परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
ऐसा क्यों कहा जाता है कि धार्मिक कलीसियाओं के उन लोगों के रीति व्यवहार प्रचलन से बाहर हो गए हैं? ऐसा इसलिए है क्योंकि जिसे वे अभ्यास में लाते हैं वह आज के कार्य से अलग हो गया है। अनुग्रह के युग में, जिसे वे अभ्यास में लाते थे वह सही था, किन्तु चूँकि युग गुज़र चुका है और परमेश्वर का कार्य बदल चुका है, तो उनका रीति व्यवहार धीरे धीरे प्रचलन से बाहर हो गया है। इसे नए कार्य एवं नए प्रकाश के द्वारा पीछे छोड़ दिया गया है।
ऐसा क्यों कहा जाता है कि धार्मिक कलीसियाओं के उन लोगों के रीति व्यवहार प्रचलन से बाहर हो गए हैं? ऐसा इसलिए है क्योंकि जिसे वे अभ्यास में लाते हैं वह आज के कार्य से अलग हो गया है। अनुग्रह के युग में, जिसे वे अभ्यास में लाते थे वह सही था, किन्तु चूँकि युग गुज़र चुका है और परमेश्वर का कार्य बदल चुका है, तो उनका रीति व्यवहार धीरे धीरे प्रचलन से बाहर हो गया है। इसे नए कार्य एवं नए प्रकाश के द्वारा पीछे छोड़ दिया गया है।