं, इसलिए मेरा अनुसरण करने वालों में से बहुत से लोग वास्तव में सत्य की अभिलाषा नहीं करते हैं। कहने का अर्थ है कि, अधिकांश सच्चे हृदय से या सत्य के साथ मेरी आराधना नहीं करते हैं, बल्कि भ्रष्टता, विद्रोह और कपटपूर्ण उपायों से मेरा विश्वास प्राप्त करने की कोशिश करते हैं। यही कारण है कि मैं कहता हूँ, बुलाए हुए बहुत हैं, परन्तु चुने हुए कुछ ही हैं। वे सभी जो बुलाए गए हैं अत्यंत भ्रष्ट हैं और एकही युग में रहते हैं, किन्तु जो चुने गए हैं वे केवल वह समूह हैं जो सत्य पर विश्वास करते हैं और इसे स्वीकार करते हैं और जो सत्य का अभ्यास करते हैं। ये लोग समष्टि का एक मामूली हिस्सा होते हैं, और इन लोगों के बीच से मैं और भी अधिक महिमा प्राप्त करूँगा।"
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