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गुरुवार, 30 मई 2019

"बाइबल के विषय में" पर परमेश्वर के वचन के चार अंशों से संकलन भाग एक



1. बहुत सालों से, लोगों के विश्वास का परम्परागत माध्यम (दुनिया के तीन मुख्य धर्मों में से एक, मसीहियत के विषय में) बाइबल पढ़ना ही रहा है; बाइबल से दूर जाना प्रभु में विश्वास नहीं है, बाइबल से दूर जाना एक दुष्ट पंथ और विधर्म है, और यहाँ तक कि जब लोग अन्य पुस्तकों को पढ़ते हैं, तो इन पुस्तकों की बुनियाद, बाइबल की व्याख्या ही होनी चाहिए। कहने का अर्थ है कि, यदि तुम कहते हो कि तुम प्रभु में विश्वास करते हो, तो तुम्हें बाइबल अवश्य पढ़नी चाहिए, तुम्हें बाइबल खानी और पीनी चाहिए, बाइबल के अलावा तुम्हें किसी अन्य पुस्तक की आराधना नहीं करनी चाहिए जिस में बाइबल शामिल नहीं हो। यदि तुम करते हो, तो तुम परमेश्वर के साथ विश्वासघात कर रहे हो। उस समय से जब बाइबल थी, प्रभु के प्रति लोगों का विश्वास बाइबल के प्रति विश्वास रहा है।

शनिवार, 27 अप्रैल 2019

"कलिसियाओं के लिए पवित्र आत्मा के वचन ""संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के कथन - सत्ताईसवाँ कथन"""



मानवीय व्यवहार ने कभी भी मेरे हृदय को स्पर्श नहीं किया है, और न ही वह मुझे बहुमूल्य लगा है। मनुष्य की नज़रों में, मैं हमेशा उससे सख़्ती से व्यवहार कर रहा हूँ, और मैं हमेशा उसके ऊपर अधिकार का प्रयोग कर रहा हूँ। मनुष्य के सभी कार्यों में, शायद ही कोई ऐसी चीज़ है जो मेरे वास्ते की जाती है, शायद ही कोई ऐसी चीज़ है जो मेरी नज़रों के सामने अडिग रहती है। अंततः, मनुष्य से संबंधित हर चीज़ मेरे सामने अतिसूक्ष्म रूप से चूर-चूर हो जाती है, और केवल उसके बाद ही हर किसी को उसकी स्वयं की विफलता के माध्यम से मुझे ज्ञात करवाते हुए, मैं अपने कार्य-कलापों को प्रदर्शित करता हूँ।

बुधवार, 24 अप्रैल 2019

सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया-तुम्हें सत्य के लिए जीना चाहिए क्योंकि तुम्हें परमेश्वर में विश्वास है

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के कथन, ईसाई भक्तियाँ, परमेश्वर का वचन, जीवन दशा,
एक सामान्य समस्या जो सभी मनुष्यों में पाई जाती है कि वे सत्य को समझते तो हैं लेकिन उसे अभ्यास में नहीं ला सकते हैं। एक तथ्य यह है कि मनुष्य मूल्य चुकाने के लिए तैयार नहीं है, और दूसरा यह है कि मनुष्य की सूझ-बूझ बहुत अपर्याप्त है; वह अतीत की उन कई कठिनाईयों की उपेक्षा करने में असमर्थ है जो वास्तविक जीवन में विद्यमान हैं और नहीं जानता है कि कैसे उन्हें उचित रूप से अभ्यास करे। चूँकि मनुष्य के पास सत्य का बहुत कम अनुभव, कमज़ोर क्षमता, और सत्य की सीमित समझ है, इसलिए वह उन कठिनाईयों को हल करने में असमर्थ है जिनका सामना वह जीवन में करता है। वह परमेश्वर में अपने विश्वास के लिए सिर्फ़ दिखावटी प्रेम कर सकता है, मगर परमेश्वर को अपने रोज़मर्रा के जीवन में लाने में असमर्थ है।

मंगलवार, 23 अप्रैल 2019

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन-परमेश्वर के वचन के द्वारा सब कुछ प्राप्त हो जाता है

परमेश्वर भिन्न-भिन्न युगों के अनुसार अपने वचन कहता है और अपना कार्य करता है, तथा भिन्न-भिन्न युगों में, वह भिन्न-भिन्न वचन कहता है। परमेश्वर नियमों से नहीं बँधता है, और एक ही कार्य को दोहराता नहीं है, और न अतीत की बातों को लेकर विषाद करता है; वह ऐसा परमेश्वर है जो सदैव नया है, कभी पुराना नहीं होता है, और वह हर दिन नये वचन बोलता है। जिस चीज का आज पालन किया जाना चाहिए उसका तुम्हें पालन करना चाहिए; यही मनुष्य की जिम्मेवारी और कर्तव्य है। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि अभ्यास परमेश्वर की वर्तमान रोशनी और वास्तविक वचनों के आस-पास केन्द्रित हो। परमेश्वर नियमों का पालन नहीं करता है, और अपनी बुद्धि और सर्व-सामर्थ्य को प्रकट करने के लिए विभिन्न परिप्रेक्ष्यों से बोलने में सक्षम है।

सोमवार, 22 अप्रैल 2019

देह की चिन्ता करने वालों में से कोई भी कोप के दिन से नहीं बच सकता है

आज, मैं तुम लोगों की उत्तरजीविता के वास्ते इस प्रकार से धिक्कारता हूँ, ताकि मेरा कार्य सुचारू रूप से प्रगति करे, और ताकि सम्पूर्ण जगत में मेरा आरंभिक कार्य, मेरे वचनों, अधिकार, प्रताप और मेरे न्याय को सभी देशों और राष्ट्रों के लोगों के लिए प्रकट करते हुए, और भी अधिक उचित ढंग से और उत्तम तरह से किया जा सके। जो कार्य मैं तुम लोगों के बीच करता हूँ वह सम्पूर्ण जगत में मेरे कार्य का आरम्भ है। यद्यपि अभी अंत के दिन चल रहे हैं, फिर भी ज्ञात रहे कि "अंत के दिन" केवल एक नए युग का नाम हैः ठीक व्यवस्था के युग और अनुग्रह के युग के समान, यह एक युग का संकेत है, और यह, अंतिम कुछ वर्षों या महीनों के बजाय, एक सम्पूर्ण युग को इंगित करता है।

रविवार, 21 अप्रैल 2019

जब झड़ती हुई पत्तियाँ अपनी जड़ों की ओर लौटेंगी तो तुम्हें उन सभी बुराइयों पर पछतावा होगा जो तुमने की हैं

तुम लोगों ने उस कार्य को देखा है जो मैने तुम लोगों के बीच किया है, तुम लोगों ने स्वयं उन वचनों को सुना है जो मैने बोले हैं, और तुम लोग अपने प्रति मेरे दृष्टिकोण को जानते हो, इसलिए तुम लोगों को पता होना चाहिए कि मैं तुम लोगों में इस कार्य को क्यों कर रहा हूँ। मैं तुम्हें सच्चाई बताता हूँ—तुम लोग अंत के दिनों में विजय के मेरे कार्य के लिए एक उपकरण से अधिक कुछ नहीं हो; तुम लोग अन्य जातियों के ेशों के बीच मेरे कार्य का विस्तार करने के लिए औजार हो। अन्य जातियों के देशों के बीच अपने नाम का प्रसार करने हेतु अपने कार्य का बेहतर ढंग से विस्तार करने के लिए, अर्थात्, इस्राएल के बाहर के किसी भी अन्य देश में प्रसार करने हेतु , मैं तुम लोगों की अधार्मिकता, तुम लोगों की गंदगी, तुम लोगों के प्रतिरोध और विद्रोहशीलता के माध्यम से बात करता हूँ।

शनिवार, 20 अप्रैल 2019

सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन-तुम विश्वास के विषय में क्या जानते हो?

मनुष्य केवल विश्वास के अनिश्चित शब्द पर बना रहता है, फिर भी मनुष्य यह नहीं जानता है कि वह क्या है जो विश्वास का निर्माण करता है, और यह तो बिलकुल ही नहीं जानता है कि उसके पास विश्वास क्यों है। मनुष्य बहुत ही कम जानता है और स्वयं मनुष्य में बहुत सारी कमियाँ हैं; वह बस लापरवाही और अज्ञानता से मुझ पर विश्वास रखता है। यद्यपि वह नहीं जानता है कि विश्वास क्या है न ही वह यह जानता है कि वह क्यों मुझ पर विश्वास रखे हुए है, वह सनक के साथ निरन्तर ऐसा करता रहता है। जो मैं मनुष्य से चाहता हूँ वह मात्र यह नहीं है कि वह सनक के साथ मुझे इस तरह पुकारे या अव्यवस्थित रीति से मुझ पर विश्वास करे।

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