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गुरुवार, 5 सितंबर 2019

परमेश्वर के स्वभाव को समझना अति महत्वपूर्ण है



बहुत सारी ऐसी चीज़ें हैं जिनके विषय में मैं आशा करता हूँ कि आप उसे प्राप्त करेंगे। फिर भी, आपकी गतिविधियाँ और आपका जीवन मेरी माँगों को सम्पूर्णता से पूरा करने में असमर्थ हैं, इसलिए, सीधे मुद्दे पर आकर अपने दिल और मन की बात आपको समझाता हूं। ये मानते हुए कि आपकी परखने और प्रशंसा करने की योग्यताएँ बेहद कमज़ोर हैं, आप पूरी तरह मेरे विवेक और सार से लगभग बिलकुल अनजान हैं, तो ये अति आवश्यक है कि मैं इसके बारे में आपको सूचित करूँ। इस से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप पहले कितना समझते थे या फिर आप इन विषयों को समझने में इच्छुक हैं कि नहीं, फिर भी मुझे उनके बारे में आपको विस्तारपूर्वक बताना होगा। ये कोई ऐसा विषय नहीं हैं जो आपके लिए बिलकुल अनजान हो, परन्तु ऐसा नहीं लगता कि आप इसे समझते हैं या इसमें जो अर्थ निहित है उससे परिचित हैं। बहुतों के पास समझ की बस एक हल्की सी रोशनी है और मुख्यतः इस विषय का एक छिछला ज्ञान है।

सोमवार, 26 अगस्त 2019

छुटकारे के युग में कार्य के पीछे की सच्ची कहानी



मेरी सम्पूर्ण प्रबन्धन योजना, ऐसी योजना जो छः हज़ार सालों तक फैली हुई है, तीन चरणों या तीन युगों को शामिल करती हैः आरंभ में व्यवस्था का युग; अनुग्रह का युग (जो छुटकारे का युग भी है); और अंत के दिनों में राज्य का युग। प्रत्येक युग की प्रकृति के अनुसार मेरा कार्य इन तीनों युगों में तत्वतः अलग-अलग है, परन्तु प्रत्येक चरण में यह मनुष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप है—या बल्कि, अधिक स्पष्ट कहें तो, यह उन छलकपटों के अनुसार किया जाता है जो शैतान उस युद्ध में काम में लाता है जो मैं उसके विरुद्ध शुरू करता हूँ। मेरे कार्य का उद्धेश्य शैतान को हराना, अपनी बुद्धि और सर्वशक्तिमत्ता को व्यक्त करना, शैतान के सभी छलकपटों को उजागर करना और परिणामस्वरूप समस्त मानवजाति को बचाना है, जो उसके अधिकार क्षेत्र के अधीन रहती है।

मंगलवार, 20 अगस्त 2019

व्यवस्था के युग में कार्य



वह कार्य जो यहोवा ने इस्राएलियों पर किया, उसने मानवजाति के बीच पृथ्वी पर परमेश्वर के मूल स्थान को स्थापित किया जो कि वह पवित्र स्थान भी था जहाँ वह उपस्थित रहता था। उसने अपने कार्य को इस्राएल के लोगों तक ही सीमित रखा। आरम्भ में, उसने इस्राएल के बाहर कार्य नहीं किया; उसके बजाए, उसने ऐसे लोगों को चुना जिन्हें उसने अपने कार्यक्षेत्र को सीमित रखने के लिए उचित पाया। इस्राएल वह जगह है जहाँ परमेश्वर ने आदम और हव्वा की रचना की, और उस जगह की धूल से यहोवा ने मनुष्य को बनाया; यह स्थान पृथ्वी पर उसके कार्य का आधार बन गया। इस्राएली, जो नूह के वंशज थे, और आदम के भी वंशज थे, पृथ्वी पर यहोवा के कार्य की मानवीय बुनियाद थे।

सोमवार, 19 अगस्त 2019

नये युग की आज्ञाएँ



तुम लोगों से परमेश्वर के वचनों से सुसज्जित होने के लिए कहा गया है, यह कहा गया है कि इस बात की परवाह किए बिना कि तुम लोगों के लिए क्या व्यवस्थित किया जाता है, सब कुछ गुप्त रूप से परमेश्वर के स्वयं के हाथ से आयोजित किया जाता है, और यह कि तुम लोगों की गंभीर प्रार्थनाओं या अनुनय-विनय की कोई आवश्यकता नहीं है—वे सब व्यर्थ हैं। परंतु वर्तमान स्थिति के संदर्भ में जो व्यवहारिक समस्याएँ तुम लोगों के सामने आ रही हैं, वे तुम लोगों के लिये अकल्पनीय हैं। यदि तुम लोग केवल परमेश्वर की व्यवस्थाओं की प्रतीक्षा करते हो, तो तुम लोगों की प्रगति बहुत धीमी होगी, और उनके लिए जो नहीं जानते हैं कि अनुभव कैसे करें, अत्यधिक निष्क्रियता होगी। इस प्रकार यदि तुम इन बातों की सच्ची प्रकृति का पता लगाने में असमर्थ हो, तो तुम अपने अनुभव करने में संभ्रमित और अनाड़ी हो।

गुरुवार, 15 अगस्त 2019

भ्रष्ट मनुष्य परमेश्वर का प्रतिनिधित्व करने में अक्षम है



मनुष्य, शैतान के प्रभाव के बंधन में जकड़ा हुआ, अंधकार के प्रभाव के आवरण में रह रहा है जिसमें से बच निकलने का मार्ग नहीं हैं। और मनुष्य का स्वभाव, शैतान के द्वारा संसाधित किए जाने के पश्चात्, उत्तरोत्तर भ्रष्ट होता जा रहा है। कोई कह सकता है कि परमेश्वर को वास्तव में प्यार करने में असमर्थ, मनुष्य, सदैव अपने भ्रष्ट शैतानी स्वभाव में रहा है। यह तो ऐसा है, यदि मनुष्य परमेश्वर को प्यार करने की इच्छा करता है, तो उसे स्वयं को सही मानना, स्वयं को महत्त्व देना, अहंकार, मिथ्याभिमान तथा इसी तरह की चीजों से वंचित अवश्य कर देना चाहिए जो सभी शैतान के स्वभाव से संबंधित हैं।

रविवार, 11 अगस्त 2019

तुम्हें पता होना चाहिए कि व्यावहारिक परमेश्वर ही स्वयं परमेश्वर है



तुम्हें व्यावहारिक परमेश्वर के बारे में क्या पता होना चाहिए? आत्मा, शरीर और वचन मिलकर ही स्वयं व्यावहारिक परमेश्वर को बनाते हैं; और यही स्वयं व्यावहारिक परमेश्वर का वास्तविक अर्थ है। यदि तू सिर्फ़ शरीर के बारे में जानता है, यदि तू उसकी आदतों, और उसके चरित्र के बारे में जानता है, लेकिन तू आत्मा के कार्य या देह में आत्मा के कार्य के बारे में कुछ नहीं जानता है, और सिर्फ़ आत्मा और वचन पर ध्यान देता है, और केवल आत्मा के सामने प्रार्थना करता है, व्यावहारिक परमेश्वर में परमेश्वर के आत्मा के कार्य के बारे में कुछ भी जाने बिना, तब भी यह साबित करता है कि तुझे व्यावहारिक परमेश्वर के बारे में कुछ भी ज्ञान नहीं है।

सोमवार, 29 जुलाई 2019

केवल वही जो परमेश्वर को जानते हैं, उसकी गवाही दे सकते हैं



यह स्वर्ग का नियम और पृथ्वी का सिद्धांत है कि परमेश्वर पर विश्वास किया जाए और उसको जाना जाए, और आज - इस युग के दौरान जब देहधारी परमेश्वर स्वयं अपना कार्य करता है - यह परमेश्वर को जानने के लिए विशेष अच्छा समय है। परमेश्वर को संतुष्ट करना उसकी इच्छा को समझने पर आधारित है, और परमेश्वर की इच्छा को जानने के लिए, परमेश्वर को अच्छी तरह से जानना आवश्यक है।

शुक्रवार, 19 जुलाई 2019

पतरस के अनुभव: ताड़ना और न्याय का उसका ज्ञान भाग तीन



यदि इतना कार्य, और इतने सारे वचनों का तेरे ऊपर कोई असर नहीं हुआ, तो जब परमेश्वर के कार्य को फैलाने का समय आएगा तब तू अपने कर्तव्य को निभाने में असमर्थ हो जाएगा, और शर्मिन्दा और लज्जित होगा। उस समय, तू महसूस करेगा कि तू परमेश्वर का कितना ऋणी है, यह कि परमेश्वर के विषय में तेरा ज्ञान कितना छिछला है। यदि आज तू परमेश्वर के ज्ञान का अनुसरण नहीं करेगा, जबकि वह काम कर रहा है, तो बाद में बहुत देर हो जाएगी। अंत में, तेरे पास बोलने के लिए कोई ज्ञान नहीं होगा—तू खाली होगा, और तेरे पास कुछ भी नहीं होगा। तब, परमेश्वर को हिसाब देने के लिए तू किसका उपयोग करेगा? क्या तेरे पास परमेश्वर को देखने की कठोरता है? तुझे इसी वक्त अपने कार्य में कठिन परिश्रम करना है, जिस से तू, अंत में, पतरस के समान जान पाएगा कि परमेश्वर की ताड़ना और उसका न्याय मनुष्य के लिए कितना लाभकारी है, और बिना उसकी ताड़ना और न्याय के मनुष्य उद्धार प्राप्त नहीं कर सकता है, और वह केवल इस अपवित्र भूमि और इस दलदल में पहले से अधिक गहराई तक धंस सकता है।

शनिवार, 6 जुलाई 2019

Hindi Christian Movie | "स्वप्न से जागृति" क्लिप 3 - परमेश्वर अंत के दिनों में मनुष्य का न्याय करने और उसे शुद्ध करने के लिये सत्य का उपयोग करता है

Hindi Christian Movie | "स्वप्न से जागृति" क्लिप 3 - परमेश्वर अंत के दिनों में मनुष्य का न्याय करने और उसे शुद्ध करने के लिये सत्य का उपयोग करता है


अंत के दिनों में परमेश्वर, धरती पर परमेश्वर के भवन से शुरू करके न्याय का कार्य करने के लिये, देहधारण करते हैं, तो अंत के दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के न्याय का कार्य मनुष्य को कैसे शुद्ध करता है और बचाता है? सर्वशक्तिमान परमेश्वर के न्याय और ताड़ना का अनुभव लेने के बाद हमारे जीवन स्वभाव में क्या परिवर्तन आएगा? आपको 'स्वप्न से जागृति' फिल्म की क्लिप से सारे उत्तर मिलेंगे!

मंगलवार, 30 अप्रैल 2019

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन "दुष्ट को दण्ड अवश्य दिया जाना चाहिए"



इस बात का निरीक्षण करना कि क्या तुम जो कुछ भी करते हो उसमें धार्मिकता का अभ्यास करते हो, और क्या तुम्हारी समस्त क्रियाओं की परमेश्वर द्वारा निगरानी की जाती है, ये परमेश्वर में विश्वास करनेवालों के स्वभावजन्य सिद्धांत हैं। तुम लोग धर्मी कहलाओगे क्योंकि तुम लोग परमेश्वर को संतुष्ट करने में सक्षम हो, और क्योंकि तुम लोग परमेश्वर की देखभाल और सुरक्षा को स्वीकार करते हो। परमेश्वर की नज़र में, वे सब जो परमेश्वर की देखभाल, सुरक्षा और पूर्णता को स्वीकार करते हैं और जो उसके द्वारा प्राप्त कर लिए जाते हैं, वे धर्मी हैं और परमेश्वर द्वारा प्यार से देखे जाते हैं। तुम लोग अभी इसी समय परमेश्वर के वचनों को जितना अधिक स्वीकार करते हो, उतना ही अधिक तुम परमेश्वर की इच्छा को प्राप्त करने और समझने में सक्षम हो जाते हो, और इस प्रकार तुम उतना ही अधिक परमेश्वर के वचनों को जी सकते हो और उसकी अपेक्षाओं को संतुष्ट कर सकते हो।

रविवार, 21 अप्रैल 2019

जब झड़ती हुई पत्तियाँ अपनी जड़ों की ओर लौटेंगी तो तुम्हें उन सभी बुराइयों पर पछतावा होगा जो तुमने की हैं

तुम लोगों ने उस कार्य को देखा है जो मैने तुम लोगों के बीच किया है, तुम लोगों ने स्वयं उन वचनों को सुना है जो मैने बोले हैं, और तुम लोग अपने प्रति मेरे दृष्टिकोण को जानते हो, इसलिए तुम लोगों को पता होना चाहिए कि मैं तुम लोगों में इस कार्य को क्यों कर रहा हूँ। मैं तुम्हें सच्चाई बताता हूँ—तुम लोग अंत के दिनों में विजय के मेरे कार्य के लिए एक उपकरण से अधिक कुछ नहीं हो; तुम लोग अन्य जातियों के ेशों के बीच मेरे कार्य का विस्तार करने के लिए औजार हो। अन्य जातियों के देशों के बीच अपने नाम का प्रसार करने हेतु अपने कार्य का बेहतर ढंग से विस्तार करने के लिए, अर्थात्, इस्राएल के बाहर के किसी भी अन्य देश में प्रसार करने हेतु , मैं तुम लोगों की अधार्मिकता, तुम लोगों की गंदगी, तुम लोगों के प्रतिरोध और विद्रोहशीलता के माध्यम से बात करता हूँ।

रविवार, 7 अप्रैल 2019

7. आपदाओं के बीच मैंने परमेश्वर का धार्मिक स्वभाव देखा

ली जिंग, बीजिंग
7 अगस्त, 2017
उस दिन, सुबह से बारिश होना शुरू हो गई थी। मैं एक भाई के घर में सभा में गई थी, इसी दौरान बारिश अधिक से अधिक तेज होती जा रही थी। दोपहर तक यह ऐसे बरसने लगी जैसे सीधे स्वर्ग से ही गिर रही हो। हमारी सभा के खत्म होने के समय तक, बारिश का पानी मेरे भाई के बरामदे में घुस गया था, लेकिन चूंकि मैं अपने परिवार के लिए चिंतित थी, इसलिए मैं अपने घर की ओर जाने के लिए संघर्ष करने लगी। आधे रास्ते तक पहुंचने पर, कुछ लोग खतरे से निकलकर भागते हुए मेरे पास आए और कहा, "क्या तुम भाग नहीं रही हो, क्या तुम अब भी घर जा रही हो?" जब मैं घर पहुंची, तो मेरे बच्चे ने मुझसे कहा, "क्या बाढ़ आपको बहा नहीं ले गई?" तब ही मुझे पता चला कि मेरे दिल में परमेश्व नहीं था।

शुक्रवार, 15 मार्च 2019

73. जब अनुग्रह के युग में परमेश्वर देहधारी हुए, तो यह देहधारण एक यहूदी पुरुष के रूप में था, तो अंत के दिनों के परमेश्वर एक एशियाई व्यक्ति के रूप में क्यों प्रकट हुए हैं?

परमेश्वर के वचन से जवाब:
परमेश्वर पूरे ब्रह्मांड में महानतम है, तो क्या वह देह की छवि का उपयोग करके स्वयं को पूरी तरह से समझा सकता है? परमेश्वर अपने कार्य का एक चरण करने के लिए देह धारण करता है। देह की छवि का कोई महत्व नहीं है, और इसका युगों की समाप्ति से कोई संबंध नहीं है, और इसका परमेश्वर के स्वभाव से कुछ मतलब नहीं है। यीशु ने अपनी छवि को क्यों नहीं रहने दिया? उसने अपनी छवि को मनुष्य को चित्रित क्यों नहीं करने दिया, ताकि इसे बाद की पीढ़ियों को आगे सौंपा जा सके? उसने लोगों को यह स्वीकार क्यों नहीं करने दिया कि उसकी छवि परमेश्वर की छवि है?

गुरुवार, 21 फ़रवरी 2019

52. आपने कहा है कि परमेश्वर आ चुके हैं, लेकिन हम इसमें यकीन करने की हिम्मत नहीं करते क्योंकि बाइबल कहती है, "उस समय यदि कोई तुम से कहे, 'देखो, मसीह यहाँ है!' या 'वहाँ है!' तो विश्‍वास न करना। "क्योंकि झूठे मसीह और झूठे भविष्यद्वक्‍ता उठ खड़े होंगे, और बड़े चिह्न, और अद्भुत काम दिखाएँगे कि यदि हो सके तो चुने हुओं को भी भरमा दें" (मत्ती 24:23-24)। हम वास्तव में सच्चे मसीह को झूठे मसीहों से अलग कैसे पहचानें?

परमेश्वर के वचन से जवाब:
ऐसी बात का अध्ययन करना कठिन नहीं है, परंतु इसके लिए हममें से प्रत्येक को इस सत्य को जानने की ज़रूरत है: जो देहधारी परमेश्वर है, वह परमेश्वर का सार धारण करेगा, और जो देहधारी परमेश्वर है, वह परमेश्वर की अभिव्यक्ति धारण करेगा। चूँकि परमेश्वर देहधारी हुआ, वह उस कार्य को प्रकट करेगा जो उसे अवश्य करना चाहिए, और चूँकि परमेश्वर ने देह धारण किया, तो वह उसे अभिव्यक्त करेगा जो वह है, और मनुष्यों के लिए सत्य को लाने में समर्थ होगा, मनुष्यों को जीवन प्रदान करने, और मनुष्य को मार्ग दिखाने में सक्षम होगा।

रविवार, 17 फ़रवरी 2019

45. परमेश्वर अंत के दिनों के अपने कार्य में भ्रष्ट मानवजाति को न्याय और ताड़ना क्यों देते हैं?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"क्योंकि वह समय आ पहुँचा है कि पहले परमेश्‍वर के लोगों का न्याय किया जाए" (1 पतरस 4:17)।
"फिर मैं ने एक और स्वर्गदूत को आकाश के बीच में उड़ते हुए देखा, जिसके पास पृथ्वी पर के रहनेवालों की हर एक जाति, और कुल, और भाषा, और लोगों को सुनाने के लिये सनातन सुसमाचार था। उसने बड़े शब्द से कहा, 'परमेश्‍वर से डरो, और उसकी महिमा करो, क्योंकि उसके न्याय करने का समय आ पहुँचा है; और उसका भजन करो, जिसने स्वर्ग और पृथ्वी और समुद्र और जल के सोते बनाए'" (प्रकाशितवाक्य 14:6-7)।

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