परमेश्वर के वचन से जवाब:
मनुष्य के जीवन में थोड़ा-सा भी उत्साह नहीं है, और उसमें कोई मानवीय स्वाद या चमक नहीं है—फिर भी उसने हमेशा अपने आप को उसमें तपाया है, और अपना सम्पूर्ण जीवनकाल बिना महत्व के बिताया है जिस में वह बिना कुछ हासिल किए यहाँ से वहाँ भागता फिरता है। आँखों के पलक झपकाते ही, मृत्यु का दिन नज़दीक आ जाता है, और मनुष्य एक कड़वी मौत मरता है। इस संसार में, उसने कुछ भी पूर्ण नहीं किया, या कुछ भी हासिल नहीं किया है—वह जल्दी जल्दी आता है और जल्दी जल्दी चला जाता है। मेरी नज़रों में उन में से कोई कभी कुछ भी लेकर नहीं आया है या कुछ लेकर नहीं गया, और इस प्रकार मनुष्य सोचता है कि यह संसार अन्यायी है। फिर भी कोई भी जल्दी नहीं जाना चाहता है। वे महज उस दिन का इन्तज़ार करते हैं जब मेरी प्रतिज्ञा मनुष्य के बीच में अचानक से प्रकट होगी, जो उस समय उन्हें अनुमति देगी, कि जब वे भटक जाएँ, तो उन्हें एक बार फिर अनन्त जीवन का मार्ग दिखाएँ।
सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड के लिये परमेश्वर के कथन "वचन देह में प्रकट होता है" के "बीसवाँ कथन" से लिया गया
लोगों का ध्यान सर्वदा संसार, अनेक आशाएँ रखने, अपने भविष्य के लिए बहुत अधिक चाहने और अनेक अनावश्यक मांग करने की ओर रहता है। वे सर्वदा अपने शरीर के विषय में सोचते और योजना बनाते रहते हैं और कभी परमेश्वर में विश्वास करने के मार्ग की खोज में रुचि नहीं रखते हैं। उनके हृदयों को शैतान के द्वारा कब्ज़े में कर लिया गया है, उन्होंने परमेश्वर के लिए अपने सम्मान को खो दिया है, और वे अपना हृदय शैतान को समर्पित कर रहे हैं। परन्तु मनुष्य की सृष्टि परमेश्वर के द्वारा की गई थी। मनुष्य परमेश्वर के साक्ष्य को खो चुका है, अर्थात वह परमेश्वर के प्रताप को खो चुका है। मनुष्य को जीतने का उद्देश्य परमेश्वर के लिए मनुष्य के सम्मान के प्रताप को पुनः प्राप्त करना है। …तुम ज्योति की बहूमूल्यता का अनुभव नहीं करते हो, जब तुम इसमें रह रहे होते हो, परन्तु एक बार जब तुम अन्धेरी रात में रह रहे होगे, तब तुम इसकी बहुमूल्यता को पूर्णत: जान जाओगे। तब तुम्हें अफसोस होगा। अभी तुम्हें अच्छा अनुभव होता है, परन्तु वह दिन आएगा जब तुम्हें अफसोस होगा। जब वह दिन आता और अन्धकार नीचे उतरता है और ज्योति फिर कभी नहीं होगी, तब तुम्हार अफसोस करने में बहुत देर हो जाएगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि तुम अभी भी वर्तमान कार्य को नहीं समझते हो, इसलिए तुम अभी अपने समय का आनन्द उठाने में असफल हो। एक बार जब सम्पूर्ण आकाशमण्डल का कार्य आरम्भ होता है अर्थात जो कुछ मैं आज कह रहा हूँ, जब वह पूर्ण हो चुका होगा, अनेक लोग अपने सिर पकड़ कर फूट-फूटकर रो रहे होंगे। क्या वह रोने और दांत पीसते हुए अन्धकार में गिरना नहीं है?
"वचन देह में प्रकट होता है" से "विजयी कार्यों का आंतरिक सत्य (1)" से
यदि तू परमेश्वर द्वारा पूर्ण बनाए जाने के अवसर को नहीं ढूँढता है, यदि तू अपने पूर्ण बनाए जाने का प्रयास नहीं करता है, तब तू अंततः खेद से भर जाएगा। अभी पूर्ण बनाए जाने का श्रेष्ठ अवसर है,—यह श्रेष्ठ समय है। यदि तू गंभीरतापूर्वक परमेश्वर द्वारा पूर्ण बनाए जाने की कोशिश नहीं करता है, एक बार उसका काम सम्पन्न हो जाता है, तो बहुत देर हो जाएगी—तू अवसर से चूक जाएगा। भले ही तूने इसमें कोई प्रयास किया हो, तू कभी भी पूर्ण बनाए जाने में सक्षम नहीं होगा। तुझे इस अवसर को अवश्य धर लेना चाहिए, पवित्र आत्मा के महान कार्यों के माध्यम से सहयोग करना चाहिए, यदि तुम यह अवसर को खोते हो, तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि तुमने कितना भी प्रयास किया है तुम्हें दूसरा नहीं दिया जाएगा।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "परमेश्वर की इच्छा के प्रति सावधान रहना और पूर्णता को प्राप्त करना" से
कोई भी नहीं जानता कि बार बार स्मरण कराना और परमेश्वर के द्वारा प्रबोधन इसलिए दिया जाता है क्योंकि वह अपने हाथ में एक अद्वितीय आपदा लिए हुए है जो उसने तैयार की है, जो कि मनुष्य के हाड़-मांस और प्राण के लिए असहनीय होगी। यह आपदा न केवल देह के लिए दण्ड है वरन् आत्मा के लिए भी यह एक दण्ड है। तुम्हें इसे जानने की आवश्यकता हैः जब परमेश्वर की योजना निष्प्रभावी बना दी जाती है और जब उसका स्मरण कराना और प्रबोधन देना किसी प्रतिक्रिया को उत्पन्न नहीं करता, तो वह अपना कौन सा क्रोध प्रगट करेगा? यह ऐसा होगा जो किसी प्राणी ने पहले न तो कभी अनुभव किया गया होगा और न ही सुना होगा। इसलिए मैं कहता हूं कि यह आपदा अभूतपूर्व है और फिर कभी भी दोहराई नहीं जाएगी। क्योंकि परमेश्वर की योजना के भीतर केवल एक ही रचना और एक ही उद्धार है। यह पहला अवसर है और आखिरी भी।
"वचन देह में प्रकट होता है" से "परमेश्वर मनुष्य के जीवन का स्रोत है" से
जागो, भाइयो! जागो, बहनो! मेरे दिन में विलंब नहीं किया जाएगा; समय जीवन है, और समय को कब्जे में लेना जीवन बचाना है! समय बहुत दूर नहीं है! यदि तुम लोग विद्यालय में प्रवेश के लिए परीक्षा देते हो और उत्तीर्ण नहीं होते हो, तो तुम लोग फिर से कोशिश कर सकते हो और परीक्षा के लिए याद कर सकते हो। हालाँकि, मेरे दिन में ऐसा कोई विलंब नहीं होगा। याद रखो! याद रखो! मैं इन अच्छे वचनों के साथ आग्रह करता हूँ। दुनिया का अंत तुम लोगों की नज़रों के बिल्कुल सामने प्रकट होता है, बड़ी आपदाएँ तेजी से निकट आती हैं; क्या तुम लोगों का जीवन महत्वपूर्ण है या तुम लोगों का सोना, खाना, पीना, और कपड़े पहनना महत्वपूर्ण है? इन चीज़ों को समझने का तुम लोगों का समय आ गया है। अब और संदेह में मत रहो और निश्चित होने में संकोच मत करो!
"वचन देह में प्रकट होता है" से "तीसवाँ कथन" से
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें