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रविवार, 3 फ़रवरी 2019

21. हमारे पाप क्षमा कर दिये गये हैं और प्रभु में विश्वास के जरिये हमें न्यायसंगत माना गया है, और साथ ही, हमने बहुत-सी चीज़ों का त्याग किया है, स्वयं को खपाया है, और प्रभु के लिए अनथक मेहनत की है। मुझे यकीन है कि इस प्रकार का विश्वास हमें स्वर्ग के राज्य में आरोहित होने देगा। आप ऐसा क्यों कहते हैं कि यह हमें स्वर्गिक राज्य में प्रवेश नहीं दिलायेगा?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"जो मुझ से, 'हे प्रभु! हे प्रभु!' कहता है, उनमें से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा, परन्तु वही जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है। उस दिन बहुत से लोग मुझ से कहेंगे, 'हे प्रभु, हे प्रभु, क्या हम ने तेरे नाम से भविष्यद्वाणी नहीं की, और तेरे नाम से दुष्‍टात्माओं को नहीं निकाला, और तेरे नाम से बहुत से आश्‍चर्यकर्म नहीं किए?' तब मैं उनसे खुलकर कह दूँगा, 'मैं ने तुम को कभी नहीं जाना। हे कुकर्म करनेवालो, मेरे पास से चले जाओ'" (मत्ती 7:21-23)।
"पर जैसा तुम्हारा बुलानेवाला पवित्र है, वैसे ही तुम भी अपने सारे चालचलन में पवित्र बनो। क्योंकि लिखा है, 'पवित्र बनो, क्योंकि मैं पवित्र हूँ'" (1 पतरस 1:15-16)।
"सबसे मेल मिलाप रखो, और उस पवित्रता के खोजी हो जिसके बिना कोई प्रभु को कदापि न देखेगा" (इब्रानियों 12:14)।
परमेश्वर के वचन से जवाब:
परमेश्वर के सामने, क्या एक पवित्र व्यक्ति के रूप में या धर्मी व्यक्ति के रूप में पूर्ण बनाया जाना इतना आसान है? यह एक सामान्य सत्य है कि "इस पृथ्वी पर कोई भी धर्मी नहीं है, जो धर्मी हैं वे इस संसार में नहीं हैं।"

गुरुवार, 8 नवंबर 2018

प्रश्न 13: बाइबल कहती है: "क्योंकि धार्मिकता के लिये मन से विश्‍वास किया जाता है, और उद्धार के लिये मुँह से अंगीकार किया जाता है" (रोमियों 10:10)। हम मानते हैं कि प्रभु यीशु ने हमारे पापों को क्षमा कर दिया है और विश्वास के द्वारा हमें धर्मी बना दिया है। इसके अलावा, हम मानते हैं कि अगर किसी को एक बार बचाया जाता है, तो वे हमेशा के लिए बचा लिए जाते हैं, और जब परमेश्वर वापस आएगा तो हम तुरंत स्वर्गारोहण कर जाएँगे और स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करेंगे। तो तुम क्यों प्रमाण दे रहे हो कि बचाए जाने और स्वर्ग के राज्य में लाये जाने से पहले हमें आखिरी दिनों के परमेश्वर के न्याय को स्वीकार करना चाहिए?

प्रश्न 13: बाइबल कहती है: "क्योंकि धार्मिकता के लिये मन से विश्‍वास किया जाता है, और उद्धार के लिये मुँह से अंगीकार किया जाता है" (रोमियों 10:10)। हम मानते हैं कि प्रभु यीशु ने हमारे पापों को क्षमा कर दिया है और विश्वास के द्वारा हमें धर्मी बना दिया है। इसके अलावा, हम मानते हैं कि अगर किसी को एक बार बचाया जाता है, तो वे हमेशा के लिए बचा लिए जाते हैं, और जब परमेश्वर वापस आएगा तो हम तुरंत स्वर्गारोहण कर जाएँगे और स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करेंगे। तो तुम क्यों प्रमाण दे रहे हो कि बचाए जाने और स्वर्ग के राज्य में लाये जाने से पहले हमें आखिरी दिनों के परमेश्वर के न्याय को स्वीकार करना चाहिए?

उत्तर:
प्रभु के सभी विश्वासियों का मानना है: प्रभु यीशु ने सलीब पर दम तोड़कर हमें मुक्ति दिला दी, तो हम पहले से ही सभी पापों से मुक्त हो चुके हैं। प्रभु अब हमें पापी नहीं मानते। हम अपने विश्वास के ज़रिये धर्मी बन गए हैं। अगर हम अंत तक सहन करते रहे तो हम बचा लिये जाएँगे। जब प्रभु आएँगे तो वे सीधे ही हमें स्वर्ग के राज्य में आरोहित कर देंगे। तो क्या ये वाकई सच है? क्या परमेश्वर ने इस दावे के समर्थन में अपने वचनों में कभी कोई सबूत दिया है? यदि यह दृष्टिकोण सत्य के अनुरूप न हो तो इसके परिणाम क्या होंगे? हम प्रभु के विश्वासियों को हर बात के लिये, अपने आधार के रूप में उनके वचनों का उपयोग करना चाहिए।

बुधवार, 31 अक्तूबर 2018

प्रश्न 1: हमारा मानना है कि परमेश्वर की वापसी का अर्थ है कि विश्वासियों को सीधे स्वर्ग के राज्य में उठा लिया जाता है, क्योंकि यह बाइबल में लिखा हुआ है: "तब हम जो जीवित और बचे रहेंगे उनके साथ बादलों पर उठा लिये जाएँगे कि हवा में प्रभु से मिलें; और इस रीति से हम सदा प्रभु के साथ रहेंगे" (1 थिस्सलुनीकियों 4:17)। तुम प्रमाणित कर रहे हो कि प्रभु यीशु वापस आ गया है, तो हम अब पृथ्वी पर क्यों हैं और अभी तक स्वर्गारोहित क्यों नहीं हुए हैं?

प्रश्न 1: हमारा मानना है कि परमेश्वर की वापसी का अर्थ है कि विश्वासियों को सीधे स्वर्ग के राज्य में उठा लिया जाता है, क्योंकि यह बाइबल में लिखा हुआ है: "तब हम जो जीवित और बचे रहेंगे उनके साथ बादलों पर उठा लिये जाएँगे कि हवा में प्रभु से मिलें; और इस रीति से हम सदा प्रभु के साथ रहेंगे" (1 थिस्सलुनीकियों 4:17)। तुम प्रमाणित कर रहे हो कि प्रभु यीशु वापस आ गया है, तो हम अब पृथ्वी पर क्यों हैं और अभी तक स्वर्गारोहित क्यों नहीं हुए हैं?

उत्तर:
हमें प्रभु की उन भविष्यवाणियों के आधार पर उनकी वापसी की आशा करनी चाहिए जो उन्होंने खुद की थी। यह प्रभु की वापसी का इंतज़ार करने का सबसे मान्य तरीका है। आप दरअसल किनका हवाला दे रहे हैं? आप प्रभु के वचनों का हवाला दे रहे हैं या इंसानों के वचनों का? "तब हम जो जीवित और बचे रहेंगे उनके साथ बादलों पर उठा लिये जाएँगे कि हवा में प्रभु से मिलें;" ये बात किसने कही? क्या ये प्रभु यीशु के वचन हैं? प्रभु यीशु ने ऐसी बात कभी नहीं कही। न ही पवित्र आत्मा ने कभी ऐसा कहा।

बुधवार, 24 अक्तूबर 2018

1. स्वर्गारोहण परमेश्वर के वचनों पर आधारित होना चाहिए, न कि मनुष्य की धारणाओं और कल्पनाओं पर।

परमेश्वर की गवाही देते बीस सत्य, परमेश्वर के राज्य की खोज करें,

1. स्वर्गारोहण परमेश्वर के वचनों पर आधारित होना चाहिए, न कि मनुष्य की धारणाओं और कल्पनाओं पर।

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"हे हमारे पिता, तू जो स्वर्ग में है; तेरा नाम पवित्र माना जाए। तेरा राज्य आए। तेरी इच्छा जैसी स्वर्ग में पूरी होती है, वैसे पृथ्वी पर भी हो" (मत्ती 6:9-10)।
"फिर मैं ने पवित्र नगर नये यरूशलेम को स्वर्ग से परमेश्‍वर के पास से उतरते देखा… देख, परमेश्‍वर का डेरा मनुष्यों के बीच में है। वह उनके साथ डेरा करेगा, और वे उसके लोग होंगे, और परमेश्‍वर आप उनके साथ रहेगा और उनका परमेश्‍वर होगा" (प्रकाशितवाक्य 21:2-3)।
"जगत का राज्य हमारे प्रभु का और उसके मसीह का हो गया, और वह युगानुयुग राज्य करेगा" (प्रकाशितवाक्य 11:15)।
"कोई स्वर्ग पर नहीं चढ़ा, केवल वही जो स्वर्ग से उतरा, अर्थात् मनुष्य का पुत्र जो स्वर्ग में है" (युहन्ना 3:13)।
परमेश्वर के प्रासंगिक वचन:
मानवजाति के विश्राम में प्रवेश करने का अर्थ है कि समस्त मानवजाति परमेश्वर के प्रकाश के भीतर और उसके आशीषों के अधीन जीवन जीएगी; वहाँ शैतान की कुछ भी भ्रष्टता नहीं होगी, न ही कोई अधार्मिक बात होगी। मानवजाति सामान्य रूप से पृथ्वी पर रहेगी, वह परमेश्वर की देखभाल के अधीन रहेगी। जब परमेश्वर और मनुष्य दोनों एक साथ विश्राम में प्रवेश करेंगे, तो इसका अर्थ होगा कि मानवजाति को बचा लिया गया है और शैतान का विनाश हो चुका है, कि मनुष्यों के बीच परमेश्वर का कार्य पूरी तरह समाप्त हो गया है।

रविवार, 7 अक्तूबर 2018

XV फरीसियों और परमेश्वर का विरोध करती धार्मिक दुनिया के सार को किस तरह पहचानें इस पर हर किसी को स्पष्ट रूप से सहभागिता करनी चाहिए

परमेश्वर की गवाही देते बीस सत्य, बाइबिल अध्ययन, परमेश्वर के राज्य की खोज करें,

3. क्यों परमेश्वर के कार्य का हर नया चरण धार्मिक दुनिया की प्रचंड अवज्ञा और निंदा का सामना करता है? इसका मूल कारण क्या है?

संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"फिर वह दृष्‍टान्तों में उनसे बातें करने लगा: 'किसी मनुष्य ने दाख की बारी लगाई, और उसके चारों ओर बाड़ा बाँधा, और रस का कुण्ड खोदा, और गुम्मट बनाया; और किसानों को उसका ठेका देकर परदेश चला गया। फिर फल के मौसम में उसने किसानों के पास एक दास को भेजा कि किसानों से दाख की बारी के फलों का भाग ले। पर उन्होंने उसे पकड़कर पीटा और छूछे हाथ लौटा दिया। फिर उसने एक और दास को उनके पास भेजा; उन्होंने उसका सिर फोड़ डाला और उसका अपमान किया।

सोमवार, 9 जुलाई 2018

Hindi Christian Movie "बदलाव की घड़ी" | How to Be Raptured Into the Kingdom of Heaven (Hindi Dubbed)

Hindi Christian Movie "बदलाव की घड़ी" | How to Be Raptured Into the Kingdom of Heaven (Hindi Dubbed)


सू मिंग्यू मुख्य-भूमि चीन में एक गृह कलीसिया में उपदेशिका हैं। वर्षों से वे प्रभु की धर्मनिष्ठ सेविका रही हैं, जो प्रभु के लिए उपदेश देने का कार्य करती हैं और कलीसिया के कार्य का भार उठाने पर ज़ोर देती हैं।

Hindi Christian Movie | अग्नि द्वारा बप्तिस्मा | Can We Enter the Kingdom of Heaven by Hard Work?

Hindi Christian Movie | अग्नि द्वारा बप्तिस्मा | Can We Enter the Kingdom of Heaven by Hard Work?       प्रभु यीशु ने कहा, "जो म...