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शनिवार, 9 नवंबर 2019

"बाइबल से बाहर निकलें" क्लिप 2 - क्या हम बाइबल से बंधे रहकर अनंत जीवन पा सकते हैं?

Hindi Christian Video "बाइबल से बाहर निकलें" क्लिप 2 - क्या हम बाइबल से बंधे रहकर अनंत जीवन पा सकते हैं?


अंत के दिनों में, सर्वशक्तिमान परमेश्वर अपना न्याय का कार्य करते हैं, और अनंत जीवन का मार्ग लेकर आते हैं, और अंत के दिनों के मसीह द्वारा व्यक्त सत्य को स्वीकार करके ही हम अनंत जीवन पा सकते हैं।

शुक्रवार, 20 सितंबर 2019

Hindi Christian Video "संकट में स्वर्गारोहण" क्लिप 7 - क्या मनुष्य द्वारा सत्य के अनुरूप बोले गए वचन सत्य को दर्शाते हैं?


Hindi Christian Video "संकट में स्वर्गारोहण" क्लिप 7 - क्या मनुष्य द्वारा सत्य के अनुरूप बोले गए वचन सत्य को दर्शाते हैं?

परमेश्वर सत्य, मार्ग और जीवन है। केवल परमेश्वर में ही सत्य का सार है। परमेश्वर स्वयं सत्य है। लेकिन धार्मिक दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं जो परमेश्वर जिनका उपयोग करता है उन लोगों के द्वारा बोले जाने वाले वचनों को या जिनमें पवित्र आत्मा का कार्य है जो सत्य के अनुरूप हैं, उनके द्वारा बोले जाने वाले वचनों को सत्य मान लेते हैं।

गुरुवार, 1 अगस्त 2019

देहधारी परमेश्वर और परमेश्वर द्वारा उपयोग किए गए लोगों के बीच महत्वपूर्ण अंतर



बहुत वर्षों से जैसे-जैसे परमेश्वर का आत्मा पृथ्वी पर कार्य करता जा रहा है वह निरंतर खोजता आ रहा है। युगों भर में परमेश्वर ने अपने कार्य को करने के लिए बहुत से लोगों का उपयोग किया है। फिर भी, परमेश्वर के आत्मा के पास आराम के लिए अभी भी कोई उपयुक्त स्थान नहीं है। इसलिए परमेश्वर भिन्न-भिन्न लोगों के बीच निरंतर इधर-उधर घूमते हुए अपना कार्य करता है, और कुल मिला कर वह इसे करने के लिए लोगों का उपयोग करता है। अर्थात्, इन सभी वर्षों में, परमेश्वर का कार्य कभी नहीं रुका है, बल्कि पूरी तरह से आज के दिन तक भी यह लगातार मनुष्य में आगे बढ़ाया जा रहा है।

गुरुवार, 13 जून 2019

"कार्य और प्रवेश" पर परमेश्वर के वचन के चार अंशों से संकलन भाग तीन



15. पुरुषों के बीच में शायद ही कोई परमेश्वर के हृदय की तीव्र इच्छा को समझता है क्योंकि लोगों की क्षमता बहुत कम है और उनकी आध्यात्मिक संवेदनशीलता काफी सुस्त है, और क्योंकि वे सभी न तो देखते हैं और न ही ध्यान देते हैं कि परमेश्वर क्या कर रहा है। इसलिए परमेश्वर मनुष्य के बारे में चिंता करता रहता है, मानो कि मनुष्य की पाशविक प्रकृति किसी भी क्षण बाहर आ सकती हो। यह आगे दर्शाता है कि परमेश्वर का पृथ्वी पर आना बड़े प्रलोभनों के साथ-साथ है। किन्तु लोगों के एक समूह को पूरा करने के वास्ते, महिमा से लदे हुए, परमेश्वर ने मनुष्य को अपने हर अभिप्राय के बारे में, कुछ भी नहीं छिपाते हुए, बता दिया। उसने लोगों के इस समूह को पूरा करने के लिए दृढ़ता से संकल्प किया है। इसलिए, कठिनाई आए या प्रलोभन, वह नज़र फेर लेता है और इस सभी को अनदेखा करता है।

रविवार, 6 जनवरी 2019

40. अच्छे कर्म क्या हैं? अच्छे कर्मों की अभिव्यक्तियाँ क्या हैं?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
यदि तुम सत्य को धारण करते हो, तो तुम परमेश्वर का अनुसरण कर सकते हो। यदि तुम जीवन जीते हो, तो तुम परमेश्वर के वचन की अभिव्यक्ति हो सकते हो। यदि तुम्हारे पास जीवन है तो तुम परमेश्वर की आशीषों का आनन्द ले सकते हो।

मंगलवार, 18 दिसंबर 2018

17. एक झूठा मसीह क्या होता है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
यदि कोई मनुष्य अपने आप को परमेश्वर कहता हो मगर अपनी दिव्यता को व्यक्त करने में, परमेश्वर स्वयं का कार्य करने में, या परमेश्वर का प्रतिनिधित्व करने में असमर्थ हो, तो वह निसंदेह ही परमेश्वर नहीं है, क्योंकि उसमें परमेश्वर का सार नहीं है, और परमेश्वर जो अंतर्निहित रूप से प्राप्त कर सकता है वह उसके भीतर विद्यमान नहीं है।

बुधवार, 14 नवंबर 2018

प्रश्न 22: प्रभु यीशु ने कहा: "परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूँगा, वह फिर अनन्तकाल तक प्यासा न होगा; वरन् जो जल मैं उसे दूँगा, वह उसमें एक सोता बन जाएगा जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा।" (यूहन्ना 4:14)। अधिकांश लोग सोचते हैं कि प्रभु यीशु ने हमें पहले से ही अनन्त जीवन का मार्ग प्रदान किया है, लेकिन मैंने सर्वशक्तिमान परमेश्वर के इन वचनों को पढ़ा है: "केवल अंतिम दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनन्त जीवन का मार्ग दे सकता है।" यह सब क्या है? यह क्यों कहता है कि आखिरी दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनन्त जीवन का मार्ग दे सकता है?

प्रश्न 22: प्रभु यीशु ने कहा: "परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूँगा, वह फिर अनन्तकाल तक प्यासा न होगा; वरन् जो जल मैं उसे दूँगा, वह उसमें एक सोता बन जाएगा जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा।" (यूहन्ना 4:14)। अधिकांश लोग सोचते हैं कि प्रभु यीशु ने हमें पहले से ही अनन्त जीवन का मार्ग प्रदान किया है, लेकिन मैंने सर्वशक्तिमान परमेश्वर के इन वचनों को पढ़ा है: "केवल अंतिम दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनन्त जीवन का मार्ग दे सकता है।" यह सब क्या है? यह क्यों कहता है कि आखिरी दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनन्त जीवन का मार्ग दे सकता है?

उत्तर:
देहधारी बने परमेश्वर ही प्रभु यीशु हैं, परमेश्‍वर का प्रकटन हैं। प्रभु यीशु ने कहा, "और जो कोई भी मुझमें जीता और विश्वास करता है, वह कभी नहीं मरता है।" "परंतु जो पानी मैं उसे दूँगा वह उसमें एक कुएं का निर्माण करेगी जिससे उसे चिरस्थायी जीवन प्राप्त होगा।" बाइबल कहती है, "वह जो पुत्र पर विश्वास करता है, वह शाश्वत जीवन प्राप्त करता है।" ये सभी वचन सत्य हैं, वे सभी तथ्य हैं! क्योंकि देहधारी बने परमेश्वर ही प्रभु यीशु हैं, उनमें परमेश्‍वर का सार और पहचान है। वे स्‍वयं चिरस्थायी जीवन का मार्ग हैं। वे जो कुछ भी कहते हैं और करते हैं वह परमेश्वर के जीवन की एक स्वाभाविक अभिव्यक्ति है। वह जो कुछ व्यक्त करते हैं वह सत्‍य है और वह है जो परमेश्‍वर के पास है और जो परमेश्‍वर है।

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