परमेश्वर के वचन से जवाब:
बड़े लाल अजगर की अभिव्यक्ति मेरे प्रति प्रतिरोध, मेरे वचनों के अर्थों की समझ और बोध की कमी, बार-बार मेरा उत्पीड़न, और मेरे प्रबंधन को बाधित करने के लिए षड़यंत्रों का उपयोग करने की कोशिश करना है। …जिस बड़े लाल अजगर के बारे में मैं बात करता हूँ वह एक बड़ा लाल अजगर नहीं है; बल्कि यह मेरे विरोध में दुष्ट आत्मा है, जिसके लिए "बड़ा लाल अजगर" एक समानार्थी है।
वचन देह में प्रकट होता है में आरम्भ में मसीह के कथन के "अध्याय 96" से
हज़ारों सालों से यह गंदगी की भूमि रही है, यह असहनीय रूप से मैली है, कष्ट से भरी हुई है, प्रेत यहाँ हर कोने में घूमते हैं, चाले चलते हुए और धोखा देते हुए, निराधार आरोप लगाते हुए,[1] क्रूर और भयावह बनते हुए, इस भूतिया शहर को कुचलते हुए और मृत शरीरों से भरते हुए; क्षय की बदबू ज़मीन को ढक चुकी है और हवा में शामिल हो गई है, और इसे भारी रूप से संरक्षित रखा जाता है।[2]आसमान से परे की दुनिया को कौन देख सकता है? सभी मनुष्यों के शरीर को शैतान कसकर बांध देता है, उसकी दोनों आँखें निकाल देता है, और उसके होंठों को मज़बूती से बंद कर देता है। शैतानों के राजा ने हज़ारों वर्षों तक तबाही मचाई है, और आज भी वह तबाही मचा रहा है और इस भूतिया शहर पर करीब से नज़र रखे हुए है, मानो यह राक्षसों का एक अभेद्य महल हो; नज़र रखने वाले प्रहरी इस दौरान चमकती हुई आँखों से घूरते हैं, इस बात से अत्यंत भयभीत कि परमेश्वर उन्हें अचानक पकड़ लेगा और उन सभी को मिटा कर रख देगा, और उन्हें शांति और ख़ुशी के स्थान से वंचित कर देगा। ऐसे भूतिया शहर के लोग कैसे कभी परमेश्वर को देख सकते हैं? क्या उन्होंने कभी परमेश्वर की प्रियता और सुंदरता का आनंद लिया है? मानवीय दुनिया के मामलों की क्या कद्र है उन्हें? उनमें से कौन परमेश्वर की उत्सुक इच्छा को समझ सकता है? यह कोई आश्चर्य की बात नहीं कि देहधारी परमेश्वर पूरी तरह से छिपा हुआ है: इस तरह के अंधियारे समाज में, जहां राक्षस बेरहम और अमानवीय हैं, शैतानों का राजा, जो पलक झपकते ही लोगों को मार डालता है, वो ऐसे परमेश्वर के अस्तित्व को कैसे सहन कर सकता है जो प्यारा, दयालु और पवित्र भी है? वह परमेशवर के आगमन की वाहवाही और जयकार कैसे कर सकता है? ये दास! ये दयालुता का बदला घृणा से चुकाते हैं, उन्होंने लंबे समय से परमेश्वर की निंदा की है, वे परमेश्वर को अपशब्द बोलते हैं, वे चरमसीमा तक क्रूर हैं, उनमें परमेश्वर के प्रति थोड़ा-सा भी सम्मान नहीं है, वे लूटते हैं और डाका डालते हैं, वे सभी विवेक खो चुके हैं, और उनमें दयालुता का कोई निशान नहीं बचा, और वे निर्दोषों को अचेतावस्था की ओर मुग्ध करते हैं। प्राचीनों के पूर्वज? प्रिय नेता? वे सभी परमेश्वर का विरोध करते हैं! उनके हस्तक्षेप ने स्वर्ग के नीचे के सभी लोगों को अंधेरे और अराजकता की स्थिति में छोड़ दिया है! धार्मिक स्वतंत्रता? नागरिकों के वैध अधिकार और हित? ये सब पाप को छिपाने के तरीके हैं! …परमेश्वर के कार्य के सामने ऐसी अभेद्य बाधा क्यों डालना? परमेश्वर के लोगों को धोखा देने के लिए विभिन्न चालों को क्यों आज़माना? वास्तविक स्वतंत्रता और वैध अधिकार और हित कहां हैं? निष्पक्षता कहां है? आराम कहाँ है? स्नेह कहाँ है? धोखेबाज़ योजनाओं का उपयोग करके परमेश्वर के लोगों को क्यों छलना? परमेश्वर के आगमन को दबाने के लिए बल का उपयोग क्यों? क्यों नहीं परमेश्वर को उस धरती पर स्वतंत्रता से घूमने दिया जाए जिसे उसने बनाया? क्यों परमेश्वर को तब तक परेशान किया जाए जब तक उसके पास आराम से सिर रखने के लिए जगह न रहे? मनुष्यों के बीच का स्नेह कहाँ है? लोगों के बीच स्वागत की भावना कहां है? परमेश्वर में इस तरह की हताश तड़प क्यों पैदा करना? परमेवर को क्यों बार-बार पुकारने पर मजबूर करना? परमेश्वर को अपने प्रिय पुत्र के लिए चिंता करने के लिए क्यों मजबूर करना? यह अंधकारमय समाज और उसके शत्रुओं के संरक्षक कुत्ते क्यों परमेश्वर को स्वतंत्रता से इस दुनिया में आने और जाने से रोकते हैं जिसे उसने बनाया?
"वचन देह में प्रकट होता है" से "कार्य और प्रवेश (8)" से
संभवतः तुम सबको ये वचन स्मरण होंगे: "क्योंकि हमारा पल भर का हल्का सा क्लेश हमारे लिये बहुत ही महत्वपूर्ण और अनन्त महिमा उत्पन्न करता जाता है।" अतीत में तुम सबने यह बात सुनी है तो भी किसी ने इन वचनों का सही अर्थ नहीं समझा। आज, तुम सभी अच्छे से जानते हो कि उनका वास्तविक महत्व क्या है। ये वह वचन है जिन्हें परमेश्वर अंतिम दिनों में पूरा करेगा। और ये वचन उन में पूरे होंगे जो विशाल लाल अजगर द्वारा निर्दयतापूर्वक पीड़ित किये गए हैं, उस देश में जहां वह रहता है। यह बड़ा लाल अजगर परमेश्वर को सताता है और परमेश्वर का शत्रु है, इसलिए इस देश में, जो परमेश्वर पर विश्वास करते हैं उन्हें अपमानित किया जाता और सताया जाता है। इस कारण ये शब्द तुम्हारे समूह के लोगों में वास्तविकता बन जाएंगे। जब उस देश में परमेश्वर का कार्य किया जाता है जहाँ परमेश्वर का विरोध होता है, उसके सारे कामों में अत्यधिक बाधा आती है, और उसके बहुत से वचन सही समय पर पूरे नहीं किये जा सकते; अतः, परमेश्वर के वचनों के कारण लोग शुद्ध किये जाते हैं। यह भी पीड़ा का एक तत्व है। परमेश्वर के लिए विशाल लाल अजगर के देश में अपना कार्य करना बहुत कठिन है, परन्तु ऐसी कठिनाईयों के बीच में अपनी बुद्धि और अद्भुत कामों को प्रकट करने के लिए परमेश्वर अपने काम का मंचन करता है। परमेश्वर इस अवसर के द्वारा इस जनसमूह के लोगों को पूर्ण करता है।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "क्या परमेश्वर का कार्य इतना सरल है, जितना मनुष्य कल्पना करता है?" से
फुटनोट:
1. "निराधार आरोप लगाना" का अर्थ है वे तरीके जिनके द्वारा शैतान लोगों को नुकसान पहुँचाता है।
2. "भारी रूप से संरक्षित" उन विधियों को दर्शाता है जिनका उपयोग करके शैतान लोगों को यातना पहुँचाता है, वे बहुत ही दुष्ट होते हैं, और लोगों को इतना नियंत्रित करते हैं कि उन्हें हिलने की जगह नहीं मिलती।
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