पहला देहधारी परमेश्वर पृथ्वी पर साढ़े तैंतीस साल रहा, फिर भी उसने अपनी सेवकाई को उन सालों में से केवल साढ़े तीन साल तक ही किया। अपना कार्य करने के दौरान और अपना कार्य आरम्भ करने से पहले, इन दोनों समयों में, वह अपनी सामान्य मानवता को धारण किए हुए था। वह अपनी साधारण मानवता में साढ़े तैंतीस साल तक रहा। पूरे साढ़े तीन साल तक उसने अपने आप को देहधारी परमेश्वर के रूप में प्रकट किया। अपनी सेवकाई का कार्य प्रारम्भ करने से पहले, अपनी दिव्यता का कोई भी चिन्ह प्रकट नहीं करते हुए, वह अपनी साधारण और सामान्य मानवता के साथ प्रकट हुआ, और यह केवल उसकी सेवकाई को औपचारिक तौर पर प्रारम्भ करने के बाद ही हुआ कि उसकी दिव्यता प्रदर्शित की गई थी।
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रविवार, 30 जून 2019
गुरुवार, 7 मार्च 2019
65. प्रभु की वापसी के बारे में, बाइबल में साफ़ तौर पर दर्ज है, "उस दिन या उस घड़ी के विषय में कोई नहीं जानता, न स्वर्ग के दूत और न पुत्र; परन्तु केवल पिता" (मरकुस 13:32)। यदि आप कहते हैं कि प्रभु यीशु पहले ही लौट कर आ चुके हैं, तो आपको कैसे पता चला?
परमेश्वर के वचन से जवाब:
उषाकाल में, किसी को भी बताए बिना, परमेश्वर पृथ्वी पर आया और देह में अपना जीवन शुरू किया। लोग इस क्षण से अनभिज्ञ थे। कदाचित वे सब घोर निद्रा में थे, कदाचित बहुत से लोग जो सतर्कतापूर्वक जागे हुए थे वे प्रतीक्षा कर रहे थे, और कदाचित कई लोग स्वर्ग के परमेश्वर से चुपचाप प्रार्थना कर रहे थे। फिर भी इन सभी कई लोगों के बीच, कोई नहीं जानता था कि परमेश्वर पहले से ही पृथ्वी पर आ चुका है।
सोमवार, 28 जनवरी 2019
14. जिन लोगों ने अनेक वर्षों तक प्रभु यीशु में विश्वास किया है और उत्साह के साथ स्वयं को खपा कर अथक काम किया है, उन्होंने प्रभु के लिए बहुत दुख सहे हैं। क्या ऐसा हो सकता है कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अंत के दिनों के कार्य को स्वीकार न करने के कारण उनका उद्धार न किया जाए और उन्हें स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न मिले?
संदर्भ के लिए बाइबल के पद:
"जो मुझ से, 'हे प्रभु! हे प्रभु!' कहता है, उनमें से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा, परन्तु वही जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है। उस दिन बहुत से लोग मुझ से कहेंगे, 'हे प्रभु, हे प्रभु, क्या हम ने तेरे नाम से भविष्यद्वाणी नहीं की, और तेरे नाम से दुष्टात्माओं को नहीं निकाला, और तेरे नाम से बहुत से आश्चर्यकर्म नहीं किए?' तब मैं उनसे खुलकर कह दूँगा, 'मैं ने तुम को कभी नहीं जाना। हे कुकर्म करनेवालो, मेरे पास से चले जाओ'" (मत्ती 7:21-23)।
शनिवार, 3 नवंबर 2018
प्रश्न 6: परमेश्वर यीशु देहधारी परमेश्वर था और कोई भी इस से इन्कार नहीं कर सकता। अब तुम यह गवाही दे रहे हो कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही देह में लौटा हुआ प्रभु यीशु है, परन्तु धार्मिक पादरियों और प्राचीन लोगों का कहना है कि तुम जिसमें विश्वास करते हो वह सिर्फ एक व्यक्ति है, वे कहते हैं कि तुम लोगों को धोखा दिया गया है, और हम इसका भेद समझ नहीं पाते हैं। उस समय जब प्रभु यीशु देह बना और छुटकारे का कार्य करने के लिए आया, यहूदी फरीसियों ने भी कहा कि प्रभु यीशु केवल एक व्यक्ति था, कि जो कोई भी उस पर विश्वास करता था, वह धोखा खा रहा था। इसलिए, हम देह-धारण के बारे में सच्चाई के इस पहलू का अनुसरण करना चाहते हैं। वास्तव में देह-धारण क्या होता है? और देह-धारण का सार क्या है? कृपया हमारे लिए इस बारे में सहभागिता करो।
प्रश्न 6: परमेश्वर यीशु देहधारी परमेश्वर था और कोई भी इस से इन्कार नहीं कर सकता। अब तुम यह गवाही दे रहे हो कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर ही देह में लौटा हुआ प्रभु यीशु है, परन्तु धार्मिक पादरियों और प्राचीन लोगों का कहना है कि तुम जिसमें विश्वास करते हो वह सिर्फ एक व्यक्ति है, वे कहते हैं कि तुम लोगों को धोखा दिया गया है, और हम इसका भेद समझ नहीं पाते हैं। उस समय जब प्रभु यीशु देह बना और छुटकारे का कार्य करने के लिए आया, यहूदी फरीसियों ने भी कहा कि प्रभु यीशु केवल एक व्यक्ति था, कि जो कोई भी उस पर विश्वास करता था, वह धोखा खा रहा था। इसलिए, हम देह-धारण के बारे में सच्चाई के इस पहलू का अनुसरण करना चाहते हैं। वास्तव में देह-धारण क्या होता है? और देह-धारण का सार क्या है? कृपया हमारे लिए इस बारे में सहभागिता करो।
उत्तर:
परमेश्वर के देह धारण के रूप में प्रभु यीशु में आप लोगों का विश्वास झूठा नहीं है। लेकिन आप लोग प्रभु यीशु में विश्वास क्यों करते हैं? क्या आप लोगों को सचमुच लगता है कि प्रभु यीशु परमेश्वर हैं? आप लोग बाइबल में दर्ज़ बातों के कारण और पवित्र आत्मा के कार्य के कारण प्रभु यीशु में विश्वास करते हैं। लेकिन इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि आप लोग क्या कहते हैं, अगर आप लोगों ने प्रभु यीशु को आमने-सामने नहीं देखा है, तो क्या आप सचमुच यह कहने की हिम्मत करते हैं कि आप लोग प्रभु यीशु को जानते हैं? प्रभु में अपने विश्वास में, आप लोग सिर्फ़ पतरस के शब्दों को प्रतिध्वनित करते हैं, जिन्होंने कहा कि प्रभु यीशु ही मसीह हैं, जीवित परमेश्वर के पुत्र हैं, लेकिन क्या आप लोग यह मानते हैं कि प्रभु यीशु परमेश्वर का स्वरूप हैं, स्वयं परमेश्वर हैं? क्या आप यह कहने की हिम्मत करते हैं कि आप लोग प्रभु यीशु के दिव्य सार को जानते हैं? क्या आप इस बात की गारंटी दे सकते हैं कि अगर प्रभु यीशु सत्य को व्यक्त करने के लिए फिर से आते, तो आप लोग उनकी वाणी को पहचान जाते? प्रभु यीशु में आप लोगों का विश्वास सिर्फ़ इन शब्दों "प्रभु यीशु" में विश्वास से ज्यादा कुछ भी नहीं है। आप लोग सिर्फ़ उनके नाम में विश्वास करते हैं।
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