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बुधवार, 20 नवंबर 2019

Hindi Christian Video "बाइबल से बाहर निकलें" क्लिप 1 - क्या परमेश्वर बाइबल के अनुसार कार्य करता है?

Hindi Christian Video "बाइबल से बाहर निकलें" क्लिप 1 - क्या परमेश्वर बाइबल के अनुसार कार्य करता है?


     जब अनुग्रह के युग में, प्रभु यीशु यह उपदेश देते हुए कि स्वर्ग का राज्य करीब है और लोगों को पश्चाताप का रास्ता दिखाते हुए, अपना कार्य कर रहे थे, तब यहूदी फरीसियों ने उनकी निंदा की थी, यह कह कर कि उनके वचन और कार्य पुराने नियम की व्यवस्थाओं के विरुद्ध थे, कि वे पुराने नियम को लांघ गये थे और यह कि यह धर्मद्रोह है।

सोमवार, 16 सितंबर 2019

Hindi Christian Video "संकट में स्वर्गारोहण" क्लिप 5 - परमेश्वर के कार्य और मनुष्य के कार्य में अंतर कैसे करें

Hindi Christian Video "संकट में स्वर्गारोहण" क्लिप 5 - परमेश्वर के कार्य और मनुष्य के कार्य में अंतर कैसे करें


धार्मिक दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जो परमेश्वर के कार्य को मनुष्य के कार्य से अलग नहीं कर सकते हैं। बहुत से लोग जिनकी आराधना करते हैं उनके किये कार्य को परमेश्वर के कार्य के रूप में आदर देते हैं और देहधारी परमेश्वर के कार्य को मनुष्य द्वारा किए गए कार्य के रूप में देखते हैं।

शुक्रवार, 13 सितंबर 2019

संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के कथन - दसवाँ कथन



आखिरकार, राज्य का युग बीते हुए समयों से अलग है। मनुष्य जो कुछ करता है यह उससे संबंधित नहीं है। उसके बजाए, पृथ्वी पर उतरने के बाद मैं व्यक्तिगत रूप से अपना कार्य करता हूँ-वह कार्य जिसका मनुष्य न तो अनुमान लगा सकते हैं और जिसे न ही पूरा कर सकते हैं। संसार की सृष्टि से लेकर आज तक, इन सारे वर्षों में यह हमेशा कलीसिया के निर्माण के विषय में था, किन्तु कोई भी राज्य के निर्माण के बारे में नहीं सुनता है।

गुरुवार, 12 सितंबर 2019

संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के कथन - नौवाँ कथन



चूँकि तुम मेरे घराने के एक सदस्य हो, और चूँकि तुम मेरे राज्य में निष्ठावान हो, इसलिए तुम जो कुछ भी करते हो उसे उन मानकों को पूरा करना चाहिए जिसकी मैं अपेक्षा करता हूँ। मैं यह नहीं कहता हूँ कि तुम घुमक्कड़ बादल से ज्यादा और कुछ नहीं बनो, बल्कि तुम चमचमाती हुई बर्फ के समान बनो, और उसके सार को और उस से भी बढ़कर उसके मूल्य को धारण करो। क्योंकि मैं पवित्र भूमि से आया था, कमल के समान नहीं, जिसके पास केवल एक नाम है और कोई सार नहीं क्योंकि वह कीचड़ से आया था न कि पवित्र भूमि से।

शनिवार, 31 अगस्त 2019

क्या तुम जानते हो? परमेश्वर ने मनुष्यों के बीच एक बहुत बड़ा काम किया है



पुराना युग बीत चुका है, और नया युग आ गया है। वर्ष दर वर्ष, और दिनोंदिन परमेश्वर ने बहुत काम किया है। वह इस संसार में आया और फिर लौट गया। ऐसा चक्र अनेक पीढ़ियों तक लगातार चलता रहा। आज भी परमेश्वर को जो काम करना है वह उसी प्रकार काम करता है वह काम जिसे उसे अभी पूरा करना है, उसने आज तक विश्राम में प्रवेश नहीं किया है। सृष्टि के समय से लेकर आज तक परमेश्वर ने बहुत से काम किये हैं, परंतु क्या तुम जानते हो कि परमेश्वर आज जो काम करता है वह पहले से अधिक बड़ा है, और उसका स्वरूप भी बड़ा है? यही कारण है कि मैं कहता हूं कि परमेश्वर ने मनुष्यों के बीच एक बहुत बड़ा काम किया है।

बुधवार, 28 अगस्त 2019

क्या परमेश्वर का कार्य इतना सरल है, जितना मनुष्य कल्पना करता है?



परमेश्वर पर विश्वास करने वाले व्यक्ति के रूप में, तुम को यह समझना चाहिए कि, आज, इन अंतिम दिनों में परमेश्वर का कार्य और तुम में परमेश्वर की योजना के सारे कार्य को पाने में, तुमने परमेश्वर की ओर से उत्कर्ष और उद्धार को वास्तव में पा लिया है। समस्त ब्रम्हांड में परमेश्वर के सारे कार्य ने इसी एक जनसमूह पर ध्यान केंद्रित किया है। उसने अपने सभी प्रयास तुम लोगों के लिये समर्पित किये और तुम्हारे लिये सब कुछ बलिदान किया है, उसने फिर से दावा किया है और समस्त ब्रम्हांड में तुम लोगों के लिये पवित्रा आत्मा के सभी काम दिये हैं। यही कारण है कि मैं कहता हूं, तुम सभी सौभाग्यशाली हो।

शुक्रवार, 9 अगस्त 2019

विश्वासियों को क्या दृष्टिकोण रखना चाहिए



वो क्या है जो मनुष्य ने प्राप्त किया है जब उसने सर्वप्रथम परमेश्वर में विश्वास किया? तुमने परमेश्वर के बारे में क्या जाना है? परमेश्वर में अपने विश्वास के कारण तुम कितने बदले हो? अब तुम सभी जानते हो कि परमेश्वर में मनुष्य का विश्वास आत्मा की मुक्ति और देह के कल्याण के लिए ही नही है, और न ही यह उसके जीवन को परमेश्वर के प्रेम से सम्पन्न बनाने के लिए, इत्यादि है। जैसा यह है, यदि तुम परमेश्वर को सिर्फ़ देह के कल्याण के लिए या क्षणिक आनंद के लिए प्रेम करते हो, तो भले ही, अंत में, परमेश्वर के लिए तुम्हारा प्रेम इसके शिखर पर पहुँचता है और तुम कुछ भी नहीं माँगते, यह "प्रेम" जिसे तुम खोजते हो अभी भी अशुद्ध प्रेम होता है, और परमेश्वर को भाने वाला नहीं होता।

मंगलवार, 6 अगस्त 2019

सोमवार, 5 अगस्त 2019

Hindi Christian Video "साम्यवाद का झूठ" क्लिप 4 - मसीह को अस्वीकार करने और उनकी निंदा करने के पीछे सीसीपी का असल लक्ष्य

Hindi Christian Video "साम्यवाद का झूठ" क्लिप 4 - मसीह को अस्वीकार करने और उनकी निंदा करने के पीछे सीसीपी का असल लक्ष्य


अनुग्रह के युग में, देहधारी प्रभु यीशु बाहर से एक साधारण, सामान्य मनुष्य जैसे दिखाई देते थे, परंतु प्रभु यीशु पश्चाताप का मार्ग लेकर आये, "पश्चाताप करो: क्योंकि स्वर्ग का राज्य तुम्हारे करीब है," और सूली पर चढ़कर उन्होंने मानवता के छुटकारे का कार्य किया। यह इस बात को साबित करने के लिए काफी है कि प्रभु यीशु देहधारी परमेश्वर थे। अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर, प्रभु यीशु के समान, बाहर से देखने में एक साधारण इंसान लगते हैं।

गुरुवार, 1 अगस्त 2019

देहधारी परमेश्वर और परमेश्वर द्वारा उपयोग किए गए लोगों के बीच महत्वपूर्ण अंतर



बहुत वर्षों से जैसे-जैसे परमेश्वर का आत्मा पृथ्वी पर कार्य करता जा रहा है वह निरंतर खोजता आ रहा है। युगों भर में परमेश्वर ने अपने कार्य को करने के लिए बहुत से लोगों का उपयोग किया है। फिर भी, परमेश्वर के आत्मा के पास आराम के लिए अभी भी कोई उपयुक्त स्थान नहीं है। इसलिए परमेश्वर भिन्न-भिन्न लोगों के बीच निरंतर इधर-उधर घूमते हुए अपना कार्य करता है, और कुल मिला कर वह इसे करने के लिए लोगों का उपयोग करता है। अर्थात्, इन सभी वर्षों में, परमेश्वर का कार्य कभी नहीं रुका है, बल्कि पूरी तरह से आज के दिन तक भी यह लगातार मनुष्य में आगे बढ़ाया जा रहा है।

गुरुवार, 25 जुलाई 2019

परमेश्वर के प्रकटन को उनके न्याय और ताड़ना में देखना



प्रभु यीशु मसीह के करोड़ों अनुयायियों के समान हम बाइबल की व्यवस्थाओं और आज्ञाओं का पालन करते हैं, प्रभु यीशु मसीह के विपुल अनुग्रह का आनंद लेते हैं, और प्रभु यीशु मसीह के नाम पर एक साथ इकट्ठे होते हैं, प्रार्थना, प्रशंसा और सेवा करते हैं—और यह सब हम प्रभु की देखभाल और सुरक्षा के अधीन करते हैं। हम कई बार निर्बल, और कई बार बलवान होते हैं। हम विश्वास करते हैं कि हमारे सभी कार्य प्रभु की शिक्षाओं के अनुसार हैं। यह कहने की आवश्यकता नहीं, कि तब, हम स्वयं भी स्वर्ग में पिता की इच्छा के अनुसार आज्ञाकारिता के मार्ग पर चलने में विश्वास करते हैं। हम प्रभु यीशु के लौटने की, प्रभु यीशु के महिमामय आगमन की, पृथ्वी पर हमारे जीवन के अंत की, परमेश्वर के राज्य के प्रकट होने की, और उन सब बातों की अभिलाषा करते हैं जिनकी प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में भविष्यवाणी की गई थी: प्रभु आता है, आपदा लाता है, भलों को पुरस्कार और दुष्टों को दण्ड देता है, एवं उन सभी को जो उनका अनुसरण करते हैं और उनकी वापसी का स्वागत करते हैं, प्रभु से मिलने के लिए हवा में ले जाता है।

सोमवार, 8 जुलाई 2019

परमेश्वर और मनुष्य एक साथ विश्राम में प्रवेश करेंगे भाग एक



आरंभ में परमेश्वर विश्राम कर रहा था। उस समय पृथ्वी पर कोई मनुष्य या अन्य कुछ भी नहीं था, और परमेश्वर ने किसी भी तरह का कोई कार्य नहीं किया था। परमेश्वर ने अपने प्रबंधन के कार्य को केवल तब आरंभ किया जब एक बार मानवजाति अस्तित्व में आ गई और एक बार जब मानव जाति भ्रष्ट कर दी गई। इसके बाद से, परमेश्वर ने अब और विश्राम नहीं किया बल्कि इसके बजाय उसने स्वयं को मनुष्यजाति के बीच व्यस्त रखना आरंभ कर लिया। यह मनुष्यों की भ्रष्टता की वजह से था कि परमेश्वर को उसके विश्राम से उठा दिया गया, और यह प्रधान स्वर्गदूत के विद्रोह के कारण भी था कि जिसने परमेश्वर को उसके विश्राम से उठा दिया।

बुधवार, 3 जुलाई 2019

परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों को जानना ही परमेश्वर को जानने का मार्ग है भाग दो



परमेश्वर स्वयं का कार्य वह दर्शन है जो मनुष्य को अवश्य जानना चाहिए, क्योंकि परमेश्वर का कार्य मनुष्यों के द्वारा प्राप्त नहीं किया जा सकता है, और मनुष्यों के द्वारा धारण नहीं किया जाता है। कार्य के तीन चरण परमेश्वर के प्रबंधन की सम्पूर्णता हैं, और इससे बड़ा कोई दर्शन नहीं है जो मनुष्यों के द्वारा ज्ञात किया जाना चाहिए। यदि मनुष्य इस शक्तिशाली दर्शन को नहीं जानता है, तो परमेश्वर को जानना आसान नहीं है, और परमेश्वर की इच्छा को समझना आसान नहीं है, और, इसके अलावा, मनुष्य जिस मार्ग पर चलता है वह उत्तरोत्तर कठिन बन जाता है। दर्शन के बिना, मनुष्य इतनी दूर तक नहीं आ सकता था। ये दर्शन ही हैं जिन्होंने आज तक मनुष्य की सुरक्षा की है और जिन्होंने मनुष्य को सबसे बड़ा संरक्षण प्रदान किया है। भविष्य में, तुम लोगों का ज्ञान अवश्य अधिक गहरा होना चाहिए और तुम लोगों को उसकी इच्छा की सम्पूर्णता को और कार्य के तीन चरणों में उसके बुद्धिमान कार्य के सार को अवश्य जान लेना चाहिए। केवल यही तुम लोगों की असली कद काठीहै।

गुरुवार, 27 जून 2019

परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का काम भाग तीन



वह कार्य जो मनुष्य के दिमाग में होता है उसे बहुत ही आसानी से मनुष्य के द्वारा प्राप्त किया जाता है। उदाहरण के लिए, इस धार्मिक संसार में पास्टर एवं अगुवे अपने कार्य को करने के लिए अपने वरदानों एवं पदों पर भरोसा रखते हैं। ऐसे लोग जो लोग लम्बे समय से उनका अनुसरण करते हैं वे उनके वरदानों के द्वारा संक्रमित हो जाएंगे और जो वे हैं उनमें से कुछ के द्वारा उन्हें प्रभावित किया जाएगा। वे लोगों के वरदानों, योग्यताओं एवं ज्ञान पर ध्यान केन्द्रित करते हैं, और वे कुछ अलौकिक कार्यों और अनेक गम्भीर अवास्तविक सिद्धान्तों पर ध्यान देते हैं (हाँ वास्तव में, इन गम्भीर सिद्धान्तों को हासिल नहीं किया जा सकता है)। वे लोगों के स्वभाव के परिवर्तनों पर ध्यान केन्द्रित नहीं करते हैं, किन्तु इसके बजाए वे लोगों के प्रचार एवं कार्य करने की योग्यताओं को प्रशिक्षित करने, और लोगों के ज्ञान एवं समृद्ध धार्मिक सिद्धान्तों को बेहतर बनाने के ऊपर ध्यान केन्द्रित करते हैं। वे इस पर ध्यान केन्द्रित नहीं करते हैं कि लोगों के स्वभाव में कितना परिवर्तन हुआ है या इस पर कि लोग सत्य को कितना समझते हैं।

बुधवार, 26 जून 2019

परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का काम भाग दो



पवित्र आत्मा का कार्य कुल मिलाकर लोगों को इस योग्य बनाना है कि वे लाभ प्राप्त कर सकें; यह कुल मिलाकर लोगों की उन्नति के विषय में है; ऐसा कोई कार्य नहीं है जो लोगों को लाभान्वित न करता हो। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि सत्य गहरा है या उथला, और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि उन लोगों की क्षमता किसके समान है जो सत्य को स्वीकार करते हैं, जो कुछ भी पवित्र आत्मा करता है, यह सब लोगों के लिए लाभदायक है। परन्तु पवित्र आत्मा का कार्य सीधे तौर पर नहीं किया जाता है; इसे उन मनुष्यों से होकर गुज़रना होगा जो उसके साथ सहयोग करते हैं। यह केवल इसी रीति से होता है जिससे पवित्र आत्मा के कार्य के परिणामों को प्राप्त किया जा सकता है। हाँ वास्तव में, जब यह पवित्र आत्मा का प्रत्यक्ष कार्य है, तो इसमें मिलावट बिलकुल भी नहीं की जाती है; परन्तु जब यह मनुष्य के माध्यम का उपयोग करता है, तो यह अत्यंत मिश्रित हो जाता है और यह पवित्र आत्मा का मूल कार्य नहीं है।

मंगलवार, 25 जून 2019

परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का काम भाग एक



मनुष्य के काम में कितना कार्य पवित्र आत्मा का कार्य है और कितना मनुष्य का अनुभव है? यहाँ तक कि अब भी, ऐसा कहा जा सकता है कि लोग अब तक इन प्रश्नों को नहीं समझते हैं, यह सब इसलिए है क्योंकि लोग पवित्र आत्मा के कार्य करने के सिद्धान्तों को नहीं समझते हैं। मनुष्य का काम जिसके बारे में मैं बात कर रहा हूँ वह वास्तव उन लोगों के कार्य की ओर संकेत कर रहा है जिनके पास पवित्र आत्मा का कार्य है या ऐसे लोग जिन्हें पवित्र आत्मा के द्वारा उपयोग किया जाता है। मैं उस कार्य की ओर संकेत नहीं कर रहा हूँ जो मनुष्य की इच्छा से उत्पन्न होता है किन्तु पवित्र आत्मा के कार्य के दायरे के भीतर प्रेरितों, कार्यकर्ताओं या सामान्य भाईयों एवं बहनों के कामों की ओर संकेत कर रहा हूँ।

गुरुवार, 13 जून 2019

"कार्य और प्रवेश" पर परमेश्वर के वचन के चार अंशों से संकलन भाग तीन



15. पुरुषों के बीच में शायद ही कोई परमेश्वर के हृदय की तीव्र इच्छा को समझता है क्योंकि लोगों की क्षमता बहुत कम है और उनकी आध्यात्मिक संवेदनशीलता काफी सुस्त है, और क्योंकि वे सभी न तो देखते हैं और न ही ध्यान देते हैं कि परमेश्वर क्या कर रहा है। इसलिए परमेश्वर मनुष्य के बारे में चिंता करता रहता है, मानो कि मनुष्य की पाशविक प्रकृति किसी भी क्षण बाहर आ सकती हो। यह आगे दर्शाता है कि परमेश्वर का पृथ्वी पर आना बड़े प्रलोभनों के साथ-साथ है। किन्तु लोगों के एक समूह को पूरा करने के वास्ते, महिमा से लदे हुए, परमेश्वर ने मनुष्य को अपने हर अभिप्राय के बारे में, कुछ भी नहीं छिपाते हुए, बता दिया। उसने लोगों के इस समूह को पूरा करने के लिए दृढ़ता से संकल्प किया है। इसलिए, कठिनाई आए या प्रलोभन, वह नज़र फेर लेता है और इस सभी को अनदेखा करता है।

मंगलवार, 11 जून 2019

"कार्य और प्रवेश" पर परमेश्वर के वचन के चार अंशों से संकलन भाग एक



1. जब से लोगों ने जीवन के सही मार्ग पर चलना शुरू किया, ऐसी कई चीजें हैं जिनके बारे में वे अस्पष्ट रहेहैं। वे परमेश्वर के कार्य के विषय में तथा उन्हें कितना कार्य करना चाहिए,इस विषय में पूर्ण रीति से भ्रम में हैं। एक ओर, यह उनके अनुभव की कमी के कारण और उनकी ग्रहण करने की क्षमता सीमित होने के कारण है; दूसरी ओर, यह इसलिए है कि परमेश्वर के कार्य ने लोगों को अभी तक इस अवस्था में नहीं पहुँचाया है। इसलिए, हर कोई अधिकांश आत्मिक विषयों के बारे में अस्पष्ट है। न केवल तुम लोग इस बारे में अस्पष्ट हो कि तुम्हें किस में प्रवेश करना चाहिए; बल्कि तुम लोग परमेश्वर के कार्य के बारे में भी अनजान हो। यह तुम्हारे भीतर केवल कमियों की बात नहीं है: यह उन सभी का बहुत बड़ा दोष है जो धार्मिक जगत से संबंध रखते हैं। इसका रहस्य यहाँ छिपा हुआ है कि क्यों लोग परमेश्वर को नहीं जानते, और इसलिए यह दोष उन सभी में आम कमी है जो परमेश्वर को खोजते हैं।

शुक्रवार, 7 जून 2019

"देहधारण का रहस्य" पर परमेश्वर के वचन के चार अंशों से संकलन भाग एक



1. अनुग्रह के युग में, यूहन्ना ने यीशु का मार्ग प्रशस्त किया। वह स्वयं परमेश्वर का कार्य नहीं कर सकता था और उसने मात्र मनुष्य का कर्तव्य पूरा किया था। यद्यपि यूहन्ना प्रभु का अग्रदूत था, फिर भी वह परमेश्वर का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता था; वह आत्मा के द्वारा उपयोग किया गया मात्र एक मनुष्य था। यीशु के बपतिस्मा के बाद "पवित्र आत्मा कबूतर के समान उस पर उतरा।" तब उसने अपना काम आरम्भ किया, अर्थात्, उसने मसीह की सेवकाई करना प्रारम्भ किया। इसीलिए उसने परमेश्वर की पहचान को अपनाया, क्योंकि वह परमेश्वर से आया था। इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि इससे पहले उसका विश्वास कैसा था—कदाचित् कभी-कभी यह दुर्बल था, या कभी-कभी यह मज़बूत था—अपनी सेवकाई को करने से पहले यह सब उसका सामान्य मानव जीवन था।

गुरुवार, 6 जून 2019

"परमेश्वर के काम का दर्शन" पर परमेश्वर के वचन के तीन अंशों से संकलन भाग दो



14. अपने सभी प्रबंधन में परमेश्वर का कार्य पूर्णतः स्पष्ट है: अनुग्रह का युग अनुग्रह का युग है, और अंत के दिन अंत के दिन हैं। प्रत्येक युग के बीच सुस्पष्ट अंतर हैं,क्योंकि हर युग में परमेश्वर कार्य करता है जो उस युग का प्रतिनिधित्व करता है। अंत के दिनों का कार्य किए जाने के लिए, युग का अंत लाने के लिए ज्वलन, न्याय, ताड़ना, कोप, और विनाश अवश्य होने चाहिए। अंत के दिन अंतिम युग को संदर्भित करते हैं। अंतिम युग के दौरान, क्या परमेश्वर युगका अंत नहीं लाएगा? युग को समाप्त करने के लिए, परमेश्वर को अपने साथ ताड़ना और न्याय अवश्य लाना चाहिए। केवल इसी तरह से वह युग को समाप्त कर सकता है। यीशु का प्रयोजन ऐसा था ताकि मनुष्य अस्तित्व में रहना जारी रख सके, जीवित रह सके, और एक बेहतर तरीके से विद्यमान रह सके।

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