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मंगलवार, 8 जनवरी 2019

42. परमेश्वर किन लोगों को बचाता है? वह किन लोगों को हटा देता है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
जो शैतान से संबंधित होते हैं वे परमेश्वर के वचनों को नहीं समझते हैं और जो परमेश्वर से संबंधित होते हैं वे परमेश्वर की आवाज़ को सुन सकते हैं। वे सभी लोग जो मेरे द्वारा बोले गए वचनों को महसूस करते और समझते हैं ऐसे लोग हैं जो बचाए जाएँगे, और परमेश्वर की गवाही देंगे; वे सभी लोग जो मेरे द्वारा बोले गए वचनों को नहीं समझते हैं परमेश्वर की गवाही नहीं दे सकते हैं, और ऐसे लोग हैं जो निकाल दिए जाएँगे।

मंगलवार, 11 दिसंबर 2018

10. अपने कर्तव्य को करने का क्या अर्थ है?

परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
मनुष्य का अपना कर्तव्य निभाना, वास्तव में, उस सबका निष्पादन है जो मनुष्य के भीतर अन्तर्निहित है, अर्थात्, जो मनुष्य के लिए संभव है, उसका निष्पादन है। यह इसके बाद ही है कि उसका कर्तव्य पूरा होता है। मनुष्य की सेवा के दौरान मनुष्य के दोष उसके प्रगतिशील अनुभवों और न्याय के अनुभव की उसकी प्रक्रिया के माध्यम से धीरे-धीरे कम होते जाते हैं; वे मनुष्य के कर्तव्य में बाधा हैं या प्रभाव नहीं डालते हैं। वे लोग जो सेवा करना बंद कर देते हैं या हार मान लेते हैं और ऐसे दोषों के भय से पीछे हट जाते हैं जो सेवा में विद्यमान हो सकते हैं सभी मनुष्यों में सबसे कायर होते हैं।

शनिवार, 24 नवंबर 2018

प्रश्न 34: धार्मिक पादरियों और प्राचीन लोगों को बाइबल का सशक्त ज्ञान है, वे प्रायः लोगों के समक्ष बाइबल का विस्तार करते हैं और उन्हें बाइबल का सहारा बनाये रखने के लिए कहते हैं, इसलिए बाइबल की व्याख्या करना और उसकी प्रशंसा करना क्या वास्तव में परमेश्वर की गवाही देना और प्रशंसा करना है? ऐसा क्यों कहा जाता है कि धार्मिक पादरी और प्राचीन लोग ढोंगी फरीसी हैं? हम अभी भी इसको समझ नहीं सकते हैं, तो क्या तुम हमारे लिए इसका जवाब दे सकते हो?

उत्तर:
लोगों के लिए, बाइबल की व्याख्या करना गलत नहीं होना चाहिए, परंतु, बाइबल की व्याख्या करते वक्त वे वास्तव में ऐसे काम करते हैं जिनसे परमेश्वर का विरोध होता है। ये किस तरह के लोग हैं? क्या वे पाखंडी फरीसी नहीं हैं? क्या वे परमेश्वर-विरोधी मसीह-विरोधी नहीं हैं? पादरी और एल्डर्स, बाइबल की व्याख्या करना परमेश्वर का विरोध करना कैसे हो सकता है? इससे परमेश्वर की निंदा कैसे होती है? अभी भी ऐसे लोग हैं जो समझ नहीं पा रहे हैं और अभी भी सोचते हैं कि बाइबल की व्याख्या करना परमेश्वर को गौरवान्वित करना और उनकी गवाही देना है। उस ज़माने के यहूदी मुख्य पादरी, धर्मगुरु और फरीसी सभी धर्मग्रंथों के अध्येता और विद्वान थे, जो लोगों के सामने अक्सर धर्मग्रंथों की व्याख्या किया करते थे।

शुक्रवार, 19 अक्टूबर 2018

3. परमेश्वर की इच्छा का पालन करने वाला कोई व्यक्ति वास्तव में कैसा होता है? और परमेश्वर पर विश्वास की सच्ची गवाही क्या है?

परमेश्वर की गवाही देते बीस सत्य, भगवान अच्छा है, गवाही, श्रद्धा, प्रार्थना,

3. परमेश्वर की इच्छा का पालन करने वाला कोई व्यक्ति वास्तव में कैसा होता है? और परमेश्वर पर विश्वास की सच्ची गवाही क्या है?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"तब अय्यूब उठा, और बागा फाड़, सिर मुँड़ाकर भूमि पर गिरा और दण्डवत् करके कहा, मैं अपनी माँ के पेट से नंगा निकला और वहीं नंगा लौट जाऊँगा; यहोवा ने दिया और यहोवा ही ने लिया; यहोवा का नाम धन्य है" (अय्यूब 1:20-21)।
"और उसने कहा, अपने पुत्र को अर्थात् अपने एकलौते पुत्र इसहाक को, जिस से तू प्रेम रखता है, संग लेकर मोरिय्याह देश में चला जा; और वहाँ उसको एक पहाड़ के ऊपर जो मैं तुझे बताऊँगा होमबलि करके चढ़ा। … अब्राहम ने हाथ बढ़ाकर छुरी को ले लिया कि अपने पुत्र को बलि करे" (उत्‍पत्ति 22:2,10)।

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