"परमेश्वर में आस्था" (3) - परमेश्वर के कार्य और प्रकटन धार्मिक समुदाय के लिए क्या लाते हैं?
हर बार परमेश्वर देहधारी हो जाते हैं और अपना कार्य करने के लिए प्रकट होते हैं, शैतान की बुरी शक्तियाँ असभ्य तरीके से सत्य के मार्ग को नकारती हैं और उसकी निंदा करती है।
इस प्रकार, आध्यात्मिक संसार में युद्ध उत्पन्न होता है जो धार्मिक संसार का बँटवारा करता है और उसे उजागर करता है। प्रभु यीशु ने कहा था, "यह न समझो कि मैं पृथ्वी पर मिलाप कराने आया हूँ; मैं मिलाप कराने नहीं, पर तलवार चलवाने आया हूँ" (मत्ती 10: 34)। जब प्रभु यीशु प्रकट हुए और अनुग्रह के युग में अपना कार्य किया, यहूदी धर्म अनेक धार्मिक समुदायों में बंट गया। अब अंत के दिनों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकटीकरण और कार्य करने से धार्मिक संसार बहुत बड़े खुलासे के अधीन है, गेंहू और जंगली दाने के पौधे, भेड़ और बकरियां, बुद्धिमान कुंवारियां और मूर्ख कुंवारियां, अच्छे सेवकों और बुरे सेवकों– सभी का, उनके अपने तरीके से खुलासा होगा। परमेश्वर की बुद्धि और चमत्कार वास्तव में अगाध हैं!
अनुशंसित:परमेश्वर में आस्था (4) - क्या बाइबल में विश्वास प्रभु में विश्वास करने के समान है?
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